टिकरापारा कालीबाड़ी सेवा समिति , रायपुर,छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने उत्साह से दुर्गा बोरोन , सिंदूर खेला में भाग लिया। आज रविवार दिनांक 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा पूजा दशमी महोत्सव के तहत बंगाली परिवारों की महिलाओं द्वारा सिंदूर खेला कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह सिंदूर खेला बंगाल में आदि काल से प्रचलित है और दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध है।टिकरापारा दुर्गा बॉडी सेवा समिति ने अपने 46 वें वर्ष के दुर्गा पूजा महोत्सव में समिति के महिला कार्यकारिणी सदस्यों ने मां दृर्गा के सामने नृत्य कर अपनी खुशी को व्यक्त किया। महिला समिति के डा. झुमा सपन साहा एवं मनीषा श्यामल साहा ने बताया कि रविवार को विजय दशमी के अवसर पर बंगाली समाज की महिलाएं और पुरुषों ने पारंपरिक पोशाक में माता दुर्गा जी की दशमी की पूजा अर्चना की एवं एक-दूसरे को शुभ विजया की शुभकामनाएं दी। महिलाओं ने हर्ष उल्लास के साथ सिन्दूर खेला का उत्सव मनाया और माता दुर्गा को सिन्दूर दान कर अमर सुहागन रहने की कामना की। वैदिक मंत्रोच्चारण से विधिवत् दस दिवसीय श्री दुर्गा पूजा महोत्सव का समापन किया गया।
टिकरापारा कालीबाड़ी सेवा समिति , रायपुर,छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने उत्साह से दुर्गा बोरोन , सिंदूर खेला में भाग लिया। आज रविवार दिनांक 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा पूजा दशमी महोत्सव के तहत बंगाली परिवारों की महिलाओं द्वारा सिंदूर खेला कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह सिंदूर खेला बंगाल में आदि काल से प्रचलित है और दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध है।टिकरापारा दुर्गा बॉडी सेवा समिति ने अपने 46 वें वर्ष के दुर्गा पूजा महोत्सव में समिति के महिला कार्यकारिणी सदस्यों ने मां दृर्गा के सामने नृत्य कर अपनी खुशी को व्यक्त किया। महिला समिति के डा. झुमा सपन साहा एवं मनीषा श्यामल साहा ने बताया कि रविवार को विजय दशमी के अवसर पर बंगाली समाज की महिलाएं और पुरुषों ने पारंपरिक पोशाक में माता दुर्गा जी की दशमी की पूजा अर्चना की एवं एक-दूसरे को शुभ विजया की शुभकामनाएं दी। महिलाओं ने हर्ष उल्लास के साथ सिन्दूर खेला का उत्सव मनाया और माता दुर्गा को सिन्दूर दान कर अमर सुहागन रहने की कामना की। वैदिक मंत्रोच्चारण से विधिवत् दस दिवसीय श्री दुर्गा पूजा महोत्सव का समापन किया गया।