इस्लामाबाद। पाकिस्तान की शहबाज सरकार देश में सभी यूटिलिटी स्टोर बंद करने की दिशा में विचार कर रही है। इसकी पुष्टि उद्योग एवं उत्पादन मंत्रालय (एमओआईपी) के सचिव द्वारा दिए गए एक बयान से होती है। संघीय सरकार के मंत्रालयों और उसके अधीन आने वाले संस्थानों के खर्च को कम करने का सरकार मन बना चुकी है और इसकी जिम्मेदारी उद्योग एवं उत्पादन मंत्रालय को दी है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार विगत दिवस प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान संघीय सरकार के मंत्रालयों और उसके अधीन आने वाले संस्थानों के खर्च को कम करने के लिए कहा गया है। इसे लागू करने की जिम्मेदारी उद्योग एवं उत्पादन मंत्रालय को दे दी गई है। अब चूंकि यूटिलिटी स्टोर्स कॉरपोरेशन (यूएससी) संघीय सरकार की उन संस्थाओं की नई सूची में शामिल है, जिनका चरणबद्ध तरीके से निजीकरण किया जाना तय है, तो ऐसे में इनकी आम सुविधाएं भी खत्म प्राय: हो जाएंगी। यहां बताते चलें कि यूएससी एक सरकारी स्वामित्व वाला एंटरप्राइज है, जिसके द्वारा देश में चेन स्टोर्स ऑपरेट होते हैं। इनके स्टोर्स में आम जनता को बुनियादी जरुरत के सामान खुले बाजार की अपेक्षा कम कीमत पर उपलब्ध होते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि सरकार की सब्सिडी इन्हे प्राप्त होती है। अब यदि यूटिलिटी स्टोर्स बंद हो जाते हैं तो आमजन को मिलने वाली एक बड़ी राहत भी बंद हो जाएगी।
सीनेटर नियाजी कर चुके हैं सवाल
इस मामले को लेकर सीनेटर सैफुल्लाह नियाजी ने सरकार से सवाल किए हैं। दरअसल उद्योग एवं उत्पादन पर सीनेट की स्थायी समिति की एक बैठक शुक्रवार को हुई थी, जिसमें सीनेटर नियाजी ने सवाल किया कि क्या वाकई सरकार देश में यूटिलिटी स्टोर बंद करने जा रही है? इस पर मोल्प सचिव सैफ अंजुम का जवाब था, कि सरकार देश के यूटिलिटी स्टोर्स को बंद करने पर विचार कर रही है।
सरकार के इस फैसले को देश के लिए दु:खदायी बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इससे जुड़े हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और आम जनता को जो सहूलियत मुहैया हो रही थी वो भी बंद हो जाएगी। ऐसे समय में जबकि देश में बेरोजगारी और महंगाई की मार आसमान छू रही है, सरकार को इस तरह के फैसले लेने से पहले हजारह बार सोचना चाहिए। विपक्ष ने भी इस मामले को लेकर बयान देने के साथ फैसले का विरोध करने का मन बनाया हुआ है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की शहबाज सरकार देश में सभी यूटिलिटी स्टोर बंद करने की दिशा में विचार कर रही है। इसकी पुष्टि उद्योग एवं उत्पादन मंत्रालय (एमओआईपी) के सचिव द्वारा दिए गए एक बयान से होती है। संघीय सरकार के मंत्रालयों और उसके अधीन आने वाले संस्थानों के खर्च को कम करने का सरकार मन बना चुकी है और इसकी जिम्मेदारी उद्योग एवं उत्पादन मंत्रालय को दी है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार विगत दिवस प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान संघीय सरकार के मंत्रालयों और उसके अधीन आने वाले संस्थानों के खर्च को कम करने के लिए कहा गया है। इसे लागू करने की जिम्मेदारी उद्योग एवं उत्पादन मंत्रालय को दे दी गई है। अब चूंकि यूटिलिटी स्टोर्स कॉरपोरेशन (यूएससी) संघीय सरकार की उन संस्थाओं की नई सूची में शामिल है, जिनका चरणबद्ध तरीके से निजीकरण किया जाना तय है, तो ऐसे में इनकी आम सुविधाएं भी खत्म प्राय: हो जाएंगी। यहां बताते चलें कि यूएससी एक सरकारी स्वामित्व वाला एंटरप्राइज है, जिसके द्वारा देश में चेन स्टोर्स ऑपरेट होते हैं। इनके स्टोर्स में आम जनता को बुनियादी जरुरत के सामान खुले बाजार की अपेक्षा कम कीमत पर उपलब्ध होते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि सरकार की सब्सिडी इन्हे प्राप्त होती है। अब यदि यूटिलिटी स्टोर्स बंद हो जाते हैं तो आमजन को मिलने वाली एक बड़ी राहत भी बंद हो जाएगी।
सीनेटर नियाजी कर चुके हैं सवाल
इस मामले को लेकर सीनेटर सैफुल्लाह नियाजी ने सरकार से सवाल किए हैं। दरअसल उद्योग एवं उत्पादन पर सीनेट की स्थायी समिति की एक बैठक शुक्रवार को हुई थी, जिसमें सीनेटर नियाजी ने सवाल किया कि क्या वाकई सरकार देश में यूटिलिटी स्टोर बंद करने जा रही है? इस पर मोल्प सचिव सैफ अंजुम का जवाब था, कि सरकार देश के यूटिलिटी स्टोर्स को बंद करने पर विचार कर रही है।
सरकार के इस फैसले को देश के लिए दु:खदायी बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इससे जुड़े हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और आम जनता को जो सहूलियत मुहैया हो रही थी वो भी बंद हो जाएगी। ऐसे समय में जबकि देश में बेरोजगारी और महंगाई की मार आसमान छू रही है, सरकार को इस तरह के फैसले लेने से पहले हजारह बार सोचना चाहिए। विपक्ष ने भी इस मामले को लेकर बयान देने के साथ फैसले का विरोध करने का मन बनाया हुआ है।