आप द्वारा जारी लिस्ट से साफ हो गया है कि अब वह इस चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन के बगैर ही चुनाव मैदान में उतरेगी। इससे पहले आप के हरियाणा अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा था कि यदि आज भी बात नहीं बनती है तो पार्टी सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार देगी। कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन न होने की बड़ी वजह सीट शेयरिंग को माना जा रहा है। यहां बतलाते चलें कि आप ने कांग्रेस से 10 सीटें मांगीं थीं। यह सीटें पंजाब और दिल्ली के बॉर्डर वाले जिलों में आती हैं। आप ने तर्क दिया था कि दोनों जगह उनकी सरकार है, इसलिए उनके प्रत्याशियों को लाभ होगा। जबकि कांग्रेस सिर्फ 5 सीट देने को तैयार थी। ऐसे में कांग्रेस ने आप की दिल्ली-पंजाब बार्डर इलाकों वाली सीटों की मांग को भी दरकिनार कर दिया और उसे शहरी क्षेत्रों से चुनाव लड़ने को कहा। गौरतलब है कि प्रदेश की कुल 90 विधानसभा सीटों पर सिंगल फेज में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे।
आप द्वारा जारी लिस्ट से साफ हो गया है कि अब वह इस चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन के बगैर ही चुनाव मैदान में उतरेगी। इससे पहले आप के हरियाणा अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा था कि यदि आज भी बात नहीं बनती है तो पार्टी सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार देगी। कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन न होने की बड़ी वजह सीट शेयरिंग को माना जा रहा है। यहां बतलाते चलें कि आप ने कांग्रेस से 10 सीटें मांगीं थीं। यह सीटें पंजाब और दिल्ली के बॉर्डर वाले जिलों में आती हैं। आप ने तर्क दिया था कि दोनों जगह उनकी सरकार है, इसलिए उनके प्रत्याशियों को लाभ होगा। जबकि कांग्रेस सिर्फ 5 सीट देने को तैयार थी। ऐसे में कांग्रेस ने आप की दिल्ली-पंजाब बार्डर इलाकों वाली सीटों की मांग को भी दरकिनार कर दिया और उसे शहरी क्षेत्रों से चुनाव लड़ने को कहा। गौरतलब है कि प्रदेश की कुल 90 विधानसभा सीटों पर सिंगल फेज में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे।