सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में किया जा रहा वजन त्यौहार का प्रचार-प्रसार:

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सूरजपुर । सम्पूर्ण अभियान के अंतर्गत महिला बाल विकास विभाग द्वारा आकांक्षी विकासखण्ड प्रतापपुर के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वजन त्यौहार का शुभारम्भ के पश्चात वजन त्यौहार रथ गाँव गाँव और केंद्र में जाकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है जिसे ज्यादा से ज्यादा पोषण एवं साफ-सफाई और स्वच्छता संबंधित बताया गया एवं सभी केंद्र में उपस्थित बच्चों की  सही वजन एवं ऊंचाई  मापन किया गया।


वजन त्यौहार रथ में चलचित्र के मध्याम से महिलाओं के जीवन मे आने वाली परिवर्तन को बताना, बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाना। पोषण अभियान कार्यक्रम की मदद से जन-जन के बेहतर आहार और व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लायेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिये पंचायत स्तर तक एक मजबूत साझेदारी की आवश्यकता है। इस दिशा में पंचायत प्रतिनिधि अपनी अहम भूमिका निभायें तथा कुपोषण को दूर करते हुए एक मज़बूत देश की नींव रखें। 0-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का वजन किया गया। कुपोषित बच्चों की माताओं को परामर्श दिया गया साथ ही अति कुपोषित बच्चों को  एनआरसी केन्द्र में रेफर किया गया। किशोरियों एवं छात्राओं को पौष्टिक आहार एवं उसके महत्व के बारे में जानकारी दी गई। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को संतुलित पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया गया।


सूरजपुर । सम्पूर्ण अभियान के अंतर्गत महिला बाल विकास विभाग द्वारा आकांक्षी विकासखण्ड प्रतापपुर के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वजन त्यौहार का शुभारम्भ के पश्चात वजन त्यौहार रथ गाँव गाँव और केंद्र में जाकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है जिसे ज्यादा से ज्यादा पोषण एवं साफ-सफाई और स्वच्छता संबंधित बताया गया एवं सभी केंद्र में उपस्थित बच्चों की  सही वजन एवं ऊंचाई  मापन किया गया।


वजन त्यौहार रथ में चलचित्र के मध्याम से महिलाओं के जीवन मे आने वाली परिवर्तन को बताना, बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाना। पोषण अभियान कार्यक्रम की मदद से जन-जन के बेहतर आहार और व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लायेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिये पंचायत स्तर तक एक मजबूत साझेदारी की आवश्यकता है। इस दिशा में पंचायत प्रतिनिधि अपनी अहम भूमिका निभायें तथा कुपोषण को दूर करते हुए एक मज़बूत देश की नींव रखें। 0-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का वजन किया गया। कुपोषित बच्चों की माताओं को परामर्श दिया गया साथ ही अति कुपोषित बच्चों को  एनआरसी केन्द्र में रेफर किया गया। किशोरियों एवं छात्राओं को पौष्टिक आहार एवं उसके महत्व के बारे में जानकारी दी गई। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को संतुलित पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया गया।


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