बिलासपुर । हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के सेवानिवृत्त अर्ध कुशल श्रमिक पेंशन गणना के नाम पर गैरकानूनी तरीके से वसूली गई राशि 8 प्रतिशत ब्याज सहित 7 दिनों के अंदर देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद अधिकारियों ने जवाब प्रस्तुत कर ली गई राशि लौटाने की बात स्वीकार की है।
जांजगीर चाम्पा जिला के हसौद निवासी दीनदयाल श्रीवास की लोक निर्माण विभाग में अर्ध कुशल श्रमिक के पद में नियुक्ति हुई थी। 30 अप्रैल 2017 को याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त हुए। जिला लेखा अधिकारी जांजगीर ने निर्देशित किया याचिकाकर्ता को पेंशन गणना के लिए 1,52,624/- जमा करना होगा। इस पर याचिकाकर्ता ने नवंबर 2017 को राशि जमा किया। याचिकाकर्ता को जानकारी होने पर कि उससे गैरकानूनी वसूली की गई है। इस पर याचिकाकर्ता ने कलेक्टर जांजगीर चाम्पा को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर जमा कराई गई राशि लौटाने की मांग की गई। उसके आवेदन पर कोई निर्णय नहीं होने पर उन्होंने अधिवक्ता योगेश चंद्रा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका पेश की। याचिका में जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की कोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने उत्तरवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। महालेखाकार एवं जिला लेखा अधिकारी की ओर से कोर्ट में जवाब प्रस्तुत कर कहा कि याचिकाकर्ता से वसूली गई राशि 152624 रूपये उत्तरवादी वापस करने को तैयार है। उत्तरवादी अधिकारियों के निवेदन को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता से वसूली गई राशि को 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 7 दिनों के अंदर लौटाने का आदेश दिया है। इसके साथ कोर्ट ने याचिका को निराकृत किया है।
बिलासपुर । हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के सेवानिवृत्त अर्ध कुशल श्रमिक पेंशन गणना के नाम पर गैरकानूनी तरीके से वसूली गई राशि 8 प्रतिशत ब्याज सहित 7 दिनों के अंदर देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद अधिकारियों ने जवाब प्रस्तुत कर ली गई राशि लौटाने की बात स्वीकार की है।
जांजगीर चाम्पा जिला के हसौद निवासी दीनदयाल श्रीवास की लोक निर्माण विभाग में अर्ध कुशल श्रमिक के पद में नियुक्ति हुई थी। 30 अप्रैल 2017 को याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त हुए। जिला लेखा अधिकारी जांजगीर ने निर्देशित किया याचिकाकर्ता को पेंशन गणना के लिए 1,52,624/- जमा करना होगा। इस पर याचिकाकर्ता ने नवंबर 2017 को राशि जमा किया। याचिकाकर्ता को जानकारी होने पर कि उससे गैरकानूनी वसूली की गई है। इस पर याचिकाकर्ता ने कलेक्टर जांजगीर चाम्पा को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर जमा कराई गई राशि लौटाने की मांग की गई। उसके आवेदन पर कोई निर्णय नहीं होने पर उन्होंने अधिवक्ता योगेश चंद्रा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका पेश की। याचिका में जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की कोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने उत्तरवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। महालेखाकार एवं जिला लेखा अधिकारी की ओर से कोर्ट में जवाब प्रस्तुत कर कहा कि याचिकाकर्ता से वसूली गई राशि 152624 रूपये उत्तरवादी वापस करने को तैयार है। उत्तरवादी अधिकारियों के निवेदन को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता से वसूली गई राशि को 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 7 दिनों के अंदर लौटाने का आदेश दिया है। इसके साथ कोर्ट ने याचिका को निराकृत किया है।