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हिस्ट्रीशीटर अमित जोश को छिपाने व भगाने में मदद करने वाला हुआ गिरफ्तार:

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भिलाई । दुर्ग पुलिस हिस्ट्रीशीटर अमित जोश के एनकाउंटर के बाद उसको छिपाने व मदद करने वालों पर भी शिकंजा कस रही है। इसी कडी में दुर्ग पुलिस ने आज अमित जोश को छिपाने व भागने में मदद करने वाले संतोष राव को भी गिरफ्तार कर उनके निशानदेही पर जिस एक्टिवा वाहन से वह भागकर पेण्ड्रा रोड गया था उस  एक्टिवा वाहन को पेण्ड्र रोड रेलवे स्टेशन के पार्किंग से बरामद की है। पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने पहले ही कहा था कि अमित की मदद करने वालों पर कार्रवाई की जायगी।

ज्ञातव्य हो कि भिलाई नगर थाना से सौ मीटर की दूरी पर ग्लोब चौक के पास 25 और 26 जून की दरमियानी रात 1 से 2 बजे के बीच युवकों के दो गुटों में विवाद हो गया। इस विवाद के बाद एक गुट जिसमें बदमाश अमित जोश शामिल था, उसने विश्रामपुर के रहने वाले आदित्य सिंह एवं सुनील यादव को पर गोली चला दी। इस हमले में दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए।


इस मामले में रमनजीत सिंह पिता अवतार सिंह साकिन जेएमक्यु, कालोनी क्वाटर 07 विश्रामपुर जिला सूरजपुर द्वारा शिकायत दर्ज कराई थी। घटना के बाद पुलिस ने आर. यशवंत नायडू, अंकुर शर्मा, बी लक्की जार्ज, शकर भाट, सागर उर्फ डागी, मुकुल सोना, रुपेश सिंह व बिज्जी मोरिस को अलग अलग तिथियों में गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी अमित का पुलिस कर चुकी है एनकाउंटर इस मामले में मुख्य आरोपी लगातार फरार चल रहा था। सप्ताह भर पहले 8 नवंबर को की शाम करीबन 5:00 बजे अमित जोश को भिलाई में देखा गया। जयंती स्टेडियम के पीछे झाड़ी के पास दिखने पर पुलिस के द्वारा पौछा करने पर उसने पुलिस वालो पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी।


इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की जिसमें अमित जोश की मौत हो गई। एनकाउंटर के बाद दुर्ग जिले के एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने डिया से चर्चा कर एनकाउंटर से जुड़ी खास बातें साझा की और यह भी कहा कि केस अभी खत्म नहीं हुआ। अमित जोश का साथ देने वालों की तलाश की जा रही है। अमित जोश के मददगार संतोष राव की थी तलाश इस मामले में पुलिस को अमित जोश के सहयोगी डी संतोष राव की तलाश थी। अमित जोश के एनकाउंटर के बाद संतोष राव भी पुलिस से बचने छिप रहा था। मुखबिर की सूचना पर उसे हिरासत में लिया गया और पूछताछ में उसने अमित जोश की मदद करना स्वीकार किया। पुलिस ने संतोष राव की निशानदेही पर अमित जोश द्वारा भागने के लिए इस्तेमाल किए गए एक्टिवा को पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन के पार्किंग से बरामद किया है।


भिलाई । दुर्ग पुलिस हिस्ट्रीशीटर अमित जोश के एनकाउंटर के बाद उसको छिपाने व मदद करने वालों पर भी शिकंजा कस रही है। इसी कडी में दुर्ग पुलिस ने आज अमित जोश को छिपाने व भागने में मदद करने वाले संतोष राव को भी गिरफ्तार कर उनके निशानदेही पर जिस एक्टिवा वाहन से वह भागकर पेण्ड्रा रोड गया था उस  एक्टिवा वाहन को पेण्ड्र रोड रेलवे स्टेशन के पार्किंग से बरामद की है। पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने पहले ही कहा था कि अमित की मदद करने वालों पर कार्रवाई की जायगी।

ज्ञातव्य हो कि भिलाई नगर थाना से सौ मीटर की दूरी पर ग्लोब चौक के पास 25 और 26 जून की दरमियानी रात 1 से 2 बजे के बीच युवकों के दो गुटों में विवाद हो गया। इस विवाद के बाद एक गुट जिसमें बदमाश अमित जोश शामिल था, उसने विश्रामपुर के रहने वाले आदित्य सिंह एवं सुनील यादव को पर गोली चला दी। इस हमले में दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए।


इस मामले में रमनजीत सिंह पिता अवतार सिंह साकिन जेएमक्यु, कालोनी क्वाटर 07 विश्रामपुर जिला सूरजपुर द्वारा शिकायत दर्ज कराई थी। घटना के बाद पुलिस ने आर. यशवंत नायडू, अंकुर शर्मा, बी लक्की जार्ज, शकर भाट, सागर उर्फ डागी, मुकुल सोना, रुपेश सिंह व बिज्जी मोरिस को अलग अलग तिथियों में गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी अमित का पुलिस कर चुकी है एनकाउंटर इस मामले में मुख्य आरोपी लगातार फरार चल रहा था। सप्ताह भर पहले 8 नवंबर को की शाम करीबन 5:00 बजे अमित जोश को भिलाई में देखा गया। जयंती स्टेडियम के पीछे झाड़ी के पास दिखने पर पुलिस के द्वारा पौछा करने पर उसने पुलिस वालो पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी।


इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की जिसमें अमित जोश की मौत हो गई। एनकाउंटर के बाद दुर्ग जिले के एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने डिया से चर्चा कर एनकाउंटर से जुड़ी खास बातें साझा की और यह भी कहा कि केस अभी खत्म नहीं हुआ। अमित जोश का साथ देने वालों की तलाश की जा रही है। अमित जोश के मददगार संतोष राव की थी तलाश इस मामले में पुलिस को अमित जोश के सहयोगी डी संतोष राव की तलाश थी। अमित जोश के एनकाउंटर के बाद संतोष राव भी पुलिस से बचने छिप रहा था। मुखबिर की सूचना पर उसे हिरासत में लिया गया और पूछताछ में उसने अमित जोश की मदद करना स्वीकार किया। पुलिस ने संतोष राव की निशानदेही पर अमित जोश द्वारा भागने के लिए इस्तेमाल किए गए एक्टिवा को पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन के पार्किंग से बरामद किया है।


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