Raipur :: रायपुर में पिछले साल की तुलना में अपराधों में 3 प्रतिशत की आंशिक कमी:

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रायपुर में इस वर्ष फरवरी से अब तक 7970 अपराध हुए दर्ज। पिछले साल के इसी अवधि के तुलना में अपराधों में 3 प्रतिशत की आंशिक कमी। प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियां, बदमाशों पर कार्यवाही, विजिबल पुलिसिंग और नशे के खिलाफ कार्यवाहियों पर दिया जा रहा जोर।

आईजीपी रायपुर अमरेश मिश्रा और एसएसपी संतोष सिंह के निर्देश पर रायपुर पुलिस द्वारा प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियां, बदमाशों व अड्डेबाजी पर कार्यवाही, विजिबल पुलिसिंग और नशे के खिलाफ कार्यवाहियों पर जोर दिया जा रहा है। जिला रायपुर में माह फरवरी से अब तक आईपीसी/बीएनएस के तहत 7970 अपराध दर्ज किए गए हैं। पिछले साल इसी अवधि में  8224 अपराध दर्ज हुए थे। इस तुलनात्मक अवधि में अपराधों में 3 प्रतिशत की आंशिक कमी हुई है। 

पिछले साल चाकूबाजी की 171 की जगह 102 घटनाएं और हत्या के 54 की बजाय 58 घटनाएं हुई हैं। चाकूबाजी में 40 फीसदी की कमी, हत्या में 7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। छेड़छाड़/यौन हिंसा में 28 फीसदी, बलात्कार में 8 फीसदी, चोरी में 9 और मारपीट में 3 प्रतिशत की कमी है। इस वर्ष माह फरवरी से चलाए जा रहे नशे के खिलाफ निजात अभियान के कारण एनडीपीएस व आबकारी के दर्ज प्रकरणों में तेजी के कारण कुल पंजीबद्ध अपराध में बढ़ोतरी परिलक्षित हो रही हैं।


रायपुर में इस वर्ष फरवरी से अब तक 7970 अपराध हुए दर्ज। पिछले साल के इसी अवधि के तुलना में अपराधों में 3 प्रतिशत की आंशिक कमी। प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियां, बदमाशों पर कार्यवाही, विजिबल पुलिसिंग और नशे के खिलाफ कार्यवाहियों पर दिया जा रहा जोर।

आईजीपी रायपुर अमरेश मिश्रा और एसएसपी संतोष सिंह के निर्देश पर रायपुर पुलिस द्वारा प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियां, बदमाशों व अड्डेबाजी पर कार्यवाही, विजिबल पुलिसिंग और नशे के खिलाफ कार्यवाहियों पर जोर दिया जा रहा है। जिला रायपुर में माह फरवरी से अब तक आईपीसी/बीएनएस के तहत 7970 अपराध दर्ज किए गए हैं। पिछले साल इसी अवधि में  8224 अपराध दर्ज हुए थे। इस तुलनात्मक अवधि में अपराधों में 3 प्रतिशत की आंशिक कमी हुई है। 

पिछले साल चाकूबाजी की 171 की जगह 102 घटनाएं और हत्या के 54 की बजाय 58 घटनाएं हुई हैं। चाकूबाजी में 40 फीसदी की कमी, हत्या में 7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। छेड़छाड़/यौन हिंसा में 28 फीसदी, बलात्कार में 8 फीसदी, चोरी में 9 और मारपीट में 3 प्रतिशत की कमी है। इस वर्ष माह फरवरी से चलाए जा रहे नशे के खिलाफ निजात अभियान के कारण एनडीपीएस व आबकारी के दर्ज प्रकरणों में तेजी के कारण कुल पंजीबद्ध अपराध में बढ़ोतरी परिलक्षित हो रही हैं।


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