हरियाणा में भाजपा आगे लेकिन आधे मंत्री अपनी सीटों पर पीछे, जानें इनकी सीटों का हाल:

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दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन हुआ था। भाजपा ने मनोहर लाल को हटाकर ओबीसी समुदाय से आने वाले भाजपा के प्रमुख नेता और कुरुक्षेत्र लोकसभा से तत्कालीन सांसद नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था। 2023 में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने वाले सैनी ने 12 मार्च 2024 को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 13 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली थी। कुल 14 में से 10 मंत्रियों को ही टिकट मिला।


मंत्रियों की सीटों पर समीकरण कैसे रहे?


नायब सैनी: इस विधानसभा चुनाव में हरियाणा की सबसे चर्चित सीटों में कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा शुमार है। यहां से मुख्यमंत्री नायब सैनी चुनाव मैदान में उतरे। उनके सामने कांग्रेस ने मौजूदा विधायक मेवा सिंह को उतारा। इसके अलावा आम आदमी पार्टी से जोगा सिंह उमरी, जननायक  जनता पार्टी से विनोद कुमार शर्मा और इंडियन नेशनल लोकदल से सपना बड़शामी उतरे। 2019 में विधानसभा चुनाव में लाडवा में कांग्रेस के मेवा सिंह को जीत मिली थी। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार पवन सैनी को 12637 मत से शिकस्त दी थी। बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ हुए करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सीएम नायब सैनी जीत दर्ज करके विधायक बन थे। 


डॉ. कमल गुप्ता: हरियाणा में विधानसभा चुनाव में हिसार हाई प्रोफाइल सीटों में बनी हुई है। इस सीट पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के उम्मीदवार हैं। उनके सामने देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने चुनाव लड़ा है। दो बार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता के सामने रामनिवास राड़ा कांग्रेस का चेहरा हैं। 2019 के चुनाव में डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के टिकट पर उतरे थे। कमल ने कांग्रेस उम्मीदवार राम निवास राड़ा को 15,832 वोट से हराया था। 


इस सीट पर जिंदल परिवार का प्रभाव रहा है। 1991 से 2009 तक यहां से जिंदल परिवार 5 बार मैदान में आया और पांचों बार ही जीता। तीन बार ओपी जिंदल खुद जीते तो दो बार सावित्री जिंदल जीतीं। अब इस चुनाव में सावित्री के सामने दो बार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के प्रत्याशी हैं तो 2019 में यहां से हारे रामनिवास राड़ा कांग्रेस का चेहरा हैं। 2019 के चुनाव में डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के टिकट पर उतरे थे। कमल ने कांग्रेस उम्मीदवार राम निवास राड़ा को 15,832 वोट से हराया था। 


असीम गोयल: हरियाणा सरकार में विकास एवं पंचायत राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम गोयल अंंबाला सिटी सीट से एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं। गोयल 2019 में यहां से जीते थे। पिछले चुनाव में असीम गोयल ने निर्दलीय निर्मल सिंह मोहरा को 8952 मत से हराया था। इस बार भाजपा के असीम गोयल का मुकाबला कांग्रेस के निर्मल सिंह से है। इसके अलावा आप से केतन शर्मा, जजपा-आसपा गठजोड़ से नागपाल और इनेलो-बसपा से मलकीत सिंह हैं। 


मूल चंद शर्मा: उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री मूल चंद शर्मा बल्लभगढ़ सीट से चुनावी दंगल में उतरे। वह 2019 के विधानसभा चुनाव में बल्लभगढ़ से जीते थे। पिछले चुनाव में मूल चंद शर्मा ने कांग्रेस के आनंद कौशिक को 41713 मत से शिकस्त दी थी। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के पराग शर्मा और आप के रविन्द्र फौजदार से है।


कंवरपाल: सरकार में कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर जगाधरी सिटी सीट से एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतरे। वह 2019 में जगाधरी सीट से जीते थे। पिछले चुनाव में कंवरपाल ने कांग्रेस के अकरम खान को 16373 वोट से पटखनी दी थी। इस चुनाव में भाजपा के कंवरपाल का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अकरम खान से है। इसके अलावा आदर्शपाल सिंह आप से अशोक कुमार आसपा से और दर्शन लाल बसपा से प्रत्याशी हैं। 


जय प्रकाश दलाल: वित्त मंत्री जय प्रकाश दलाल ने एक बार फिर भिवानी जिले की लोहारू सीट से किस्मत आजमाई। 2019 के विधानसभा चुनाव में जेपी ने कांग्रेस के सोमवीर सिंह को 17677 मत से शिकस्त दी थी। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर फड़तिया है। वहीं आप से गीता बाला, जजपा से अलका आर्य और इनेलो से भूप सिंह श्योराण उम्मीदवार रहे।


अभय सिंह यादव: मंत्री अभय सिंह यादव नांगल चौधरी सीट से चुनाव मैदान में उतरे। वह नायब सरकार में सिंचाई एवं जल संसाधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के पद पर थे। पिछले चुनाव में अभय सिंह ने जजपा के मुला राम को 20615 वोट से परास्त किया था। इस चुनाव में भाजपा के अभय सिंह का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार मंजू चौधरी से है। इसके अलावा आप से डॉ. गोपिचंद और जजपा से राव ओम प्रकाश प्रत्याशी रहे।


संजय सिंह: खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने नूंह सीट से किस्मत आजमाई। 2019 के विधानसभा चुनाव में नूंह सीट कांग्रेस के आफताब अहमद ने जाकिर हुसैन को 4038 मत से शिकस्त दी थी। मार्च 2024 में गठित नई सरकार में संजय सिंह को मंत्री पद की जिम्मेदारी मिली। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी आफताब अहमद है। वहीं आप से राबिया किदवई, जजपा से बिरेंद्र और इनेलो से बिरेंद्र ताहिर हुसैन उम्मीदवार रहे। 


महिपाल ढांडा: विकास एवं पंचायत राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महिपाल ढांडा पानीपत ग्रामीण सीट से उतरे। 2019 के विधानसभा चुनाव में महिपाल ने जजपा के देवेंदर कादियान को 45125 मत से शिकस्त दी थी। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के सचिन कुंडू से है। वहीं आप से सुखबीर मलिक, जजपा से रघुनाथ तंवर कश्यप और रणबीर सिंह इनेलो से उम्मीदवार रहे।


सुभाष सुधा: नायब सिंह सरकार में एक मात्र मंत्री रहीं सुभाष सुधा ने एक बार फिर कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर सीट से किस्मत आजमाई। 2019 के विधानसभा चुनाव में सुधा ने कांग्रेस के अशोक कुमार अरोड़ा को महज 842 मत से हराया था। इस चुनाव में सुभाष सुधा का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी अशोक अरोड़ा से है। वहीं आप से कृष्णा बजाज, जजपा से सूर्या प्रताप सिंह राठौड़ और बसपा से तनुजा ने किस्मत आजमाई।



दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन हुआ था। भाजपा ने मनोहर लाल को हटाकर ओबीसी समुदाय से आने वाले भाजपा के प्रमुख नेता और कुरुक्षेत्र लोकसभा से तत्कालीन सांसद नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था। 2023 में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने वाले सैनी ने 12 मार्च 2024 को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 13 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली थी। कुल 14 में से 10 मंत्रियों को ही टिकट मिला।


मंत्रियों की सीटों पर समीकरण कैसे रहे?


नायब सैनी: इस विधानसभा चुनाव में हरियाणा की सबसे चर्चित सीटों में कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा शुमार है। यहां से मुख्यमंत्री नायब सैनी चुनाव मैदान में उतरे। उनके सामने कांग्रेस ने मौजूदा विधायक मेवा सिंह को उतारा। इसके अलावा आम आदमी पार्टी से जोगा सिंह उमरी, जननायक  जनता पार्टी से विनोद कुमार शर्मा और इंडियन नेशनल लोकदल से सपना बड़शामी उतरे। 2019 में विधानसभा चुनाव में लाडवा में कांग्रेस के मेवा सिंह को जीत मिली थी। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार पवन सैनी को 12637 मत से शिकस्त दी थी। बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ हुए करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सीएम नायब सैनी जीत दर्ज करके विधायक बन थे। 


डॉ. कमल गुप्ता: हरियाणा में विधानसभा चुनाव में हिसार हाई प्रोफाइल सीटों में बनी हुई है। इस सीट पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के उम्मीदवार हैं। उनके सामने देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने चुनाव लड़ा है। दो बार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता के सामने रामनिवास राड़ा कांग्रेस का चेहरा हैं। 2019 के चुनाव में डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के टिकट पर उतरे थे। कमल ने कांग्रेस उम्मीदवार राम निवास राड़ा को 15,832 वोट से हराया था। 


इस सीट पर जिंदल परिवार का प्रभाव रहा है। 1991 से 2009 तक यहां से जिंदल परिवार 5 बार मैदान में आया और पांचों बार ही जीता। तीन बार ओपी जिंदल खुद जीते तो दो बार सावित्री जिंदल जीतीं। अब इस चुनाव में सावित्री के सामने दो बार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के प्रत्याशी हैं तो 2019 में यहां से हारे रामनिवास राड़ा कांग्रेस का चेहरा हैं। 2019 के चुनाव में डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के टिकट पर उतरे थे। कमल ने कांग्रेस उम्मीदवार राम निवास राड़ा को 15,832 वोट से हराया था। 


असीम गोयल: हरियाणा सरकार में विकास एवं पंचायत राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम गोयल अंंबाला सिटी सीट से एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं। गोयल 2019 में यहां से जीते थे। पिछले चुनाव में असीम गोयल ने निर्दलीय निर्मल सिंह मोहरा को 8952 मत से हराया था। इस बार भाजपा के असीम गोयल का मुकाबला कांग्रेस के निर्मल सिंह से है। इसके अलावा आप से केतन शर्मा, जजपा-आसपा गठजोड़ से नागपाल और इनेलो-बसपा से मलकीत सिंह हैं। 


मूल चंद शर्मा: उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री मूल चंद शर्मा बल्लभगढ़ सीट से चुनावी दंगल में उतरे। वह 2019 के विधानसभा चुनाव में बल्लभगढ़ से जीते थे। पिछले चुनाव में मूल चंद शर्मा ने कांग्रेस के आनंद कौशिक को 41713 मत से शिकस्त दी थी। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के पराग शर्मा और आप के रविन्द्र फौजदार से है।


कंवरपाल: सरकार में कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर जगाधरी सिटी सीट से एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतरे। वह 2019 में जगाधरी सीट से जीते थे। पिछले चुनाव में कंवरपाल ने कांग्रेस के अकरम खान को 16373 वोट से पटखनी दी थी। इस चुनाव में भाजपा के कंवरपाल का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अकरम खान से है। इसके अलावा आदर्शपाल सिंह आप से अशोक कुमार आसपा से और दर्शन लाल बसपा से प्रत्याशी हैं। 


जय प्रकाश दलाल: वित्त मंत्री जय प्रकाश दलाल ने एक बार फिर भिवानी जिले की लोहारू सीट से किस्मत आजमाई। 2019 के विधानसभा चुनाव में जेपी ने कांग्रेस के सोमवीर सिंह को 17677 मत से शिकस्त दी थी। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर फड़तिया है। वहीं आप से गीता बाला, जजपा से अलका आर्य और इनेलो से भूप सिंह श्योराण उम्मीदवार रहे।


अभय सिंह यादव: मंत्री अभय सिंह यादव नांगल चौधरी सीट से चुनाव मैदान में उतरे। वह नायब सरकार में सिंचाई एवं जल संसाधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के पद पर थे। पिछले चुनाव में अभय सिंह ने जजपा के मुला राम को 20615 वोट से परास्त किया था। इस चुनाव में भाजपा के अभय सिंह का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार मंजू चौधरी से है। इसके अलावा आप से डॉ. गोपिचंद और जजपा से राव ओम प्रकाश प्रत्याशी रहे।


संजय सिंह: खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने नूंह सीट से किस्मत आजमाई। 2019 के विधानसभा चुनाव में नूंह सीट कांग्रेस के आफताब अहमद ने जाकिर हुसैन को 4038 मत से शिकस्त दी थी। मार्च 2024 में गठित नई सरकार में संजय सिंह को मंत्री पद की जिम्मेदारी मिली। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी आफताब अहमद है। वहीं आप से राबिया किदवई, जजपा से बिरेंद्र और इनेलो से बिरेंद्र ताहिर हुसैन उम्मीदवार रहे। 


महिपाल ढांडा: विकास एवं पंचायत राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महिपाल ढांडा पानीपत ग्रामीण सीट से उतरे। 2019 के विधानसभा चुनाव में महिपाल ने जजपा के देवेंदर कादियान को 45125 मत से शिकस्त दी थी। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के सचिन कुंडू से है। वहीं आप से सुखबीर मलिक, जजपा से रघुनाथ तंवर कश्यप और रणबीर सिंह इनेलो से उम्मीदवार रहे।


सुभाष सुधा: नायब सिंह सरकार में एक मात्र मंत्री रहीं सुभाष सुधा ने एक बार फिर कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर सीट से किस्मत आजमाई। 2019 के विधानसभा चुनाव में सुधा ने कांग्रेस के अशोक कुमार अरोड़ा को महज 842 मत से हराया था। इस चुनाव में सुभाष सुधा का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी अशोक अरोड़ा से है। वहीं आप से कृष्णा बजाज, जजपा से सूर्या प्रताप सिंह राठौड़ और बसपा से तनुजा ने किस्मत आजमाई।



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