छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में लगातार
धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि धर्मान्तरण को लेकर कोई
मानसिक प्रताड़ित होकरआत्मघाती कदम उठा सकता है, ऐसा पहला और बड़ा मामला आया
है. मामला जिले के अर्जुन्दा थाना क्षेत्र से सामने आया है,जिसने समाज को
सोचने में विवश कर दिया है. जिले के अर्जुन्दा नगर के 35 वर्षीय युवक ने
धर्मांतरण की वजह से घर के कमरे में सीलिंग पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या
कर ली है.
युवक के इस कदम से परिवार में तो मातम छा
गया है. साथ ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई हैं. प्राप्त जानकारी अनुसार
अर्जुन्दा नगर के वार्ड-11 निवासी गजेंद्र उर्फ सूरज देवांगन पिता
चंद्रशेखर देवांगन (35 वर्ष) ने आत्महत्या कर ली. युवक के पास से सुसाइड भी
मिला है, जिसमें लिखा है कि उसके पत्नी के साथ संबंध अच्छे नहीं थे.
जानकारी के मुताबिक युवक का अक्सर अपनी
पत्नी से झगड़ा होता था, जिसके बाद वो लड़ाई झगड़ा कर मायके चली जाती थी.
पति-पत्नी के बीच ईसाई धर्म में धर्मांतरण को लेकर झगड़ा होते रहता था.
पत्नी के साथ ससुर, सास व साले की पत्नी धर्मांतरण के लिए दबाव बनाते थे.
साथ ही प्रताड़ित करते थे. युवक ने पत्नी द्वारा धर्म परिवर्तन कर हमेशा
विवाद कर के मायके चले जाने के मामले में 8 दिसंबर को अर्जुंदा थाने में
लिखित शिकायत की थी.
पुलिस को घटना स्थल से बाइबिल और मृतक के
पेंट के जेब से 18 हजार 890 रुपए मिला है और ई स्टांप में एक दान पत्र भी
मिला है. अर्जुन्दा पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है. पुलिस घटना की जांच
में जुट गई है. मृतक के परिवार वालों ने बताया कि युवक के पत्नी के साथ
अच्छे संबंध नहीं थे, वह बार-बार मायके चली जाती थी. साथ ही ससुराल वाले
उसे बहुत प्रताड़ित करते थे. पुलिस ने धारा 194 के तहत मामला पंजीबद्ध कर
शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के बाद मृतक युवक के शव को परिजनों को सौंप
दिया है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि युवक की पत्नी अपने मायके पक्ष के
कुछ लोगों के दबाव में ईसाई धर्म को अपना कर अक्सर बेटे से विवाद करती थी.
घर की दीवारों में लिखे शुभ लाभ या भगवान के नामों पर पोताई कर उसे मिटा
दिया, जिसकी वजह से उनका बेटा अक्सर परेशान रहता था.
मृतक युवक ने थाने में लिखित शिकायत करते
हुए लिखा था, “मैं गजेंद्र देवांगन पिता चंद्रशेखर देवांगन जो कि अर्जुन्दा
के वार्ड-11 में रहता हूं, मेरी पत्नी राकेश्वरी देवांगन जो कि आए दिन
मुझसे वाद विवाद करती है, और बच्चों को छोड़कर बार बार मायके चली जाती है,
और वह ईसाई धर्म को अपना चुकी है, जिसको लेकर मुझे आपत्ति है, जिसकी सूचना
दे रहा हूं, जिसपर उचित कार्यवाही की जाए.” वहीं युवक गजेंद्र ने आत्महत्या
करने से पहले कमरे की दीवार में प्रकाश देवांगन पिता कन्हैय्या देवांगन
द्वारा उससे पैसे लेने और पैसे वापस नही करने तथा पत्नी, सास-ससुर और साले
के द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में लगातार
धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि धर्मान्तरण को लेकर कोई
मानसिक प्रताड़ित होकरआत्मघाती कदम उठा सकता है, ऐसा पहला और बड़ा मामला आया
है. मामला जिले के अर्जुन्दा थाना क्षेत्र से सामने आया है,जिसने समाज को
सोचने में विवश कर दिया है. जिले के अर्जुन्दा नगर के 35 वर्षीय युवक ने
धर्मांतरण की वजह से घर के कमरे में सीलिंग पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या
कर ली है.
युवक के इस कदम से परिवार में तो मातम छा
गया है. साथ ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई हैं. प्राप्त जानकारी अनुसार
अर्जुन्दा नगर के वार्ड-11 निवासी गजेंद्र उर्फ सूरज देवांगन पिता
चंद्रशेखर देवांगन (35 वर्ष) ने आत्महत्या कर ली. युवक के पास से सुसाइड भी
मिला है, जिसमें लिखा है कि उसके पत्नी के साथ संबंध अच्छे नहीं थे.
जानकारी के मुताबिक युवक का अक्सर अपनी
पत्नी से झगड़ा होता था, जिसके बाद वो लड़ाई झगड़ा कर मायके चली जाती थी.
पति-पत्नी के बीच ईसाई धर्म में धर्मांतरण को लेकर झगड़ा होते रहता था.
पत्नी के साथ ससुर, सास व साले की पत्नी धर्मांतरण के लिए दबाव बनाते थे.
साथ ही प्रताड़ित करते थे. युवक ने पत्नी द्वारा धर्म परिवर्तन कर हमेशा
विवाद कर के मायके चले जाने के मामले में 8 दिसंबर को अर्जुंदा थाने में
लिखित शिकायत की थी.
पुलिस को घटना स्थल से बाइबिल और मृतक के
पेंट के जेब से 18 हजार 890 रुपए मिला है और ई स्टांप में एक दान पत्र भी
मिला है. अर्जुन्दा पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है. पुलिस घटना की जांच
में जुट गई है. मृतक के परिवार वालों ने बताया कि युवक के पत्नी के साथ
अच्छे संबंध नहीं थे, वह बार-बार मायके चली जाती थी. साथ ही ससुराल वाले
उसे बहुत प्रताड़ित करते थे. पुलिस ने धारा 194 के तहत मामला पंजीबद्ध कर
शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के बाद मृतक युवक के शव को परिजनों को सौंप
दिया है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि युवक की पत्नी अपने मायके पक्ष के
कुछ लोगों के दबाव में ईसाई धर्म को अपना कर अक्सर बेटे से विवाद करती थी.
घर की दीवारों में लिखे शुभ लाभ या भगवान के नामों पर पोताई कर उसे मिटा
दिया, जिसकी वजह से उनका बेटा अक्सर परेशान रहता था.
मृतक युवक ने थाने में लिखित शिकायत करते
हुए लिखा था, “मैं गजेंद्र देवांगन पिता चंद्रशेखर देवांगन जो कि अर्जुन्दा
के वार्ड-11 में रहता हूं, मेरी पत्नी राकेश्वरी देवांगन जो कि आए दिन
मुझसे वाद विवाद करती है, और बच्चों को छोड़कर बार बार मायके चली जाती है,
और वह ईसाई धर्म को अपना चुकी है, जिसको लेकर मुझे आपत्ति है, जिसकी सूचना
दे रहा हूं, जिसपर उचित कार्यवाही की जाए.” वहीं युवक गजेंद्र ने आत्महत्या
करने से पहले कमरे की दीवार में प्रकाश देवांगन पिता कन्हैय्या देवांगन
द्वारा उससे पैसे लेने और पैसे वापस नही करने तथा पत्नी, सास-ससुर और साले
के द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.