दिनों दिन बढ़ने वाली चिंताओं से राहत पाने के लिए लोग दवाओं का सेवन करते है। मगर हर बार दवा का सेवन करने से शरीर में कई समस्याओं को जोखिम बढ़ने लगता है। ऐसे में तनाव को दूर करने के लिए अगर आप किसी जड़ी बूटी की तलाश में है, तो जटामांसी का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे एकाग्रता की कमी और अनिद्रा की समस्या भी हल हो सकती है। जानते हैं जटामांसी के फायदे और सेवन करने का तरीका भी।
सबसे पहले जानते हैं जटामांसी किसे कहते हैं
इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि जटामांसी को नार्दोस्ताचिस जटामांसी भी कहा जाता है। जड़ी बूटी का इस्तेमाल कॉग्नीटिव हेल्थ को बूस्ट करने और याददाश्त को बढ़ाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर जड़ी बूटी को मेध्य रसायन कहा जाता है यानि मन को शांत रखने वाला नुस्खा माना जाता है। इसमें मौजूद न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण नींद न आने की समस्या को हल कर देते है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखा जाता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार दुनिया भर में 10 से 30 फीसदी आबादी में अनिद्रा की समस्या पाई जाती है और भारत में ये आंकड़ा 33 फीसदी है। मनोरोगों के कारण अनिद्रा
की समस्या बढ़ती है। क्रोनिक नींद संबंधी विकार कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनने लगते है। इसके चलते खराब याददाश्त, भावनात्मक अस्थिरता, मानसिक स्वास्थ्य विकार और कमज़ोर इम्यून सिस्टम का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वेलेरियनसी परिवार से संबधित नार्डोस्टैचिस जटामांसी तनाव और एंग्ज़ाइटी को दूर करने में मदद करती है, जो अनिद्रा को बढ़ाते हैं। सके सेवन से हृदय रोगों, आंत की समस्या और हाई ब्लड प्रेशर का भी सामना करना पड़ता है।
जानते हैं जटामांसी मेंटल हेल्थ को कैसे करता है बूस्ट
1. याददाश्त में लाए सुधार
इस न्यूरॉन सूदिंग हर्ब से नर्डोल, एलेमोल और ओरोसेलोल जैसे तत्वों की प्राप्ति होती है। इससे ब्रेन फंक्शनिंग को मज़बूती मिलती है और मेमोरी लॉस से बचा जा सकता है। जटामांसी का सेवन करने से एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है, जिससे चीजों पर फोकस करने की क्षमता में भी सुधार आने लगता है।
2. नींद की गुणवत्ता को बढ़ाए
इस जड़ी बूटी का सेवन करने से दिमाग शांत रहता है, जिससे अनिद्रा से राहत मिलती है। जटामांसी की जड़ से लेकर बीज तक सभी चीजें गुणकारी होती है। इसमें मौजूद कैरोटीन और डायहाइड्रोएजुलीन जैसे कंपाउड शरीर की रिदम को उचित बनाकर नींद न आने की समस्या को हल करते है।
3. नर्वस सिस्टम को करे बूस्ट
इससे नर्वस सिस्टम की फंक्शनिंग में सुधार आने लगता है और कॉग्नीटिव हेल्थ बूस्ट होती है। जटामांसी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंटस की मात्रा शरीर को एक्टिव बनाए रखता है और फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाता है। इससे एनर्जी और स्टेमिना में बढ़ोतरी होती है।
4. मूड बूस्टिंग गुणों से भरपूर
जटामांसी को पाउडर या सप्लीमेंट के रूप में खाने से सेरोटोनिन, डोपामाइन और गामा एमिनोब्यूट्रिक एसिड जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को शरीर में नियंत्रित मात्रा में रखा जा सकता है। इससे मूड को संतुलित रखने में मदद मिलती है और तनाव से बढ़ने वाला गुस्सा व चिड़चिड़ापन दूर होने लगता है।
दिनों दिन बढ़ने वाली चिंताओं से राहत पाने के लिए लोग दवाओं का सेवन करते है। मगर हर बार दवा का सेवन करने से शरीर में कई समस्याओं को जोखिम बढ़ने लगता है। ऐसे में तनाव को दूर करने के लिए अगर आप किसी जड़ी बूटी की तलाश में है, तो जटामांसी का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे एकाग्रता की कमी और अनिद्रा की समस्या भी हल हो सकती है। जानते हैं जटामांसी के फायदे और सेवन करने का तरीका भी।
सबसे पहले जानते हैं जटामांसी किसे कहते हैं
इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि जटामांसी को नार्दोस्ताचिस जटामांसी भी कहा जाता है। जड़ी बूटी का इस्तेमाल कॉग्नीटिव हेल्थ को बूस्ट करने और याददाश्त को बढ़ाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर जड़ी बूटी को मेध्य रसायन कहा जाता है यानि मन को शांत रखने वाला नुस्खा माना जाता है। इसमें मौजूद न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण नींद न आने की समस्या को हल कर देते है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखा जाता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार दुनिया भर में 10 से 30 फीसदी आबादी में अनिद्रा की समस्या पाई जाती है और भारत में ये आंकड़ा 33 फीसदी है। मनोरोगों के कारण अनिद्रा
की समस्या बढ़ती है। क्रोनिक नींद संबंधी विकार कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनने लगते है। इसके चलते खराब याददाश्त, भावनात्मक अस्थिरता, मानसिक स्वास्थ्य विकार और कमज़ोर इम्यून सिस्टम का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वेलेरियनसी परिवार से संबधित नार्डोस्टैचिस जटामांसी तनाव और एंग्ज़ाइटी को दूर करने में मदद करती है, जो अनिद्रा को बढ़ाते हैं। सके सेवन से हृदय रोगों, आंत की समस्या और हाई ब्लड प्रेशर का भी सामना करना पड़ता है।
जानते हैं जटामांसी मेंटल हेल्थ को कैसे करता है बूस्ट
1. याददाश्त में लाए सुधार
इस न्यूरॉन सूदिंग हर्ब से नर्डोल, एलेमोल और ओरोसेलोल जैसे तत्वों की प्राप्ति होती है। इससे ब्रेन फंक्शनिंग को मज़बूती मिलती है और मेमोरी लॉस से बचा जा सकता है। जटामांसी का सेवन करने से एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है, जिससे चीजों पर फोकस करने की क्षमता में भी सुधार आने लगता है।
2. नींद की गुणवत्ता को बढ़ाए
इस जड़ी बूटी का सेवन करने से दिमाग शांत रहता है, जिससे अनिद्रा से राहत मिलती है। जटामांसी की जड़ से लेकर बीज तक सभी चीजें गुणकारी होती है। इसमें मौजूद कैरोटीन और डायहाइड्रोएजुलीन जैसे कंपाउड शरीर की रिदम को उचित बनाकर नींद न आने की समस्या को हल करते है।
3. नर्वस सिस्टम को करे बूस्ट
इससे नर्वस सिस्टम की फंक्शनिंग में सुधार आने लगता है और कॉग्नीटिव हेल्थ बूस्ट होती है। जटामांसी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंटस की मात्रा शरीर को एक्टिव बनाए रखता है और फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाता है। इससे एनर्जी और स्टेमिना में बढ़ोतरी होती है।
4. मूड बूस्टिंग गुणों से भरपूर
जटामांसी को पाउडर या सप्लीमेंट के रूप में खाने से सेरोटोनिन, डोपामाइन और गामा एमिनोब्यूट्रिक एसिड जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को शरीर में नियंत्रित मात्रा में रखा जा सकता है। इससे मूड को संतुलित रखने में मदद मिलती है और तनाव से बढ़ने वाला गुस्सा व चिड़चिड़ापन दूर होने लगता है।