शेयर बाजार में बीते कुछ समय से जारी गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 484.98 अंक गिरकर 79,001.34 पर पहुंच गया। निफ्टी 143.6 अंक फिसलकर 24,004.60 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।
विदेशी फंडों की निरंतर निकासी, निराशाजनक तिमाही आय और एशियाई बाजारों के कमजोर रुख से निवेशकों की धारणा प्रभावित होने से सोमवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि इक्विटी बाजार में अस्थिरता जारी रहने की आशंका है। इससे निकट अवधि में गिरावट का माहौल बना रहा सकता है।
शुरुआती कारोबार में बीएसई का सेंसेक्स 484.98 अंक गिरकर 79,001.34 अंक पर आ गया। वहीं एनएसई का निफ्टी 143.6 अंक गिरकर 24,004.60 अंक पर आ गया। सेंसेक्स की 30 शेयरों वाली कंपनी एशियन पेंट्स में 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। कंपनी ने शनिवार को बताया कि सितंबर तिमाही में उसका समेकित शुद्ध लाभ 43.71 प्रतिशत घटकर 693.66 करोड़ रुपये रह गया। कमजोर मांग, सामग्री मूल्य मुद्रास्फीति और घरेलू बाजार में सजावटी तथा कोटिंग कारोबार में गिरावट के कारण यह गिरावट आई।
एक्सिस बैंक, अदाणी पोर्ट्स, नेस्ले, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील और इंडसइंड बैंक भी पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल रहे। हालांकि, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, मारुति और एचसीएल टेक्नोलॉजीज लाभ में रहीं।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 3,404.04 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि भारतीय बाजार दबाव में हैं, जिसका मुख्य कारण विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली है।
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट सकारात्मक क्षेत्र में बंद हुआ। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "अमेरिकी बाजारों में निरंतर तेजी, जिसने डॉव और एसएंडपी 500 को क्रमशः 40,000 और 6,000 से ऊपर पहुंचा दिया है, अब भारतीय बाजारों के लिए अनुकूल नहीं रह गई है। इसके विपरीत, भारत में वित्त वर्ष 2025 के लिए उम्मीद से भी खराब आय में गिरावट से शेयर कीमतों पर दबाव पड़ रहा है, जिससे निकट भविष्य में मंदड़ियों को फायदा हो रहा है।"
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.42 प्रतिशत गिरकर 73.56 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शुक्रवार को बीएसई का सेंसेक्स 55.47 अंक या 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,486.32 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी 51.15 अंक या 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,148.20 अंक पर बंद हुआ था।
शेयर बाजार में बीते कुछ समय से जारी गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 484.98 अंक गिरकर 79,001.34 पर पहुंच गया। निफ्टी 143.6 अंक फिसलकर 24,004.60 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।
विदेशी फंडों की निरंतर निकासी, निराशाजनक तिमाही आय और एशियाई बाजारों के कमजोर रुख से निवेशकों की धारणा प्रभावित होने से सोमवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि इक्विटी बाजार में अस्थिरता जारी रहने की आशंका है। इससे निकट अवधि में गिरावट का माहौल बना रहा सकता है।
शुरुआती कारोबार में बीएसई का सेंसेक्स 484.98 अंक गिरकर 79,001.34 अंक पर आ गया। वहीं एनएसई का निफ्टी 143.6 अंक गिरकर 24,004.60 अंक पर आ गया। सेंसेक्स की 30 शेयरों वाली कंपनी एशियन पेंट्स में 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। कंपनी ने शनिवार को बताया कि सितंबर तिमाही में उसका समेकित शुद्ध लाभ 43.71 प्रतिशत घटकर 693.66 करोड़ रुपये रह गया। कमजोर मांग, सामग्री मूल्य मुद्रास्फीति और घरेलू बाजार में सजावटी तथा कोटिंग कारोबार में गिरावट के कारण यह गिरावट आई।
एक्सिस बैंक, अदाणी पोर्ट्स, नेस्ले, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील और इंडसइंड बैंक भी पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल रहे। हालांकि, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, मारुति और एचसीएल टेक्नोलॉजीज लाभ में रहीं।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 3,404.04 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि भारतीय बाजार दबाव में हैं, जिसका मुख्य कारण विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली है।
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट सकारात्मक क्षेत्र में बंद हुआ। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "अमेरिकी बाजारों में निरंतर तेजी, जिसने डॉव और एसएंडपी 500 को क्रमशः 40,000 और 6,000 से ऊपर पहुंचा दिया है, अब भारतीय बाजारों के लिए अनुकूल नहीं रह गई है। इसके विपरीत, भारत में वित्त वर्ष 2025 के लिए उम्मीद से भी खराब आय में गिरावट से शेयर कीमतों पर दबाव पड़ रहा है, जिससे निकट भविष्य में मंदड़ियों को फायदा हो रहा है।"
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.42 प्रतिशत गिरकर 73.56 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शुक्रवार को बीएसई का सेंसेक्स 55.47 अंक या 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,486.32 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी 51.15 अंक या 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,148.20 अंक पर बंद हुआ था।