पटना. बिहार विधानसभा की चार विधानसभा सीट तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज (सु) सीट पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन दोनों के प्रत्याशी इस चुनाव को 2025 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल मानकर एक-दूसरे को चुनौती देते नजर आयेंगे।
बिहार के चार विधानसभा क्षेत्र तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज (सु) में 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। इनमें से तीन सीट तरारी, रामगढ़ और बेलागंज में महागठबंधन जबकि एकमात्र सीट इमामगंज (सु) पर राजग का कब्जा है। तरारी में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी( भाकपा-माले) जबकि रामगढ़ और बेलागंज में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का कब्जा है। इमामगंज सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के पास है। राजग और महागठबंधन दोनों दलों के दिग्गज नेताओ ने चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी है। राजग और महागठबंधन दोनों दल के प्रत्याशी इस उपचुनाव को अगले वर्ष 2025 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल मानकर चुनावी दंगल में एक-दूसरे को चुनौती देते नजर आयेंगे।
इन सभी चार सीटों पर उपचुनाव को लेकर 38 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं,जिसमें तरारी में 10, रामगढ़ में 05, इमामगंज में 09 और बेलगंज में 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। उपचुनाव की जंग राजग और महागठबंधन के बीच मानी जा रही है। हालांकि इस बार चारों सीटों पर प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
तरारी बिहार विधानसभा उपचुनाव में जहां महागठबंधन में शामिल भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) हैट्रिक लगाने की फिराक में है, वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर पूर्व बाहुबली विधायक नरेंद्र कुमार पाण्डेय उर्फ सुनील पांडे के पुत्र विशाल प्रशांत अपनी सियासी पारी का आगाज कर रहे हैं। तरारी विधानसभा सीट पर लगातार दो बार 2015 और 2020 के चुनाव में भाकपा माले के सुदामा प्रसाद ने जीत का परचम लहराया है। भाकपा माले प्रत्याशी राजू यादव के कंधे पर तरारी सीट को जीतने की चुनौती है।तरारी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा, भाकपा माले , बहुजन समाज पार्टी (बसपा), जनसुराज पार्टी ,चार निर्दलीय समेत 10 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और भाकपा माले के बीच मानाा जा रहा है।इस मुकाबले को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज दिलचस्प बना सकती है। जनसुराज ने किरण सिंह को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।
बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से जहां दिग्गज नेता सुरेन्द्र प्रसाद यादव लगातार आठ बार निर्वाचित हुये वहीं उनके पुत्र राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी विश्वनाथ कुमार सिंह अपनी सियासी पारी का आगाज कर रहे हैं।बेलागंज क्षेत्र में राजद, जनता दल यूनाईटेड (जदयू),जनसुराज पार्टी ,ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), छह निर्दलीय समेत 14 प्रत्याशी हैं। यहां से राजद के विश्वनाथ कुमार सिंह, जदयू से पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी, जनसुराज पार्टी से मोहम्मद अमजद और एआईएमआईएम से मोहम्मद जामिद अली हसन चुनाव मैदान में हैं।बेलागंज सीट राजद का सबसे मजबूत किला माना जाता है, लेकिन इस बार उसे लड़ाई दो मोर्चो पर लड़नी है।एक ओर जहां उन्हें यादव वोटो को इंटैक्ट रखना है तो दूसरी तरफ प्रशांत किशोर के अल्पसंख्यक उम्मीदवार भी उनके लिए चुनौती हैं। जनसुराज और एआईएमआईएम जहां अल्पसंख्यक वोटों को डिस्टर्ब करेगी, वहीं जदयू यादव वोट में सेंधमारी करने की कोशिश करेगी। ऐसे में मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है।
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब चार दशक से पूर्व सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और उनके परिवार के सदस्यों का दबदबा रहा है। इस सीट पर श्री सिंह के छोटे पुत्र अजीत कुमार सिंह यहीं से अपनी राजनीति की शुरूआत कर रहे हैं। रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजद,भाजपा, जनसुराज ,बसपा समेत पांच प्रत्याशी मैदान में हैं।इस मुकाबले में भारतीय जनताा पार्टी (भाजपा) की ओर से पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह मैदान में हैं, तो प्रशांत किशोर ने सुशील कुमार सिंह को मैदान में उतार दिया।बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व विधायक अंबिका सिंह के भतीजे सतीश कुमार सिंह यादव उर्फ पिंटू यादव ,यादव उम्मीदवार को मैदान में उतारकर मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है।जातिगत समीकरण के हिसाब से रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजपूत जाति के सर्वाधिक मतदाता है। दूसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता हैं।तीसरे नंबर पर यादव वोटर हैं। राजद उम्मीदवार अजीत सिंह और भाजपा उम्मीदवार अशोक सिंह की दावेदारी राजपूत वोटों पर है।बसपा के उम्मीदवार पिंटू यादव और जन सुराज के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह दोनों ही मुस्लिम यादव (माई) समीकरण में सेंध मारी कर सकते हैं। राजद यहां एमवाई समीकरण को दुरुस्त करने में लगा है। इस समीकरण का बिखराव राजद उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा सकता है।
बिहार विधानसभा उपचुनाव में हाइप्रोफाइल इमामगंज (सुरक्षित) सीट पर जहां हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) एक बार फिर से कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में है वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पार्टी की ‘लालटेन’ को रोशन करने की जद्दोजहद में है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने वर्ष 2015 और वर्ष 2020 लगातार दो बार इमामगंज सीट पर जीत हासिल की थी। इमामगंज (सु) सीट से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी बहू और राज्य सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन की पत्नी दीपा मांझी को (हम) का उम्मीदवार बनाया है। वहीं महागठबंधन के घटक दल राजद ने इमामगंज (सु) सीट से रौशन कुमार को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 1990 में इस सीट पर हुये चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पूर्ववर्ती पार्टी जनता दल के टिकट पर उदय नारायण चौधरी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद से अबतक हुये इस सीट पर हुये चुनाव में लालू यादव की पार्टी जनता दल, या राष्ट्रीय जनता दल किसी ने जीत हासिल नहीं की है।इस तरह राजद के रौशन कुमार यहां पार्टी की ‘लालटेन’ रौशन करने के प्रयास में लगे हैं।
इमामगंज (सु) सीट पर उपचुनाव में हम, राजद,जनसुराज,पार्टी ,ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), दो निर्दलीय समेत 09 प्रत्याशी हैं। यहां से हम से दीपा मांझी, राजद से रौशन कुमार, जनसुराज पार्टी से जीतेन्द्र पासवान और एआईएमआईएम से कंचन पासवान मैदान में हैं।
इस उपचुनाव में राजग विपक्ष की तीन सीटों तरारी, रामगढ़ एवं बेलागंज को झटकने की कोशिश में जुटा है। वहीं, महागठबंधन अपनी जीती हुई सीटों को बचाने के साथ ही सत्तापक्ष की जीती हुई एक सीट (इमामगंज) पर नजर गड़ाए हुए है। इस उपचुनाव के मतो की गिनती 23 नवंबर को होगी। इस उपचुनाव में दिग्गज नेताओं के परिवार के सदस्यो की भी अग्निपरीक्षा है।देखना दिलचस्प् होगा कि 2025 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल मानकर एक-दूसरे को चुनावी दंगल में चुनौती देने वाला कौन दल अपना विजयी पतका लहरा पाता है।
पटना. बिहार विधानसभा की चार विधानसभा सीट तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज (सु) सीट पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन दोनों के प्रत्याशी इस चुनाव को 2025 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल मानकर एक-दूसरे को चुनौती देते नजर आयेंगे।
बिहार के चार विधानसभा क्षेत्र तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज (सु) में 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। इनमें से तीन सीट तरारी, रामगढ़ और बेलागंज में महागठबंधन जबकि एकमात्र सीट इमामगंज (सु) पर राजग का कब्जा है। तरारी में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी( भाकपा-माले) जबकि रामगढ़ और बेलागंज में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का कब्जा है। इमामगंज सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के पास है। राजग और महागठबंधन दोनों दलों के दिग्गज नेताओ ने चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी है। राजग और महागठबंधन दोनों दल के प्रत्याशी इस उपचुनाव को अगले वर्ष 2025 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल मानकर चुनावी दंगल में एक-दूसरे को चुनौती देते नजर आयेंगे।
इन सभी चार सीटों पर उपचुनाव को लेकर 38 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं,जिसमें तरारी में 10, रामगढ़ में 05, इमामगंज में 09 और बेलगंज में 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। उपचुनाव की जंग राजग और महागठबंधन के बीच मानी जा रही है। हालांकि इस बार चारों सीटों पर प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
तरारी बिहार विधानसभा उपचुनाव में जहां महागठबंधन में शामिल भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) हैट्रिक लगाने की फिराक में है, वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर पूर्व बाहुबली विधायक नरेंद्र कुमार पाण्डेय उर्फ सुनील पांडे के पुत्र विशाल प्रशांत अपनी सियासी पारी का आगाज कर रहे हैं। तरारी विधानसभा सीट पर लगातार दो बार 2015 और 2020 के चुनाव में भाकपा माले के सुदामा प्रसाद ने जीत का परचम लहराया है। भाकपा माले प्रत्याशी राजू यादव के कंधे पर तरारी सीट को जीतने की चुनौती है।तरारी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा, भाकपा माले , बहुजन समाज पार्टी (बसपा), जनसुराज पार्टी ,चार निर्दलीय समेत 10 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और भाकपा माले के बीच मानाा जा रहा है।इस मुकाबले को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज दिलचस्प बना सकती है। जनसुराज ने किरण सिंह को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।
बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से जहां दिग्गज नेता सुरेन्द्र प्रसाद यादव लगातार आठ बार निर्वाचित हुये वहीं उनके पुत्र राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी विश्वनाथ कुमार सिंह अपनी सियासी पारी का आगाज कर रहे हैं।बेलागंज क्षेत्र में राजद, जनता दल यूनाईटेड (जदयू),जनसुराज पार्टी ,ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), छह निर्दलीय समेत 14 प्रत्याशी हैं। यहां से राजद के विश्वनाथ कुमार सिंह, जदयू से पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी, जनसुराज पार्टी से मोहम्मद अमजद और एआईएमआईएम से मोहम्मद जामिद अली हसन चुनाव मैदान में हैं।बेलागंज सीट राजद का सबसे मजबूत किला माना जाता है, लेकिन इस बार उसे लड़ाई दो मोर्चो पर लड़नी है।एक ओर जहां उन्हें यादव वोटो को इंटैक्ट रखना है तो दूसरी तरफ प्रशांत किशोर के अल्पसंख्यक उम्मीदवार भी उनके लिए चुनौती हैं। जनसुराज और एआईएमआईएम जहां अल्पसंख्यक वोटों को डिस्टर्ब करेगी, वहीं जदयू यादव वोट में सेंधमारी करने की कोशिश करेगी। ऐसे में मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है।
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब चार दशक से पूर्व सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और उनके परिवार के सदस्यों का दबदबा रहा है। इस सीट पर श्री सिंह के छोटे पुत्र अजीत कुमार सिंह यहीं से अपनी राजनीति की शुरूआत कर रहे हैं। रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजद,भाजपा, जनसुराज ,बसपा समेत पांच प्रत्याशी मैदान में हैं।इस मुकाबले में भारतीय जनताा पार्टी (भाजपा) की ओर से पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह मैदान में हैं, तो प्रशांत किशोर ने सुशील कुमार सिंह को मैदान में उतार दिया।बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व विधायक अंबिका सिंह के भतीजे सतीश कुमार सिंह यादव उर्फ पिंटू यादव ,यादव उम्मीदवार को मैदान में उतारकर मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है।जातिगत समीकरण के हिसाब से रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजपूत जाति के सर्वाधिक मतदाता है। दूसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता हैं।तीसरे नंबर पर यादव वोटर हैं। राजद उम्मीदवार अजीत सिंह और भाजपा उम्मीदवार अशोक सिंह की दावेदारी राजपूत वोटों पर है।बसपा के उम्मीदवार पिंटू यादव और जन सुराज के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह दोनों ही मुस्लिम यादव (माई) समीकरण में सेंध मारी कर सकते हैं। राजद यहां एमवाई समीकरण को दुरुस्त करने में लगा है। इस समीकरण का बिखराव राजद उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा सकता है।
बिहार विधानसभा उपचुनाव में हाइप्रोफाइल इमामगंज (सुरक्षित) सीट पर जहां हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) एक बार फिर से कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में है वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पार्टी की ‘लालटेन’ को रोशन करने की जद्दोजहद में है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने वर्ष 2015 और वर्ष 2020 लगातार दो बार इमामगंज सीट पर जीत हासिल की थी। इमामगंज (सु) सीट से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी बहू और राज्य सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन की पत्नी दीपा मांझी को (हम) का उम्मीदवार बनाया है। वहीं महागठबंधन के घटक दल राजद ने इमामगंज (सु) सीट से रौशन कुमार को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 1990 में इस सीट पर हुये चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पूर्ववर्ती पार्टी जनता दल के टिकट पर उदय नारायण चौधरी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद से अबतक हुये इस सीट पर हुये चुनाव में लालू यादव की पार्टी जनता दल, या राष्ट्रीय जनता दल किसी ने जीत हासिल नहीं की है।इस तरह राजद के रौशन कुमार यहां पार्टी की ‘लालटेन’ रौशन करने के प्रयास में लगे हैं।
इमामगंज (सु) सीट पर उपचुनाव में हम, राजद,जनसुराज,पार्टी ,ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), दो निर्दलीय समेत 09 प्रत्याशी हैं। यहां से हम से दीपा मांझी, राजद से रौशन कुमार, जनसुराज पार्टी से जीतेन्द्र पासवान और एआईएमआईएम से कंचन पासवान मैदान में हैं।
इस उपचुनाव में राजग विपक्ष की तीन सीटों तरारी, रामगढ़ एवं बेलागंज को झटकने की कोशिश में जुटा है। वहीं, महागठबंधन अपनी जीती हुई सीटों को बचाने के साथ ही सत्तापक्ष की जीती हुई एक सीट (इमामगंज) पर नजर गड़ाए हुए है। इस उपचुनाव के मतो की गिनती 23 नवंबर को होगी। इस उपचुनाव में दिग्गज नेताओं के परिवार के सदस्यो की भी अग्निपरीक्षा है।देखना दिलचस्प् होगा कि 2025 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल मानकर एक-दूसरे को चुनावी दंगल में चुनौती देने वाला कौन दल अपना विजयी पतका लहरा पाता है।