कवर्धा . छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर जिला कबीरधाम में आज हजारों कर्मचारी-अधिकारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। इस प्रदर्शन के तहत नगर में विशाल रैली निकाली गई और नारेबाजी करते हुए कर्मचारियों ने राज्य सरकार के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
इससे पहले 11 सितंबर को एक सफल मशाल रैली निकाली गई थी, और आज के प्रदर्शन में जिले भर के कई कर्मचारी संगठनों ने भाग लिया। फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को जल्द नहीं माना, तो प्रदेश के 33 जिलों और 146 विकास खंडों में अक्टूबर माह में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा।
प्रमुख मांगें
महंगाई भत्ता (DA) की बढ़ोतरी: केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से 4% महंगाई भत्ता दिया जाए, और जुलाई 2019 से देयतिथि तक के बकाया भत्ते का समायोजन कर्मचारियों के GPF खाते में किया जाए।
समय वेतनमान: केंद्र की तरह प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय वेतनमान की सुविधा दी जाए।
गृह भत्ता: केंद्र के समान गृह भाड़ा भत्ता (HRA) लागू किया जाए।
अर्जित अवकाश नगदीकरण: मध्य प्रदेश की तर्ज पर अर्जित अवकाश के नगदीकरण की सीमा 240 दिनों से बढ़ाकर 300 दिन की जाए।
रैली और ज्ञापन
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का एकत्रीकरण राजमहल चौक स्थित राजीव गांधी पार्क में हुआ, जहां सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक विभिन्न संगठनों के प्रमुखों ने उद्बोधन दिया और चार सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य सरकार से कार्रवाई की अपील की। इसके बाद सभी कर्मचारी अनुशासित ढंग से रैली निकालते हुए राजमहल चौक, अंबेडकर चौक और दुर्गावती चौक होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे।
बारिश के बावजूद प्रदर्शन जारी
रैली के दौरान लगातार बारिश होती रही, लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी अनुशासन बनाए रखते हुए प्रदर्शन करते रहे। अंत में कलेक्ट्रेट में तहसीलदार पटेल ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्राप्त किया।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की चार सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अगर समय रहते उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो राज्यभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की संभावना बनी हुई है।
कवर्धा . छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर जिला कबीरधाम में आज हजारों कर्मचारी-अधिकारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। इस प्रदर्शन के तहत नगर में विशाल रैली निकाली गई और नारेबाजी करते हुए कर्मचारियों ने राज्य सरकार के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
इससे पहले 11 सितंबर को एक सफल मशाल रैली निकाली गई थी, और आज के प्रदर्शन में जिले भर के कई कर्मचारी संगठनों ने भाग लिया। फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को जल्द नहीं माना, तो प्रदेश के 33 जिलों और 146 विकास खंडों में अक्टूबर माह में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा।
प्रमुख मांगें
महंगाई भत्ता (DA) की बढ़ोतरी: केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से 4% महंगाई भत्ता दिया जाए, और जुलाई 2019 से देयतिथि तक के बकाया भत्ते का समायोजन कर्मचारियों के GPF खाते में किया जाए।
समय वेतनमान: केंद्र की तरह प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय वेतनमान की सुविधा दी जाए।
गृह भत्ता: केंद्र के समान गृह भाड़ा भत्ता (HRA) लागू किया जाए।
अर्जित अवकाश नगदीकरण: मध्य प्रदेश की तर्ज पर अर्जित अवकाश के नगदीकरण की सीमा 240 दिनों से बढ़ाकर 300 दिन की जाए।
रैली और ज्ञापन
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का एकत्रीकरण राजमहल चौक स्थित राजीव गांधी पार्क में हुआ, जहां सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक विभिन्न संगठनों के प्रमुखों ने उद्बोधन दिया और चार सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य सरकार से कार्रवाई की अपील की। इसके बाद सभी कर्मचारी अनुशासित ढंग से रैली निकालते हुए राजमहल चौक, अंबेडकर चौक और दुर्गावती चौक होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे।
बारिश के बावजूद प्रदर्शन जारी
रैली के दौरान लगातार बारिश होती रही, लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी अनुशासन बनाए रखते हुए प्रदर्शन करते रहे। अंत में कलेक्ट्रेट में तहसीलदार पटेल ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्राप्त किया।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की चार सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अगर समय रहते उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो राज्यभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की संभावना बनी हुई है।