आयुर्वेद में सेहत के लिए वरदान मानी जाती है दारु हल्दी, पाइल्स से लेकर वेट लॉस में करती है मदद:

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आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियों का जिक्र मिलता है, जिनका सेवन सेहत के लिए वरदान माना जाता है। ऐसी ही एक औषधीय जड़ी-बूटी का नाम है दारु हल्दी। आप दारु हल्दी को नार्मल हल्दी समझने की गलती बिल्कुल ना करें। इस हल्दी को दारूहरिद्रा और अंग्रेजी में इण्डियन बर्बेरी के नाम से जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम बर्बेरिस एरिस्टाटा है। बता दें, दारु हल्दी एक झाड़ीदार पौधा होता है, जो खासतौर पर हिमालयी क्षेत्र, विशेष रूप से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और नेपाल में पाया जाता है। इस पौधे में पीले रंग का नेचुरल केमिकल बर्बेरिन पाया जाता है, जो इसके औषधीय गुणों का मुख्य स्रोत होता है। इस हल्दी का उपयोग, पाइल्स, वेट लॉस और स्किन प्रॉब्लम्स तक को दूर करने के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं दारु हल्दी का उपयोग करने से सेहत को मिलते हैं क्या फायदे।
डायबिटीज रखें कंट्रोल

आयुर्वेद में दारुहरिद्रा का उपयोग मधुमेह रोग को दूर करने के लिए किया जाता है। दारु हल्दी शरीर में ब्लड शुगर के बढ़े हुए स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती है। अगर आपको डायबिटीज की परेशानी है, तो 20 ग्राम दारु हल्दी का काढ़ा बनाकर इसका सेवन डॉक्टर से पूछकर करें।
जोड़ों के दर्द में फायदेमंद

सर्दियों में जोड़ों का दर्द ज्यादातर लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन जाता है। लेकिन इस परेशानी से छुटकारा दिलाने में दारुहरिद्रा को बेहद फायदेमंद माना जाता है। जोड़ों में दर्द महसूस होने पर दारुहरिद्रा को दूध के साथ उबालकर पीने से फायदा मिलता है।
बवासीर में फायदेमंद

बवासीर की समस्या होने पर व्यक्ति को उठने-बैठने और चलने-फिरने में काफी परेशानी होने लगती है। इस परेशानी से बचने के लिए दारुहरिद्रा का उपयोग लाभकारी माना गया है। खूनी बवासीर होने पर दारुहरिद्रा का चूर्ण बनाकर खाने से भी लाभ मिलता है। बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए इस उपाय को अपनाने से पहले अपने किसी नजदीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर से बात कर लें।
वेट लॉस में फायदेमंद

दारु हल्दी का सेवन मेटाबॉलिज्म तेज करके शरीर में वसा को कम करने में मदद करती है। वेट लॉस के दौरान आप इसका नियमित सेवन कर सकते हैं।
लिवर की परेशानियों को करें दूर

लिवर से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में भी दारुहरिद्रा बेहद फायदेमंद मानी जाती है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं, जो लिवर के आसपास बनने वाले घावों को तेजी से भरने में भी मदद करते हैं।
सलाह

दारुहरिद्रा का उपयोग करने से पहले उसकी सही मात्रा और उपयोग जानने के लिए अपने नजदीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें।


आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियों का जिक्र मिलता है, जिनका सेवन सेहत के लिए वरदान माना जाता है। ऐसी ही एक औषधीय जड़ी-बूटी का नाम है दारु हल्दी। आप दारु हल्दी को नार्मल हल्दी समझने की गलती बिल्कुल ना करें। इस हल्दी को दारूहरिद्रा और अंग्रेजी में इण्डियन बर्बेरी के नाम से जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम बर्बेरिस एरिस्टाटा है। बता दें, दारु हल्दी एक झाड़ीदार पौधा होता है, जो खासतौर पर हिमालयी क्षेत्र, विशेष रूप से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और नेपाल में पाया जाता है। इस पौधे में पीले रंग का नेचुरल केमिकल बर्बेरिन पाया जाता है, जो इसके औषधीय गुणों का मुख्य स्रोत होता है। इस हल्दी का उपयोग, पाइल्स, वेट लॉस और स्किन प्रॉब्लम्स तक को दूर करने के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं दारु हल्दी का उपयोग करने से सेहत को मिलते हैं क्या फायदे।
डायबिटीज रखें कंट्रोल

आयुर्वेद में दारुहरिद्रा का उपयोग मधुमेह रोग को दूर करने के लिए किया जाता है। दारु हल्दी शरीर में ब्लड शुगर के बढ़े हुए स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती है। अगर आपको डायबिटीज की परेशानी है, तो 20 ग्राम दारु हल्दी का काढ़ा बनाकर इसका सेवन डॉक्टर से पूछकर करें।
जोड़ों के दर्द में फायदेमंद

सर्दियों में जोड़ों का दर्द ज्यादातर लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन जाता है। लेकिन इस परेशानी से छुटकारा दिलाने में दारुहरिद्रा को बेहद फायदेमंद माना जाता है। जोड़ों में दर्द महसूस होने पर दारुहरिद्रा को दूध के साथ उबालकर पीने से फायदा मिलता है।
बवासीर में फायदेमंद

बवासीर की समस्या होने पर व्यक्ति को उठने-बैठने और चलने-फिरने में काफी परेशानी होने लगती है। इस परेशानी से बचने के लिए दारुहरिद्रा का उपयोग लाभकारी माना गया है। खूनी बवासीर होने पर दारुहरिद्रा का चूर्ण बनाकर खाने से भी लाभ मिलता है। बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए इस उपाय को अपनाने से पहले अपने किसी नजदीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर से बात कर लें।
वेट लॉस में फायदेमंद

दारु हल्दी का सेवन मेटाबॉलिज्म तेज करके शरीर में वसा को कम करने में मदद करती है। वेट लॉस के दौरान आप इसका नियमित सेवन कर सकते हैं।
लिवर की परेशानियों को करें दूर

लिवर से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में भी दारुहरिद्रा बेहद फायदेमंद मानी जाती है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं, जो लिवर के आसपास बनने वाले घावों को तेजी से भरने में भी मदद करते हैं।
सलाह

दारुहरिद्रा का उपयोग करने से पहले उसकी सही मात्रा और उपयोग जानने के लिए अपने नजदीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें।


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