मुंबई: मधुबाला 50 के दशक की सबसे खूबसूरत और
प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक थीं। मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 को
दिल्ली में हुआ था। मधुबाला ने कम उम्र में बेहद लोकप्रियता हासिल कर ली
थी। मधुबाला का असली नाम बेगम मुमताज जहां देहलवी था। फिल्मों में आने के
बाद उनका नाम मधुबाला रखा गया। महज 36 साल की उम्र में मधुबाला ने इस
दुनिया को अलविदा कह दिया।
मधुबाला की फिल्म महल में ‘आएगा आने वाला’ गाना स्वर कोकिला लता मंगेशकर
ने गाया था। मधुबाला लता मंगेशकर की आवाज की शर्तों के साथ ही फिल्म साइन
करती थी। कहते हैं इस गीत के कंपोजीशन और रिकार्डिंग में पांच दिन का समय
लगा था। खेमचंद प्रकाश ने इसे लता से बार बार गवाया और उसमें लगातार सुधार
करते रहे।ऐसा ही मधुबाला की तराना से लेकर मधुबाला की आखिरी फिल्म ज्वाला
तक हुआ, जिसमें लताजी ने अनिल बिस्वास द्वारा रचित मधुबाला के सभी नौ गाने
गाए थे।
मधुबाला को साल 1947 में अभिनेता राज कपूर के साथ ‘नील कमल’ में लीड रोल
में अहम भूमिका मिली। भले ही यह फिल्म असफल साबित हुई हो लेकिन अभिनेत्री
के अभिनय की खूब तारीफ हुई। साल 1949 में रिलीज हुई फिल्म महल में उन्हें
एक और बड़ी भूमिका मिली, जिसके बाद मधुबाला ने कभी मूड कर नहीं देखा वह कई
बेहतरीन फिल्मों में अहम भूमिका में नजर आई।
अपने 20 साल लंबे करियर में मधुबाला ने 60 से ज्यादा फिल्मों में काम
किया और मुगल-ए-आजम, मिस्टर एंड मिसेज 55, चलती का नाम गाड़ी, कालापानी,
हावड़ा ब्रिज जैसी दर्जनों सुपर डुपर हिट फिल्में दीं। ‘चलती का नाम गाड़ी’
के सेट पर मधुबाला की मुलाकात उनकी बचपन की दोस्त रूमा गुहा के पूर्व पति
किशोर कुमार से हुई। उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई और 16 अक्टूबर 1960 को
दोनों ने कोर्ट में शादी कर ली। लेकिन मधुबाला की किस्मत को कुछ और ही
मंजूर था, महज 36 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।
मुंबई: मधुबाला 50 के दशक की सबसे खूबसूरत और
प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक थीं। मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 को
दिल्ली में हुआ था। मधुबाला ने कम उम्र में बेहद लोकप्रियता हासिल कर ली
थी। मधुबाला का असली नाम बेगम मुमताज जहां देहलवी था। फिल्मों में आने के
बाद उनका नाम मधुबाला रखा गया। महज 36 साल की उम्र में मधुबाला ने इस
दुनिया को अलविदा कह दिया।
मधुबाला की फिल्म महल में ‘आएगा आने वाला’ गाना स्वर कोकिला लता मंगेशकर
ने गाया था। मधुबाला लता मंगेशकर की आवाज की शर्तों के साथ ही फिल्म साइन
करती थी। कहते हैं इस गीत के कंपोजीशन और रिकार्डिंग में पांच दिन का समय
लगा था। खेमचंद प्रकाश ने इसे लता से बार बार गवाया और उसमें लगातार सुधार
करते रहे।ऐसा ही मधुबाला की तराना से लेकर मधुबाला की आखिरी फिल्म ज्वाला
तक हुआ, जिसमें लताजी ने अनिल बिस्वास द्वारा रचित मधुबाला के सभी नौ गाने
गाए थे।
मधुबाला को साल 1947 में अभिनेता राज कपूर के साथ ‘नील कमल’ में लीड रोल
में अहम भूमिका मिली। भले ही यह फिल्म असफल साबित हुई हो लेकिन अभिनेत्री
के अभिनय की खूब तारीफ हुई। साल 1949 में रिलीज हुई फिल्म महल में उन्हें
एक और बड़ी भूमिका मिली, जिसके बाद मधुबाला ने कभी मूड कर नहीं देखा वह कई
बेहतरीन फिल्मों में अहम भूमिका में नजर आई।
अपने 20 साल लंबे करियर में मधुबाला ने 60 से ज्यादा फिल्मों में काम
किया और मुगल-ए-आजम, मिस्टर एंड मिसेज 55, चलती का नाम गाड़ी, कालापानी,
हावड़ा ब्रिज जैसी दर्जनों सुपर डुपर हिट फिल्में दीं। ‘चलती का नाम गाड़ी’
के सेट पर मधुबाला की मुलाकात उनकी बचपन की दोस्त रूमा गुहा के पूर्व पति
किशोर कुमार से हुई। उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई और 16 अक्टूबर 1960 को
दोनों ने कोर्ट में शादी कर ली। लेकिन मधुबाला की किस्मत को कुछ और ही
मंजूर था, महज 36 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।