रायपुर। संतान सुख के लिए तरसते हुए दंपत्तियों के लिए दत्तक संतान घर में खुशहाली लेकर आए हैं। अब सूने घर में भी किलकारियां गूंज रही हैं तो वहीं दत्तक अभिभावक अपनी दत्तक संतानों के लिए जैविक संतानों की तरह ही वात्सल्य भाव से भविष्य के सपने संजो रहे हैं। इस संबंध में चर्चा आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में राष्ट्रीय दत्तक माह के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय सम्मेलन में हुई।
राज्य स्तरीय सम्मेलन का शुभारंभ सचिव महिला एवं बाल विकास श्रीमती शम्मी आबिदी और रायपुर कलेक्टर श्री गौरव कुमार सिंह ने किया।सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण, महिला व बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। इस दौरान केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के सहायक संचालक श्री ओम प्रकाश यादव, मीडिया प्रोफेसनल श्री अभिषेक शुक्ला, छत्तीसगढ़ महिला व बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक नंदलाल चौधरी, संयुक्त संचालक श्री दिलदार सिंह ने दत्तक अभिभावकों तथा भावी अभिभावकों को दत्तक ग्रहण विनियम-2022 के प्रावधानों से अवगत कराया। वहीं 200 से अधिक दत्तक अभिभावकों ने अपनी दत्तक संतानों को लेकर अनुभव साझा किए।
दत्तक ग्रहण को लेकर हुए राज्यस्तरीय सम्मेलन में राज्य दत्तक ग्रहण अभिकरण से डॉ. आर.एस. चौकसे, अशोक सिन्हा, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्य, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, बाल देखरेख संस्थाओं के अधीक्षक, गैर संस्थागत देखरेख के संरक्षण अधिकारी, विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण के समन्वयक तथा जिला स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी समेत 200 से अधिक दत्तक अभिभावक दंपत्ति और भावी दत्तक अभिभावक शामिल हुए।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैधानिक दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया की जानकारी से लोगों को अवगत कराना था।जानकारी के अभाव में भविष्य में पालक एवं बालक को कई कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ता है साथ ही बच्चों को बाल अधिकारों से वंचित होना पड़ता है। राज्य में वैधानिक दत्तक ग्रहण के प्रति जनजागरूकता लाना है साथ ही पोषण देखरेख में पुर्नवासित बालकों को संबंधित पोषक परिवार में ही दत्तक ग्रहण हेतु प्रोत्साहित करना , जिससे गैर कानूनी दत्तक ग्रहण की रोकथाम को प्रोत्साहन मिलेगा तथा राज्य में वैधानिक दत्तक ग्रहण में वृद्धि की जा सकेगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में नवम्बर 2024 की स्थिति में 117 दत्तक ग्रहण योग्य बालक राज्य में संचालित विभिन्न बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत है तथा छत्तीसगढ़ के 836 भावी दत्तक अभिभावक दत्तक ग्रहण के लिए केयरिंग्स पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकृत है। उक्त भावी दत्तक अभिभावकों एवं बालकों के दत्तक ग्रहण की कार्यवाही केयरिंग्स पोर्टल के माध्यम से प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2024-25 में 66 बालकों को दत्तक ग्रहण में दिया जा चुका है। जिनमें से 56 बालक देश के भीतर तथा 10 बालक अंतर्देशीय दत्तक ग्रहण में निवासरत है। दत्तक ग्रहण आदेश के लिए 12 बच्चें राज्य के विभिन्न जिला मजिस्ट्रेट कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
रायपुर। संतान सुख के लिए तरसते हुए दंपत्तियों के लिए दत्तक संतान घर में खुशहाली लेकर आए हैं। अब सूने घर में भी किलकारियां गूंज रही हैं तो वहीं दत्तक अभिभावक अपनी दत्तक संतानों के लिए जैविक संतानों की तरह ही वात्सल्य भाव से भविष्य के सपने संजो रहे हैं। इस संबंध में चर्चा आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में राष्ट्रीय दत्तक माह के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय सम्मेलन में हुई।
राज्य स्तरीय सम्मेलन का शुभारंभ सचिव महिला एवं बाल विकास श्रीमती शम्मी आबिदी और रायपुर कलेक्टर श्री गौरव कुमार सिंह ने किया।सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण, महिला व बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। इस दौरान केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के सहायक संचालक श्री ओम प्रकाश यादव, मीडिया प्रोफेसनल श्री अभिषेक शुक्ला, छत्तीसगढ़ महिला व बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक नंदलाल चौधरी, संयुक्त संचालक श्री दिलदार सिंह ने दत्तक अभिभावकों तथा भावी अभिभावकों को दत्तक ग्रहण विनियम-2022 के प्रावधानों से अवगत कराया। वहीं 200 से अधिक दत्तक अभिभावकों ने अपनी दत्तक संतानों को लेकर अनुभव साझा किए।
दत्तक ग्रहण को लेकर हुए राज्यस्तरीय सम्मेलन में राज्य दत्तक ग्रहण अभिकरण से डॉ. आर.एस. चौकसे, अशोक सिन्हा, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्य, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, बाल देखरेख संस्थाओं के अधीक्षक, गैर संस्थागत देखरेख के संरक्षण अधिकारी, विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण के समन्वयक तथा जिला स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी समेत 200 से अधिक दत्तक अभिभावक दंपत्ति और भावी दत्तक अभिभावक शामिल हुए।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैधानिक दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया की जानकारी से लोगों को अवगत कराना था।जानकारी के अभाव में भविष्य में पालक एवं बालक को कई कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ता है साथ ही बच्चों को बाल अधिकारों से वंचित होना पड़ता है। राज्य में वैधानिक दत्तक ग्रहण के प्रति जनजागरूकता लाना है साथ ही पोषण देखरेख में पुर्नवासित बालकों को संबंधित पोषक परिवार में ही दत्तक ग्रहण हेतु प्रोत्साहित करना , जिससे गैर कानूनी दत्तक ग्रहण की रोकथाम को प्रोत्साहन मिलेगा तथा राज्य में वैधानिक दत्तक ग्रहण में वृद्धि की जा सकेगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में नवम्बर 2024 की स्थिति में 117 दत्तक ग्रहण योग्य बालक राज्य में संचालित विभिन्न बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत है तथा छत्तीसगढ़ के 836 भावी दत्तक अभिभावक दत्तक ग्रहण के लिए केयरिंग्स पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकृत है। उक्त भावी दत्तक अभिभावकों एवं बालकों के दत्तक ग्रहण की कार्यवाही केयरिंग्स पोर्टल के माध्यम से प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2024-25 में 66 बालकों को दत्तक ग्रहण में दिया जा चुका है। जिनमें से 56 बालक देश के भीतर तथा 10 बालक अंतर्देशीय दत्तक ग्रहण में निवासरत है। दत्तक ग्रहण आदेश के लिए 12 बच्चें राज्य के विभिन्न जिला मजिस्ट्रेट कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।