रायगढ़। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) के निकट
भविष्य में कांग्रेस में विलय होने की खबरों से इन दिनों रायगढ़ जिले का
तापमान काफी बढ़ा हुआ है। इसी क्रम में रायगढ़ में शुक्रवार अथवा शनिवार को
कांग्रेसियों की एक वृहद बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें जोगी कांग्रेस के
कांग्रेस में प्रस्तावित विलय को लेकर कांग्रेसी आर-पार के संघर्ष का
शंखनाद करेंगे। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राजनीति में वर्ष २००० से वर्ष २००३
तक के काल को अजीत जोगी युग की संज्ञा दी जाती है। सियासत के चतुर सुजान
माने जाने वाले अजीत जोगी ने अपने पैंतरों से कांग्रेस के कई धुरंधर नेताओं
की हेकड़ी निकाल दी थी। अजीत जोगी के स्वर्गारोहण के बाद जनता कांग्रेस को
काफी आघात लगा है। इन तमाम सियासी थपेड़ों के बीच जनता कांग्रेस के
कांग्रेस में विलय होने की खबर से सूबे की कांग्रेस राजनीति में उबाल आ गया
है।
सूत्रों का कहना है कि श्रीमती सोनिया गांधी ने जनता कांग्रेस के
कांग्रेस में विलय के प्रस्ताव पर हामी भर दी है। इसी अनुक्रम में पिछले
महीने पूर्व विधायक श्रीमती रेणु जोगी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को एक
आवेदन देकर अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने का इच्छा व्यक्त की थी।
सतही तौर पर यह सामान्य घटनाचक्र नजर आता है, लेकिन जनता कांग्रेस के
कांग्रेस में प्रस्तावित विलय की इस स्क्रिप्ट मेें नेता प्रतिपक्ष डॉ.
चरणदास महंत और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सुप्रीमो दीपक बैज ने अहम रोल प्ले
किया है। अब जबकि जोगी कांग्रेस के विलय की पूरी पृष्ठभूमि तैयार है,
इसलिए अब जोगी विरोधी नेता श्नै:-श्नै: गोलबंद होने लगे हैं।
आपको बता दें कि स्व. अजीत जोगी से पण्डित विद्याचरण शुक्ल, स्व.
नंदकुमार पटेल, भूपेश बघेल व टी. एस. सिंहदेव की पुरानी अदावत रही है। जोगी
कांग्रेस के विलय पर श्री सिंहदेव पहले ही अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं।
विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल व भूपेश बघेल व टी. एस. सिंहदेव के समर्थक
किसी हाल में नहीं चाहते हैं कि जोगी परिवार की कांग्रेस में फिर से एंट्री
हो। जोगी कांग्रेस के कांग्रेस में विलय की अभी औपचारिक घोषणा नहीं हो सकी
है और विरोध के स्वर मुखरित होने लगे हैं।
इसी क्रम में शुक्रवार को रायगढ़ में नंदकुमार, विद्याचरण, भूपेश व
सिंहदेव समर्थकों की एक बैठक होगी, जिसमें जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में
विलय को रोकने की रणनीति तैयार की जाएगी और सर्वसहमति से एक प्रस्ताव पारित
किया जाएगा कि जिसकी प्रतिलिपि कांगे्रस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े,
श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा व दीपक बैज को
प्रेषित किया जाएगा कि जोगी कांग्रेस का विलय कांग्रेस में नहीं होना
चाहिए।
रायगढ़। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) के निकट
भविष्य में कांग्रेस में विलय होने की खबरों से इन दिनों रायगढ़ जिले का
तापमान काफी बढ़ा हुआ है। इसी क्रम में रायगढ़ में शुक्रवार अथवा शनिवार को
कांग्रेसियों की एक वृहद बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें जोगी कांग्रेस के
कांग्रेस में प्रस्तावित विलय को लेकर कांग्रेसी आर-पार के संघर्ष का
शंखनाद करेंगे। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राजनीति में वर्ष २००० से वर्ष २००३
तक के काल को अजीत जोगी युग की संज्ञा दी जाती है। सियासत के चतुर सुजान
माने जाने वाले अजीत जोगी ने अपने पैंतरों से कांग्रेस के कई धुरंधर नेताओं
की हेकड़ी निकाल दी थी। अजीत जोगी के स्वर्गारोहण के बाद जनता कांग्रेस को
काफी आघात लगा है। इन तमाम सियासी थपेड़ों के बीच जनता कांग्रेस के
कांग्रेस में विलय होने की खबर से सूबे की कांग्रेस राजनीति में उबाल आ गया
है।
सूत्रों का कहना है कि श्रीमती सोनिया गांधी ने जनता कांग्रेस के
कांग्रेस में विलय के प्रस्ताव पर हामी भर दी है। इसी अनुक्रम में पिछले
महीने पूर्व विधायक श्रीमती रेणु जोगी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को एक
आवेदन देकर अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने का इच्छा व्यक्त की थी।
सतही तौर पर यह सामान्य घटनाचक्र नजर आता है, लेकिन जनता कांग्रेस के
कांग्रेस में प्रस्तावित विलय की इस स्क्रिप्ट मेें नेता प्रतिपक्ष डॉ.
चरणदास महंत और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सुप्रीमो दीपक बैज ने अहम रोल प्ले
किया है। अब जबकि जोगी कांग्रेस के विलय की पूरी पृष्ठभूमि तैयार है,
इसलिए अब जोगी विरोधी नेता श्नै:-श्नै: गोलबंद होने लगे हैं।
आपको बता दें कि स्व. अजीत जोगी से पण्डित विद्याचरण शुक्ल, स्व.
नंदकुमार पटेल, भूपेश बघेल व टी. एस. सिंहदेव की पुरानी अदावत रही है। जोगी
कांग्रेस के विलय पर श्री सिंहदेव पहले ही अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं।
विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल व भूपेश बघेल व टी. एस. सिंहदेव के समर्थक
किसी हाल में नहीं चाहते हैं कि जोगी परिवार की कांग्रेस में फिर से एंट्री
हो। जोगी कांग्रेस के कांग्रेस में विलय की अभी औपचारिक घोषणा नहीं हो सकी
है और विरोध के स्वर मुखरित होने लगे हैं।
इसी क्रम में शुक्रवार को रायगढ़ में नंदकुमार, विद्याचरण, भूपेश व
सिंहदेव समर्थकों की एक बैठक होगी, जिसमें जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में
विलय को रोकने की रणनीति तैयार की जाएगी और सर्वसहमति से एक प्रस्ताव पारित
किया जाएगा कि जिसकी प्रतिलिपि कांगे्रस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े,
श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा व दीपक बैज को
प्रेषित किया जाएगा कि जोगी कांग्रेस का विलय कांग्रेस में नहीं होना
चाहिए।