रायपुर । दिल्ली में हुई डीपीसी में छत्तीसगढ़ के राज्य प्रशासनिक सेवा के 14 अधिकारियों को आईएएस अवार्ड पर मुहर लगा दिया गया। डीपीसी में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ के चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन, सीनियर एसीएस के तौर पर रेणु पिल्ले, जीएडी सिकरेट्री मुकेश बंसल दिल्ली गए थे। डीपीसी ने सौम्या चौरसिया, तीर्थराज अग्रवाल और आरती वासनिक के खिलाफ अनियमितता के गंभीर मामले होने की वजह से उनके नामों पर विचार नहीं किया। इसका लाभ वीरेंद्र बहादुर पंचभाई को मिला और आईएएस अवार्ड हो गया।
तीनों आरोपियों का नाम कट गया
कई बार ऐसा हुआ है कि किसी अफसर के खिलाफ अगर कोई मामला है तो उसका नाम ड्रॉप करने की बजाए लिफाफा बंद कर दिया जाता था। मगर इस बार सख्ती बरतते हुए सौम्या चौरसिया, तीर्थराज अग्रवाल और आरती वासनिक, तीनों का नाम ड्रॉप कर दिया गया। इससे सौमिल चौबे और पंच भाई का नाम सीनियरिटी में उपर आ गया।
छत्तीसगढ़ में पहली बार
पंच भाई नायब तहसीलदार से प्रमोट होकर राज्य प्रशासनिक सेवा में आए और इसके बाद अब आईएएस हो गए हैं। छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहली दफा हुआ है कि कोई नायब तहसीलदार रैंक से आईएएस तक पहुंच गया हो। अविभाजित मध्यप्रदेश में भी अभी तक सिर्फ एक पंडित सरनेम का अफसर नायब तहसीलदार से आईएएस हुआ। पंडित भी छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले थे।
जानिये कौन हैं पंच भाई
वीरेंद्र बहादुर पंच भाई दुर्ग जिले के रहने वाले हैं। मध्यप्रदेश के दौरान 1993 में उनका आरक्षित कोटे से नायब तहसीलदार में सलेक्शन हुआ था। वे कई साल तक अभनपुर में नायब तहसीदार और तहसीलदार रहे। इसके बाद 2010 वे राज्य प्रशासनिक सेवा में सलेक्ट हुए। रायपुर में वे लंबे समय तक अपर कलेक्टर रहे। नई सरकार आने के बाद उनका नारायणपुर ट्रांसफर किया गया। अभी वे नारायणपुर में अपर कलेक्टर हैं। रायपुर में अपर कलेक्टर में वे काफी चर्चित रहे हैं।
इन अफसरों को हुआ आईएएस अवार्ड
1. संतोष देवांगन
2. हीना नेताम
3. आश्वनी देवांगन
4. रेणुका श्रीवास्तव
5. आशुतोष पाण्डेय
6. अजय अग्रवाल
7. रीता यादव
8. लोकेश चंद्राकर
9. प्रकाश सर्वे
10. गजेंद्र ठाकुर
11. लीना कोसम
12. तनुजा सलाम
13. सौमिल चौबे
14. वीरेंद्र बहादुर पंच भाई
रायपुर । दिल्ली में हुई डीपीसी में छत्तीसगढ़ के राज्य प्रशासनिक सेवा के 14 अधिकारियों को आईएएस अवार्ड पर मुहर लगा दिया गया। डीपीसी में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ के चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन, सीनियर एसीएस के तौर पर रेणु पिल्ले, जीएडी सिकरेट्री मुकेश बंसल दिल्ली गए थे। डीपीसी ने सौम्या चौरसिया, तीर्थराज अग्रवाल और आरती वासनिक के खिलाफ अनियमितता के गंभीर मामले होने की वजह से उनके नामों पर विचार नहीं किया। इसका लाभ वीरेंद्र बहादुर पंचभाई को मिला और आईएएस अवार्ड हो गया।
तीनों आरोपियों का नाम कट गया
कई बार ऐसा हुआ है कि किसी अफसर के खिलाफ अगर कोई मामला है तो उसका नाम ड्रॉप करने की बजाए लिफाफा बंद कर दिया जाता था। मगर इस बार सख्ती बरतते हुए सौम्या चौरसिया, तीर्थराज अग्रवाल और आरती वासनिक, तीनों का नाम ड्रॉप कर दिया गया। इससे सौमिल चौबे और पंच भाई का नाम सीनियरिटी में उपर आ गया।
छत्तीसगढ़ में पहली बार
पंच भाई नायब तहसीलदार से प्रमोट होकर राज्य प्रशासनिक सेवा में आए और इसके बाद अब आईएएस हो गए हैं। छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहली दफा हुआ है कि कोई नायब तहसीलदार रैंक से आईएएस तक पहुंच गया हो। अविभाजित मध्यप्रदेश में भी अभी तक सिर्फ एक पंडित सरनेम का अफसर नायब तहसीलदार से आईएएस हुआ। पंडित भी छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले थे।
जानिये कौन हैं पंच भाई
वीरेंद्र बहादुर पंच भाई दुर्ग जिले के रहने वाले हैं। मध्यप्रदेश के दौरान 1993 में उनका आरक्षित कोटे से नायब तहसीलदार में सलेक्शन हुआ था। वे कई साल तक अभनपुर में नायब तहसीदार और तहसीलदार रहे। इसके बाद 2010 वे राज्य प्रशासनिक सेवा में सलेक्ट हुए। रायपुर में वे लंबे समय तक अपर कलेक्टर रहे। नई सरकार आने के बाद उनका नारायणपुर ट्रांसफर किया गया। अभी वे नारायणपुर में अपर कलेक्टर हैं। रायपुर में अपर कलेक्टर में वे काफी चर्चित रहे हैं।
इन अफसरों को हुआ आईएएस अवार्ड
1. संतोष देवांगन
2. हीना नेताम
3. आश्वनी देवांगन
4. रेणुका श्रीवास्तव
5. आशुतोष पाण्डेय
6. अजय अग्रवाल
7. रीता यादव
8. लोकेश चंद्राकर
9. प्रकाश सर्वे
10. गजेंद्र ठाकुर
11. लीना कोसम
12. तनुजा सलाम
13. सौमिल चौबे
14. वीरेंद्र बहादुर पंच भाई