आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और खानपान की खराब आदतें सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन रही हैं। इस अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से ही पुरुषों में फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। सेहत पर हुई कई स्टडी बताती हैं कि आजकल 25 से 30 साल के युवा इनफर्टिलिटी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए मर्दों को अपनी रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी इन 5 खराब आदतों को बदलना जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी 5 खराब आदतें हैं, जो पुरुषों की फर्टिलिटी पर बुरा असर डालती हैं।
अहेल्दी फूड
अगर आप अपनी फर्टिलिटी को अच्छा बनाए रखना चाहते हैं, तो फास्ट फूड का अधिक सेवन करने से बचें। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, प्रोसेस्ड मीट अधिक खाने वाले पुरुषों में सामान्य आकार के शुक्राणु कोशिकाओं की संख्या उन लोगों की तुलना में बहुत कम थी जो इस तरह का भोजन कम करते थे। कुछ अध्ययनों की माने तो, प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन कोलोरेक्टल, कोलन, रेक्टल, और फेफड़े के कैंसर के खतरे तक को बढ़ा सकता है।
मोटापा
मोटापा ना सिर्फ आपकी पर्सनालिटी को खराब करता है बल्कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। जरूरत से ज्यादा मोटे और कम वजन वाले, दोनों ही पुरुष प्रजनन संबंधी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। बता दें, मोटे पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम होने की संभावना सामान्य वजन वाले पुरुषों की तुलना में 42 प्रतिशत ज्यादा होती है। जबकि इनके वीर्य में शुक्राणु न बनने की संभावना 81 प्रतिशत तक हो सकती है। ऐसे में अपनी सुस्त जीवनशैली को छोड़कर मोटापा कंट्रोल करने के लिए नियमित वर्कआउट करें।
तनाव
ऑफिस की टेंशन हो या घर की कोई समस्या, जरूरत से ज्यादा तनाव लेने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है, जो सीधे पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। अत्यधिक तनाव, स्ट्रेस, एंजाइटी और डिप्रेशन से मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है, जिसका असर कई बार लोगों की फर्टिलिटी और रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर भी देखने को मिलता है। बता दें, शरीर में कोर्टिसोल का बढ़ता स्तर टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन कम करके पुरुषों में थकान, कम ऊर्जा, और यौन इच्छा में कमी ला सकता है।
लैपटॉप गोद में रखकर काम करना
वर्क फ्रॉम होम करने वाले ज्यादातर मर्दों को गोद में लैपटॉप रखकर काम करते हुए देखा जाता है। एक स्टडी में सामने आया है कि ज्यादा देर तक गोद में रखकर लैपटॉप इस्तेमाल करने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। 2024 में हुई एक रिसर्च में पता चला कि लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड से हाइपरथर्मिया हो सकता है। दरअसल, तापमान में अचानक होने वाला इजाफा और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस डीएन डैमेज करके स्पर्म की क्वालिटी पर खराब असर डालता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन
धूम्रपान और शराब का सेवन से वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता में कमी आने के साथ शुक्राणुओं की संख्या में भी कमी आती है। धूम्रपान करने से शुक्राणुओं के डीएनए को भी नुकसान पहुंचता है। बता दें, धूम्रपान और शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है। टेस्टोस्टेरोन यौन इच्छा बढ़ाने के लिए जरूरी हॉर्मोन होता है।
आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और खानपान की खराब आदतें सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन रही हैं। इस अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से ही पुरुषों में फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। सेहत पर हुई कई स्टडी बताती हैं कि आजकल 25 से 30 साल के युवा इनफर्टिलिटी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए मर्दों को अपनी रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी इन 5 खराब आदतों को बदलना जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी 5 खराब आदतें हैं, जो पुरुषों की फर्टिलिटी पर बुरा असर डालती हैं।
अहेल्दी फूड
अगर आप अपनी फर्टिलिटी को अच्छा बनाए रखना चाहते हैं, तो फास्ट फूड का अधिक सेवन करने से बचें। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, प्रोसेस्ड मीट अधिक खाने वाले पुरुषों में सामान्य आकार के शुक्राणु कोशिकाओं की संख्या उन लोगों की तुलना में बहुत कम थी जो इस तरह का भोजन कम करते थे। कुछ अध्ययनों की माने तो, प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन कोलोरेक्टल, कोलन, रेक्टल, और फेफड़े के कैंसर के खतरे तक को बढ़ा सकता है।
मोटापा
मोटापा ना सिर्फ आपकी पर्सनालिटी को खराब करता है बल्कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। जरूरत से ज्यादा मोटे और कम वजन वाले, दोनों ही पुरुष प्रजनन संबंधी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। बता दें, मोटे पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम होने की संभावना सामान्य वजन वाले पुरुषों की तुलना में 42 प्रतिशत ज्यादा होती है। जबकि इनके वीर्य में शुक्राणु न बनने की संभावना 81 प्रतिशत तक हो सकती है। ऐसे में अपनी सुस्त जीवनशैली को छोड़कर मोटापा कंट्रोल करने के लिए नियमित वर्कआउट करें।
तनाव
ऑफिस की टेंशन हो या घर की कोई समस्या, जरूरत से ज्यादा तनाव लेने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है, जो सीधे पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। अत्यधिक तनाव, स्ट्रेस, एंजाइटी और डिप्रेशन से मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है, जिसका असर कई बार लोगों की फर्टिलिटी और रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर भी देखने को मिलता है। बता दें, शरीर में कोर्टिसोल का बढ़ता स्तर टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन कम करके पुरुषों में थकान, कम ऊर्जा, और यौन इच्छा में कमी ला सकता है।
लैपटॉप गोद में रखकर काम करना
वर्क फ्रॉम होम करने वाले ज्यादातर मर्दों को गोद में लैपटॉप रखकर काम करते हुए देखा जाता है। एक स्टडी में सामने आया है कि ज्यादा देर तक गोद में रखकर लैपटॉप इस्तेमाल करने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। 2024 में हुई एक रिसर्च में पता चला कि लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड से हाइपरथर्मिया हो सकता है। दरअसल, तापमान में अचानक होने वाला इजाफा और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस डीएन डैमेज करके स्पर्म की क्वालिटी पर खराब असर डालता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन
धूम्रपान और शराब का सेवन से वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता में कमी आने के साथ शुक्राणुओं की संख्या में भी कमी आती है। धूम्रपान करने से शुक्राणुओं के डीएनए को भी नुकसान पहुंचता है। बता दें, धूम्रपान और शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है। टेस्टोस्टेरोन यौन इच्छा बढ़ाने के लिए जरूरी हॉर्मोन होता है।