जम्मू कश्मीर के खिलाडिय़ों को खूब भाया भात और पताल का झोझो:

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बिलासपुर । जम्मू-कश्मीर से बेसबॉल खेलने आए बच्चों के दल ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में न केवल वातावरण का आनंद लिया, बल्कि यहां की संस्कृति और खानपान ने भी उन्हें खासा प्रभावित किया। ये खिलाड़ी बिलासपुर के मिशन स्कूल में ठहरे हुए हैं। बच्चों ने बताया कि यहां के स्वादिष्ट चावल और टमाटर की चटनी, जिसे स्थानीय लोग भात कहते हैं, ने उनका दिल जीत लिया। ये व्यंजन उन्हें इतने पसंद आए कि वे इसे बार-बार खाने की इच्छा जताते हैं। साथी उन्हें खाने में राजमा की सब्जी भी दी  गई थी। स्कूल में ही उनके साथ मेस मौजूद था।

ठंड में गर्मी का अहसास
जम्मू-कश्मीर जैसे ठंडे इलाके से आने के बावजूद इन बच्चों को बिलासपुर में ठंड महसूस नहीं हुई। उन्होंने कहा, हमें तो यहां गर्मी का अहसास हो रहा है। ठंड के बावजूद, बच्चों ने दिनभर खेल और घूमने का आनंद लिया। रात के समय वे सभी जमीन पर चादर बिछाकर फ्रेंड बनाकर सोने का मजा ले रहे हैं। उनका कहना है कि खुले में सोने से उन्हें टीम के साथ समय बिताने का अलग अनुभव मिल रहा है।

मच्छरों से हुई परेशानी
हालांकि, बच्चों ने यहां मच्छरों की समस्या का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि रात में मच्छरों की अधिकता के कारण उन्हें कुछ दिक्कतें हुईं।  प्रबंधन ने मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी और अन्य व्यवस्थाएं नहीं कीं, लेकिन बच्चों ने इस परेशानी को हंसी-मजाक के साथ लिया।

स्थानीय जीवनशैली को अपनाया
खिलाडयि़ों ने बिलासपुर के शांत और सौहार्दपूर्ण माहौल को भी सराहा। बच्चों का कहना है कि यहां के लोग बहुत मिलनसार और मददगार हैं। मिशन स्कूल का वातावरण, स्थानीय भोजन और यहां के लोग उन्हें बेहद पसंद आए।


बिलासपुर । जम्मू-कश्मीर से बेसबॉल खेलने आए बच्चों के दल ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में न केवल वातावरण का आनंद लिया, बल्कि यहां की संस्कृति और खानपान ने भी उन्हें खासा प्रभावित किया। ये खिलाड़ी बिलासपुर के मिशन स्कूल में ठहरे हुए हैं। बच्चों ने बताया कि यहां के स्वादिष्ट चावल और टमाटर की चटनी, जिसे स्थानीय लोग भात कहते हैं, ने उनका दिल जीत लिया। ये व्यंजन उन्हें इतने पसंद आए कि वे इसे बार-बार खाने की इच्छा जताते हैं। साथी उन्हें खाने में राजमा की सब्जी भी दी  गई थी। स्कूल में ही उनके साथ मेस मौजूद था।

ठंड में गर्मी का अहसास
जम्मू-कश्मीर जैसे ठंडे इलाके से आने के बावजूद इन बच्चों को बिलासपुर में ठंड महसूस नहीं हुई। उन्होंने कहा, हमें तो यहां गर्मी का अहसास हो रहा है। ठंड के बावजूद, बच्चों ने दिनभर खेल और घूमने का आनंद लिया। रात के समय वे सभी जमीन पर चादर बिछाकर फ्रेंड बनाकर सोने का मजा ले रहे हैं। उनका कहना है कि खुले में सोने से उन्हें टीम के साथ समय बिताने का अलग अनुभव मिल रहा है।

मच्छरों से हुई परेशानी
हालांकि, बच्चों ने यहां मच्छरों की समस्या का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि रात में मच्छरों की अधिकता के कारण उन्हें कुछ दिक्कतें हुईं।  प्रबंधन ने मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी और अन्य व्यवस्थाएं नहीं कीं, लेकिन बच्चों ने इस परेशानी को हंसी-मजाक के साथ लिया।

स्थानीय जीवनशैली को अपनाया
खिलाडयि़ों ने बिलासपुर के शांत और सौहार्दपूर्ण माहौल को भी सराहा। बच्चों का कहना है कि यहां के लोग बहुत मिलनसार और मददगार हैं। मिशन स्कूल का वातावरण, स्थानीय भोजन और यहां के लोग उन्हें बेहद पसंद आए।


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