रायपुर । मनोहर गौशाला खैरागढ़ में उत्साहपूर्वक गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया गया। गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर सभी गौवंशों को खिचड़ी और मेवा गुड़ की लापसी खिलाई गई।
गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. अखिल जैन ने बताया कि गोवर्धन पूजा का यह दिवस गौ माता की पूजा का दिन है। यह दिन प्राकृति की रक्षा का संदेश देता है और गौ माता के गोबर में धन की प्राप्ति का संदेश देता है। बता दें कि मनोहर गौशाला में गोबर और गौ मूत्र से खाद का निर्माण किया जा रहा है। इस पर वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च भी किया जा रहा है।
इस वर्ष भी गोबर के वैदिक दीपक बनाकर पूरे देश में भेजे गए। एक लाख से अधिक दीये देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृहमंत्री, प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित देश के बाहर भी स्पीड पोस्ट और कुरियर से भेजे गए। दीपक भेजने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति की सुरक्षा में अपना कुछ योगदान देना है। वेदों में लिखा है कि गोबर के दीपक प्रज्ज्वलित होने से ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। इसके लिए हर साल यह प्रयास किया जाता है।
रायपुर । मनोहर गौशाला खैरागढ़ में उत्साहपूर्वक गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया गया। गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर सभी गौवंशों को खिचड़ी और मेवा गुड़ की लापसी खिलाई गई।
गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. अखिल जैन ने बताया कि गोवर्धन पूजा का यह दिवस गौ माता की पूजा का दिन है। यह दिन प्राकृति की रक्षा का संदेश देता है और गौ माता के गोबर में धन की प्राप्ति का संदेश देता है। बता दें कि मनोहर गौशाला में गोबर और गौ मूत्र से खाद का निर्माण किया जा रहा है। इस पर वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च भी किया जा रहा है।
इस वर्ष भी गोबर के वैदिक दीपक बनाकर पूरे देश में भेजे गए। एक लाख से अधिक दीये देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृहमंत्री, प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित देश के बाहर भी स्पीड पोस्ट और कुरियर से भेजे गए। दीपक भेजने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति की सुरक्षा में अपना कुछ योगदान देना है। वेदों में लिखा है कि गोबर के दीपक प्रज्ज्वलित होने से ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। इसके लिए हर साल यह प्रयास किया जाता है।