शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ ने सीेएम से की व्यायाम शिक्षकों की मांगों पर चर्चा:

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शारीरिक शिक्षा को स्कूलों में अनिवार्य विषय बनाने की मांग

रायपुर । छत्तीसगढ़ शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों को लेकर डेलीगेशन किया। संघ ने शारीरिक शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने और व्यायाम शिक्षकों को व्याख्याता पद पर पदोन्नत करने की मांग मुख्यमंत्री के सामने रखी। इस बैठक में संघ ने एससीईआरटी रायपुर द्वारा लिखा पत्र भी सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग को प्रस्तुत किया, जिसमें इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई थी।

इसके साथ ही, पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा 14 मार्च को मेडिकल कॉलेज सभागृह में की गई घोषणा का भी उल्लेख किया गया, जिसमें उन्होंने व्यायाम शिक्षकों को व्याख्याता शारीरिक शिक्षा बनाने की बात की थी।

डेलीगेशन में मुख्यमंत्री को प्रदेश के 160 विकासखंडों में खेल गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विकासखंड खेल अधिकारी का पद सृजित करने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्ताव में बताया गया कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में वरिष्ठता के आधार पर इन पदों पर नियुक्ति की जानी चाहिए, जिससे शासन पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा और व्यायाम शिक्षकों की पदोन्नति सुगम हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने संघ की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि जल्द ही इन मांगों पर कार्यवाही की जाएगी। संघ के संरक्षक प्रकाश ठाकुर के नेतृत्व में संघ की मांगों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।

रात 12 बजे हुई इस मुलाकात में प्रांताध्यक्ष हरीश देवांगन ने 40 वर्षों से चली आ रही व्यायाम शिक्षकों की पीड़ा को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा, जिससे मुख्यमंत्री काफी प्रभावित हुए। मीडिया प्रभारी विजय रत्नाकर ने भी संघ की मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री से अपील की। इस मौके पर एसबीआई के पूर्व प्रबंधक अनिल धर दुबे भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री की सकारात्मक प्रतिक्रिया से संघ के सदस्यों में आशा की लहर दौड़ गई है कि जल्द ही उनके मुद्दों पर ठोस कार्यवाही होगी।


शारीरिक शिक्षा को स्कूलों में अनिवार्य विषय बनाने की मांग

रायपुर । छत्तीसगढ़ शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों को लेकर डेलीगेशन किया। संघ ने शारीरिक शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने और व्यायाम शिक्षकों को व्याख्याता पद पर पदोन्नत करने की मांग मुख्यमंत्री के सामने रखी। इस बैठक में संघ ने एससीईआरटी रायपुर द्वारा लिखा पत्र भी सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग को प्रस्तुत किया, जिसमें इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई थी।

इसके साथ ही, पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा 14 मार्च को मेडिकल कॉलेज सभागृह में की गई घोषणा का भी उल्लेख किया गया, जिसमें उन्होंने व्यायाम शिक्षकों को व्याख्याता शारीरिक शिक्षा बनाने की बात की थी।

डेलीगेशन में मुख्यमंत्री को प्रदेश के 160 विकासखंडों में खेल गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विकासखंड खेल अधिकारी का पद सृजित करने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्ताव में बताया गया कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में वरिष्ठता के आधार पर इन पदों पर नियुक्ति की जानी चाहिए, जिससे शासन पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा और व्यायाम शिक्षकों की पदोन्नति सुगम हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने संघ की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि जल्द ही इन मांगों पर कार्यवाही की जाएगी। संघ के संरक्षक प्रकाश ठाकुर के नेतृत्व में संघ की मांगों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।

रात 12 बजे हुई इस मुलाकात में प्रांताध्यक्ष हरीश देवांगन ने 40 वर्षों से चली आ रही व्यायाम शिक्षकों की पीड़ा को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा, जिससे मुख्यमंत्री काफी प्रभावित हुए। मीडिया प्रभारी विजय रत्नाकर ने भी संघ की मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री से अपील की। इस मौके पर एसबीआई के पूर्व प्रबंधक अनिल धर दुबे भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री की सकारात्मक प्रतिक्रिया से संघ के सदस्यों में आशा की लहर दौड़ गई है कि जल्द ही उनके मुद्दों पर ठोस कार्यवाही होगी।


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