साय की अध्यक्षता में दो दिवसीय कलेक्टर सम्मेलन शुरू:

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रायपुर,  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में दो दिवसीय कलेक्टर सम्मेलन गुरुवार को शुरू हुआ।

इस सम्मेलन में मुख्य सचिव, विभागीय सचिवों सहित सभी संभागायुक्त और कलेक्टर शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे, सभी फलैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें।

श्री साय ने कहा कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में काम किया जा रहा है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने भाषा के संयम को लेकर विशेष हिदायत देते हुए कहा अधिकारी अगर भाषा का संयम नहीं रखते हैं तो उनपर कार्यवाही करें।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याओं का निदान वहीं पर करें, छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े और जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाएं।


रायपुर,  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में दो दिवसीय कलेक्टर सम्मेलन गुरुवार को शुरू हुआ।

इस सम्मेलन में मुख्य सचिव, विभागीय सचिवों सहित सभी संभागायुक्त और कलेक्टर शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे, सभी फलैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें।

श्री साय ने कहा कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में काम किया जा रहा है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने भाषा के संयम को लेकर विशेष हिदायत देते हुए कहा अधिकारी अगर भाषा का संयम नहीं रखते हैं तो उनपर कार्यवाही करें।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याओं का निदान वहीं पर करें, छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े और जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाएं।


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