दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय अभियान “बाल विवाह मुक्त भारत” का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य देश भर में बाल विवाह की कुप्रथा को समाप्त करना और युवा लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाना है। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर और अन्य गणमान्य अधिकारी और हितधारक भी मौजूद थे।
अभियान के हिस्से के रूप में अन्नपूर्णा देवी ने बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल का भी शुभारंभ किया। यह पोर्टल एक अभिनव ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो नागरिकों को बाल विवाह की घटनाओं की रिपोर्ट करने, शिकायत दर्ज करने और देश भर में बाल विवाह निषेध अधिकारियों (सीएमपीओ) के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। यह पोर्टल नागरिकों को सशक्त बनाने और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ।
अपने मुख्य भाषण में, केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार का हवाला दिया जो 2014-15 में 918 से बढ़कर 2023-24 में 930 हो गया। उन्होंने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत, 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों के विवाह पर सख्त प्रतिबंध है और इसका उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री ने पिछले वर्ष एक लाख से अधिक बाल विवाह रोकने में मिली सफलता पर भी प्रकाश डाला और बाल विवाह दरों में वैश्विक कमी में भारत के योगदान को स्वीकार किया, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा भी मान्यता दी गई है।
पोडियम पर खड़ा एक व्यक्तिविवरण स्वचालित रूप से उत्पन्न होता है
अन्नपूर्णा देवी ने यह भी कहा कि इस अभियान का उद्देश्य हमारी बेटियों को वह शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान करके सशक्त बनाना है जिसकी वे हकदार हैं। लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, हमारी सरकार लड़कियों की शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण का समर्थन करने वाली पहलों को लागू करना जारी रखे हुए है। इस अभियान का शुभारंभ केवल एक कार्यक्रम नहीं है; यह बाल विवाह को मिटाने और हमारे देश की हर बेटी को सशक्त बनाने का एक मिशन है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर लड़की शिक्षित, सुरक्षित और अपने सपनों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र हो। हम 2047 तक 'विकसित भारत' की दिशा में काम कर रहे हैं। इसलिए हम हर लड़की को सशक्त बनाने और बाल विवाह को रोकने के लिए एकजुट हों।
दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय अभियान “बाल विवाह मुक्त भारत” का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य देश भर में बाल विवाह की कुप्रथा को समाप्त करना और युवा लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाना है। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर और अन्य गणमान्य अधिकारी और हितधारक भी मौजूद थे।
अभियान के हिस्से के रूप में अन्नपूर्णा देवी ने बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल का भी शुभारंभ किया। यह पोर्टल एक अभिनव ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो नागरिकों को बाल विवाह की घटनाओं की रिपोर्ट करने, शिकायत दर्ज करने और देश भर में बाल विवाह निषेध अधिकारियों (सीएमपीओ) के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। यह पोर्टल नागरिकों को सशक्त बनाने और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है ।
अपने मुख्य भाषण में, केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार का हवाला दिया जो 2014-15 में 918 से बढ़कर 2023-24 में 930 हो गया। उन्होंने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत, 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों के विवाह पर सख्त प्रतिबंध है और इसका उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री ने पिछले वर्ष एक लाख से अधिक बाल विवाह रोकने में मिली सफलता पर भी प्रकाश डाला और बाल विवाह दरों में वैश्विक कमी में भारत के योगदान को स्वीकार किया, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा भी मान्यता दी गई है।
पोडियम पर खड़ा एक व्यक्तिविवरण स्वचालित रूप से उत्पन्न होता है
अन्नपूर्णा देवी ने यह भी कहा कि इस अभियान का उद्देश्य हमारी बेटियों को वह शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान करके सशक्त बनाना है जिसकी वे हकदार हैं। लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, हमारी सरकार लड़कियों की शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण का समर्थन करने वाली पहलों को लागू करना जारी रखे हुए है। इस अभियान का शुभारंभ केवल एक कार्यक्रम नहीं है; यह बाल विवाह को मिटाने और हमारे देश की हर बेटी को सशक्त बनाने का एक मिशन है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर लड़की शिक्षित, सुरक्षित और अपने सपनों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र हो। हम 2047 तक 'विकसित भारत' की दिशा में काम कर रहे हैं। इसलिए हम हर लड़की को सशक्त बनाने और बाल विवाह को रोकने के लिए एकजुट हों।