नई दिल्ली । भारत के वाणिज्य सचिव सुनील भार्थवाल ने हाल ही में नॉर्वे का दौरा किया। उनका यह दौरा भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ ईएफटीए देशों के साथ व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टेपा) लागू करने में तेजी लाने और 100 अरब डॉलर के निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से था। भार्थवाल का नॉर्वे दौरा भारत और ईएफटीए देशों के बीच टेपा समझौते को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए था। इस समझौते के तहत, भारत को ईएफटीए देशों के बाजारों में अपने उत्पादों और सेवाओं के निर्यात के लिए 99.6 प्रतिशत बाजार का अधिकार मिलेगा। इसमें गैर-कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों पर महत्वपूर्ण टैक्स छूट दी जाएगी। भारत ने ईएफटीए देशों को 82.7 प्रतिशत अपनी टैक्स लाइनों की पेशकश की है, जो ईएफटीए के निर्यात का 95.3 प्रतिशत हिस्सा कवर करता है। भारत ने ईएफटीए के लिए 105 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है, जबकि नॉर्वे ने 114 क्षेत्रों में प्रतिबद्धता की है। भार्थवाल ने नॉर्वे में टॉमस नॉर्वोल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इन बैठकों में मुख्य रूप से व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना भारतीय निर्यात को प्रोत्साहन देना, और टेपा के अनुमोदन में तेजी लाने के मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा वाणिज्य सचिव ने नॉर्वेजियन संसद के सदस्यों से भी मुलाकात की और समझौते के संभावित लाभों पर जोर दिया।
नई दिल्ली । भारत के वाणिज्य सचिव सुनील भार्थवाल ने हाल ही में नॉर्वे का दौरा किया। उनका यह दौरा भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ ईएफटीए देशों के साथ व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टेपा) लागू करने में तेजी लाने और 100 अरब डॉलर के निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से था। भार्थवाल का नॉर्वे दौरा भारत और ईएफटीए देशों के बीच टेपा समझौते को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए था। इस समझौते के तहत, भारत को ईएफटीए देशों के बाजारों में अपने उत्पादों और सेवाओं के निर्यात के लिए 99.6 प्रतिशत बाजार का अधिकार मिलेगा। इसमें गैर-कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों पर महत्वपूर्ण टैक्स छूट दी जाएगी। भारत ने ईएफटीए देशों को 82.7 प्रतिशत अपनी टैक्स लाइनों की पेशकश की है, जो ईएफटीए के निर्यात का 95.3 प्रतिशत हिस्सा कवर करता है। भारत ने ईएफटीए के लिए 105 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है, जबकि नॉर्वे ने 114 क्षेत्रों में प्रतिबद्धता की है। भार्थवाल ने नॉर्वे में टॉमस नॉर्वोल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इन बैठकों में मुख्य रूप से व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना भारतीय निर्यात को प्रोत्साहन देना, और टेपा के अनुमोदन में तेजी लाने के मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा वाणिज्य सचिव ने नॉर्वेजियन संसद के सदस्यों से भी मुलाकात की और समझौते के संभावित लाभों पर जोर दिया।