1 नहीं, बल्की 12 तरह के होते हैं कालसर्प दोष, इससे जीवन में बढ़ती हैं अनेक परेशानियां, जानें इनके बारे में:

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यदि आपके सपने में कई बार लगातार सांप दिखाई देते हैं या फिर आपको सांप से डर लगता है, जीवन में लगातार बाधाएं आ रही हैं और इनका कोई समाधान भी नहीं हो पा रहा है तो समझ लीजिए कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष हो सकता है. इसके अलावा कुंडली में कई ऐसे शुभ और अशुभ योग बनते हैं जिससे पता चलता है कि आपको कौन सा दोष लगने वाला है या लगा हुआ है क्योंकि कालसर्प दोष कई प्रकार के होते हैं. आइए जानते हैं कालसर्प दोष के प्रकारों के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से.

यदि आपकी कुंडली में राहु लग्न में और केतु सप्तम भाव में हो तो अनंत काल सर्प दोष लगता है. वहीं यदि राहु द्वितीय भाव में और केतु अष्टम भाव में हो तो कुलिक काल सर्प दोष लगता है. जबकि, राहु तृतीय भाव में और केतु नवम भाव में हो तो वासकु काल सर्प दोष लगता है.

आपकी कुंडली में राहु चतुर्थ भाव में और केतु दशम भाव में हो तो शंखपाल कालसर्प दोष लगता है. वहीं राहु पंचम भाव में और केतु एकादश भाव में हो तो पद्य कालसर्प दोष लगता है. जबकि, राहु छठवें भाव में तथा केतु बारहवें भाव में हो तो महापद्म कालसर्प दोष लगता है.

यदि आपकी कुंडली में राहु सप्तम भाव में और केतु लग्न में स्थित हो तो तक्षक कालसर्प दोष लगता है. वहीं केतु दूसरे स्थान में तथा राहु अष्टम स्थान में हो तो कर्कोटक कालसर्प दोष लगता है. जबकि केतु तीसरे स्थान में और राहु नवम स्थान में हो तो शंखचूड़ कालसर्प दोष लगता है.

यदि आपकी कुंडली में राहु सप्तम भाव में और केतु लग्न में स्थित हो तो तक्षक कालसर्प दोष लगता है. वहीं केतु दूसरे स्थान में तथा राहु अष्टम स्थान में हो तो कर्कोटक कालसर्प दोष लगता है. जबकि केतु तीसरे स्थान में और राहु नवम स्थान में हो तो शंखचूड़ कालसर्प दोष लगता है.


यदि आपके सपने में कई बार लगातार सांप दिखाई देते हैं या फिर आपको सांप से डर लगता है, जीवन में लगातार बाधाएं आ रही हैं और इनका कोई समाधान भी नहीं हो पा रहा है तो समझ लीजिए कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष हो सकता है. इसके अलावा कुंडली में कई ऐसे शुभ और अशुभ योग बनते हैं जिससे पता चलता है कि आपको कौन सा दोष लगने वाला है या लगा हुआ है क्योंकि कालसर्प दोष कई प्रकार के होते हैं. आइए जानते हैं कालसर्प दोष के प्रकारों के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से.

यदि आपकी कुंडली में राहु लग्न में और केतु सप्तम भाव में हो तो अनंत काल सर्प दोष लगता है. वहीं यदि राहु द्वितीय भाव में और केतु अष्टम भाव में हो तो कुलिक काल सर्प दोष लगता है. जबकि, राहु तृतीय भाव में और केतु नवम भाव में हो तो वासकु काल सर्प दोष लगता है.

आपकी कुंडली में राहु चतुर्थ भाव में और केतु दशम भाव में हो तो शंखपाल कालसर्प दोष लगता है. वहीं राहु पंचम भाव में और केतु एकादश भाव में हो तो पद्य कालसर्प दोष लगता है. जबकि, राहु छठवें भाव में तथा केतु बारहवें भाव में हो तो महापद्म कालसर्प दोष लगता है.

यदि आपकी कुंडली में राहु सप्तम भाव में और केतु लग्न में स्थित हो तो तक्षक कालसर्प दोष लगता है. वहीं केतु दूसरे स्थान में तथा राहु अष्टम स्थान में हो तो कर्कोटक कालसर्प दोष लगता है. जबकि केतु तीसरे स्थान में और राहु नवम स्थान में हो तो शंखचूड़ कालसर्प दोष लगता है.

यदि आपकी कुंडली में राहु सप्तम भाव में और केतु लग्न में स्थित हो तो तक्षक कालसर्प दोष लगता है. वहीं केतु दूसरे स्थान में तथा राहु अष्टम स्थान में हो तो कर्कोटक कालसर्प दोष लगता है. जबकि केतु तीसरे स्थान में और राहु नवम स्थान में हो तो शंखचूड़ कालसर्प दोष लगता है.


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