रायपुर । भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने रायपुर के मेयर एजाज ढेबर द्वारा मास्को में लाइट मेट्रो ट्रेन के लिए किए गए एमओयू पर कड़ा हमला किया है। मूणत ने मेयर ढेबर के इस दौरे को पूरी तरह व्यक्तिगत बताते हुए दावा किया कि यह दौरा किसी सरकारी उद्देश्य से नहीं किया गया है और इसका पूरा खर्च भी मेयर ढेबर स्वयं उठा रहे हैं।
मूणत ने सवाल उठाते हुए कहा कि मेयर ढेबर जिस परिवहन विकास विभाग की बैठक में शामिल हुए, उसका निमंत्रण मास्को के डिप्टी मेयर द्वारा व्यक्तिगत रूप से दिया गया था, न कि किसी सरकारी एजेंसी द्वारा। इसलिए, यह दौरा और इसके तहत किया गया कोई भी समझौता सरकारी तौर पर मान्य नहीं हो सकता। मूणत ने जोर देते हुए कहा कि मेयर का एमओयू किसी वैधता के बिना है क्योंकि इसे केंद्र सरकार की कैबिनेट समिति से मंजूरी नहीं मिली है।
मूणत का दावा: चुनावी वादों के लिए दिखाया सब्जबाग
राजेश मूणत ने यह भी कहा कि इस कथित एमओयू का कोई भी कानूनी महत्व नहीं है क्योंकि यह यात्रा सरकारी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मेयर ढेबर ने आगामी नगरीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए जनता को झूठे सपने दिखाने के लिए इस प्रकार की घोषणा की है।
एमओयू की वैधता पर सवाल
पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि एमओयू में किसी प्रकार की ठोस योजना, फंडिंग, तकनीकी हस्तांतरण, या राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कोई सरकारी पदाधिकारी व्यक्तिगत दौरे पर किसी देश में गया है, तो उसके द्वारा किए गए समझौते को सरकारी समझौता नहीं माना जा सकता।
नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनज़र उठे सवाल
इस पूरे मामले में मूणत ने यह भी कहा कि मेयर ढेबर का यह कदम आगामी नगरीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने इसे जनता के सामने एक "चुनावी सब्जबाग" बताते हुए दावा किया कि इस तरह के एमओयू से रायपुर में मेट्रो ट्रेन लाने का कोई ठोस आधार नहीं है।
रायपुर । भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने रायपुर के मेयर एजाज ढेबर द्वारा मास्को में लाइट मेट्रो ट्रेन के लिए किए गए एमओयू पर कड़ा हमला किया है। मूणत ने मेयर ढेबर के इस दौरे को पूरी तरह व्यक्तिगत बताते हुए दावा किया कि यह दौरा किसी सरकारी उद्देश्य से नहीं किया गया है और इसका पूरा खर्च भी मेयर ढेबर स्वयं उठा रहे हैं।
मूणत ने सवाल उठाते हुए कहा कि मेयर ढेबर जिस परिवहन विकास विभाग की बैठक में शामिल हुए, उसका निमंत्रण मास्को के डिप्टी मेयर द्वारा व्यक्तिगत रूप से दिया गया था, न कि किसी सरकारी एजेंसी द्वारा। इसलिए, यह दौरा और इसके तहत किया गया कोई भी समझौता सरकारी तौर पर मान्य नहीं हो सकता। मूणत ने जोर देते हुए कहा कि मेयर का एमओयू किसी वैधता के बिना है क्योंकि इसे केंद्र सरकार की कैबिनेट समिति से मंजूरी नहीं मिली है।
मूणत का दावा: चुनावी वादों के लिए दिखाया सब्जबाग
राजेश मूणत ने यह भी कहा कि इस कथित एमओयू का कोई भी कानूनी महत्व नहीं है क्योंकि यह यात्रा सरकारी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मेयर ढेबर ने आगामी नगरीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए जनता को झूठे सपने दिखाने के लिए इस प्रकार की घोषणा की है।
एमओयू की वैधता पर सवाल
पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि एमओयू में किसी प्रकार की ठोस योजना, फंडिंग, तकनीकी हस्तांतरण, या राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कोई सरकारी पदाधिकारी व्यक्तिगत दौरे पर किसी देश में गया है, तो उसके द्वारा किए गए समझौते को सरकारी समझौता नहीं माना जा सकता।
नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनज़र उठे सवाल
इस पूरे मामले में मूणत ने यह भी कहा कि मेयर ढेबर का यह कदम आगामी नगरीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने इसे जनता के सामने एक "चुनावी सब्जबाग" बताते हुए दावा किया कि इस तरह के एमओयू से रायपुर में मेट्रो ट्रेन लाने का कोई ठोस आधार नहीं है।