कानून व्यवस्था का अजब उदाहरण, 16 तारीख को दिए गए उरला थाना में आवेदन की पावती 21 तारीख को दी गई, केवल जांच पर ही अटका हुआ पूरा मामला...
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस प्रशाशन अब लगातार घिरते जा रही है, क्योंकि राजधानी में जिस कदर अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं, आए दिन हत्या, मारपीट, चाकूबाजी तथा अन्य अपराध इसका जीता जागता उदाहरण है। ज्ञात हो कि सूरजपुर में एक पुलिस वाले के परिवार की हत्या कर उनके शव को 5 किलोमीटर दूर रख दिया गया,, पुलिस पर ही अपराधी द्वारा गरम खौलता हुआ तेल उंडेल दिया जाता है, एक कबाड़ी द्वारा महिला तथा साथी पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना पर थाने में F.I.R. तक दर्ज नहीं की जाती है और उल्टा थाना प्रभारी द्वारा पत्रकारों को पैसे लेकर सेटलमेंट कर लो नही तो जान से जाओगे कहकर डराया धमकाया जाता है, जब छत्तीसगढ़ में पुलिस प्रशाशन और पत्रकार ही सुरक्षित नही हैं फिर सोचिए आम आदमी की क्या दशा होती होगी। कबाड़ियों को इस तरह से पुलिस का संरक्षण मिलना और अपराध, FIR दर्ज नहीं करना यह सब बेहद गंभीर मामला है।
ऐसी ही एक वारदात एक महिला पत्रकार और उसके साथी पत्रकारों के साथ 16.10.2024 को हुई जहां महिला पत्रकार अपने साथी पत्रकारों के साथ एक लोहे का अवैध कारोबार करने वाले लल्ली सिंह (सरदार) ने अंजाम दिया और पुलिस प्रशाशन से ही उसको संरक्षण तक दिया जा रहा है। बता दें कि सरकारी लोहे की बड़ी मात्रा में अवैध कारोबार मिलने की जानकारी पर महिला पत्रकार और उनके साथियों द्वारा टाटीबंध से बिलासपुर बॉयपास रोड के HP पेट्रोल पंप से लगे एक सरदार लल्ली सिंह का यार्ड है जहां भारी मात्रा में सरकारी लोहे का अवैध कारोबार संचालन किया जाता है, इसी की तफ्तीश करने पहुंचे महिला पत्रकार और साथियों संग अभद्र व्यवहार और डंडे से मारपीट की गई जिसमें 2 पत्रकारों का रायपुर एम्स हॉस्पिटल में मुलायजा भी करवाया गया लेकिन अब तक इस मामले पर कोई भी कार्यवाही नही की गई है जबकि अवैध लोहे का भारी मात्रा में कारोबार का पूरा सबूत दिया जा चुका है।
CSP अमन कुमार झा का कहना है जांच करेंगे लेकिन अब तक कोई भी जांच नहीं की जा रही और सबूत साक्ष्य मिटाने का भरपूर मौका कबाड़ी को पुलिस प्रशाशन ही दे रही: 16 अक्टूबर के आवेदन पर 21 अक्टूबर को रिसीविंग दी गई
वहीं खमतराई थाना CSP अमन कुमार झा से जब पत्रकारों द्वारा उरला थाना घेराव किया गया जिसमें कई सामाजिक संगठनों ने पत्रकारों का साथ दिया, पूरे मामले को जब उनके समक्ष रखा तो CSP साहब का सिर्फ एक ही रटा रटाया जवाब सुनने को मिला कि मैं इसकी जांच करूंगा। लेकिन आज दिनांक तक घटना में कोई भी जांच की गति नहीं दिखाई दे रही और पुलिस प्रशाशन द्वारा सारे सबूत और साक्ष्य मिटाने का पूरा मौका आरोपी सरदार लल्ली सिंह को दी जा रही है, और तो और जब पत्रकारगण अपने साथीयों और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ जब उरला थाना CSP अमन कुमार झा से मिले तो 16 अक्टूबर के आवेदन पर 21 अक्टूबर को उसकी रिसीविंग थाने में दी गई। जबकि इस पूरे घटना का विवरण IG अमरेश मिश्रा के संज्ञान में दिया जा चुका है।
महिला पत्रकार और साथियों संग मारपीट का लोहे का अवैध कारोबार चलाने वाले लल्ली सिंह का मामला महिला आयोग में दिया गया:
इस मामले पर कथन के लिए एडिशनल एसपी लखन पटले को आज महिला पत्रकार और उसके साथियों संग सिविल लाईन थाना बुलाया गया और कथन लिया गया है। वही अब ये मामला महिला आयोग के संज्ञान में भी आ चुका है। गौरतलब देखना बाकि है कि अब पुलिस प्रशासन का इस मामले पर क्या कार्यवाही की जाएगी।
कानून व्यवस्था का अजब उदाहरण, 16 तारीख को दिए गए उरला थाना में आवेदन की पावती 21 तारीख को दी गई, केवल जांच पर ही अटका हुआ पूरा मामला...
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस प्रशाशन अब लगातार घिरते जा रही है, क्योंकि राजधानी में जिस कदर अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं, आए दिन हत्या, मारपीट, चाकूबाजी तथा अन्य अपराध इसका जीता जागता उदाहरण है। ज्ञात हो कि सूरजपुर में एक पुलिस वाले के परिवार की हत्या कर उनके शव को 5 किलोमीटर दूर रख दिया गया,, पुलिस पर ही अपराधी द्वारा गरम खौलता हुआ तेल उंडेल दिया जाता है, एक कबाड़ी द्वारा महिला तथा साथी पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना पर थाने में F.I.R. तक दर्ज नहीं की जाती है और उल्टा थाना प्रभारी द्वारा पत्रकारों को पैसे लेकर सेटलमेंट कर लो नही तो जान से जाओगे कहकर डराया धमकाया जाता है, जब छत्तीसगढ़ में पुलिस प्रशाशन और पत्रकार ही सुरक्षित नही हैं फिर सोचिए आम आदमी की क्या दशा होती होगी। कबाड़ियों को इस तरह से पुलिस का संरक्षण मिलना और अपराध, FIR दर्ज नहीं करना यह सब बेहद गंभीर मामला है।
ऐसी ही एक वारदात एक महिला पत्रकार और उसके साथी पत्रकारों के साथ 16.10.2024 को हुई जहां महिला पत्रकार अपने साथी पत्रकारों के साथ एक लोहे का अवैध कारोबार करने वाले लल्ली सिंह (सरदार) ने अंजाम दिया और पुलिस प्रशाशन से ही उसको संरक्षण तक दिया जा रहा है। बता दें कि सरकारी लोहे की बड़ी मात्रा में अवैध कारोबार मिलने की जानकारी पर महिला पत्रकार और उनके साथियों द्वारा टाटीबंध से बिलासपुर बॉयपास रोड के HP पेट्रोल पंप से लगे एक सरदार लल्ली सिंह का यार्ड है जहां भारी मात्रा में सरकारी लोहे का अवैध कारोबार संचालन किया जाता है, इसी की तफ्तीश करने पहुंचे महिला पत्रकार और साथियों संग अभद्र व्यवहार और डंडे से मारपीट की गई जिसमें 2 पत्रकारों का रायपुर एम्स हॉस्पिटल में मुलायजा भी करवाया गया लेकिन अब तक इस मामले पर कोई भी कार्यवाही नही की गई है जबकि अवैध लोहे का भारी मात्रा में कारोबार का पूरा सबूत दिया जा चुका है।
CSP अमन कुमार झा का कहना है जांच करेंगे लेकिन अब तक कोई भी जांच नहीं की जा रही और सबूत साक्ष्य मिटाने का भरपूर मौका कबाड़ी को पुलिस प्रशाशन ही दे रही: 16 अक्टूबर के आवेदन पर 21 अक्टूबर को रिसीविंग दी गई
वहीं खमतराई थाना CSP अमन कुमार झा से जब पत्रकारों द्वारा उरला थाना घेराव किया गया जिसमें कई सामाजिक संगठनों ने पत्रकारों का साथ दिया, पूरे मामले को जब उनके समक्ष रखा तो CSP साहब का सिर्फ एक ही रटा रटाया जवाब सुनने को मिला कि मैं इसकी जांच करूंगा। लेकिन आज दिनांक तक घटना में कोई भी जांच की गति नहीं दिखाई दे रही और पुलिस प्रशाशन द्वारा सारे सबूत और साक्ष्य मिटाने का पूरा मौका आरोपी सरदार लल्ली सिंह को दी जा रही है, और तो और जब पत्रकारगण अपने साथीयों और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ जब उरला थाना CSP अमन कुमार झा से मिले तो 16 अक्टूबर के आवेदन पर 21 अक्टूबर को उसकी रिसीविंग थाने में दी गई। जबकि इस पूरे घटना का विवरण IG अमरेश मिश्रा के संज्ञान में दिया जा चुका है।
महिला पत्रकार और साथियों संग मारपीट का लोहे का अवैध कारोबार चलाने वाले लल्ली सिंह का मामला महिला आयोग में दिया गया:
इस मामले पर कथन के लिए एडिशनल एसपी लखन पटले को आज महिला पत्रकार और उसके साथियों संग सिविल लाईन थाना बुलाया गया और कथन लिया गया है। वही अब ये मामला महिला आयोग के संज्ञान में भी आ चुका है। गौरतलब देखना बाकि है कि अब पुलिस प्रशासन का इस मामले पर क्या कार्यवाही की जाएगी।