घोटाले की जांच प्रक्रिया को लेकर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने उठाये सवाल :

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रायपुर. छत्तीसगढ़ के पाठ्यपुस्तक निगम घोटाले की जांच प्रक्रिया
को लेकर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने सवाल उठाये हैं. उन्होंने आरोप
लगाते हुए कहा कि घोटाले की जांच में संलिप्त छोटी मछलियों पर कार्रवाई हो
रही है. भाजपा घोटाले को रोकने का प्रयास कर रही है. अब विकास उपाध्याय ने
मामले को न्यायालय तक लेकर जाने की बात कही है.

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने मामले की जांच प्रक्रिया को लेकर कहा
कि बीजेपी की 14 महीने की सरकार से पहले इतना अधिक भ्रष्टाचार कभी नहीं
हुआ. ये छोटी मछलीयां हैं जिनपर कार्रवाई हो रही, बड़े मगरमच्छ अभी बाकी
है. हमने छापेमारी की और जांच समितियों के ऊपर सवाल भी उठाया था. मुख्य
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं.













अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने पुस्तक घोटाले मामले में 1045 पेज की
जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. अफसरों के साथ साठगांठ कर दो लाख की
किताबें रद्दी में बेची गई थी. मामले में दोषी पाए गए 5 DEO और कर्मचारियों
को नोटिस जारी कर दिया गया है. 









गौतलब है कि रायपुर के सिलियारी स्थित पेपर मिल के कबाड़ में लाखों
किताबें मिली थी. इनमें सरकार की ओर से प्रदेश के सभी स्कूलों में बांटी
जाने वाली किताबें भी शामिल थी. सभी किताबें इसी सत्र की थी. इस मामले का
उजागर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने किया था. इस मामले को लेकर उपाध्याय
ने फैक्ट्री के सामने धरना देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने किताबें खरीदीं और बिना बांटे ही बेच
दीं. मामले में सियासत तेज होने के बाद सरकार ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई
थी.


रायपुर. छत्तीसगढ़ के पाठ्यपुस्तक निगम घोटाले की जांच प्रक्रिया
को लेकर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने सवाल उठाये हैं. उन्होंने आरोप
लगाते हुए कहा कि घोटाले की जांच में संलिप्त छोटी मछलियों पर कार्रवाई हो
रही है. भाजपा घोटाले को रोकने का प्रयास कर रही है. अब विकास उपाध्याय ने
मामले को न्यायालय तक लेकर जाने की बात कही है.

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने मामले की जांच प्रक्रिया को लेकर कहा
कि बीजेपी की 14 महीने की सरकार से पहले इतना अधिक भ्रष्टाचार कभी नहीं
हुआ. ये छोटी मछलीयां हैं जिनपर कार्रवाई हो रही, बड़े मगरमच्छ अभी बाकी
है. हमने छापेमारी की और जांच समितियों के ऊपर सवाल भी उठाया था. मुख्य
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं.













अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने पुस्तक घोटाले मामले में 1045 पेज की
जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. अफसरों के साथ साठगांठ कर दो लाख की
किताबें रद्दी में बेची गई थी. मामले में दोषी पाए गए 5 DEO और कर्मचारियों
को नोटिस जारी कर दिया गया है. 









गौतलब है कि रायपुर के सिलियारी स्थित पेपर मिल के कबाड़ में लाखों
किताबें मिली थी. इनमें सरकार की ओर से प्रदेश के सभी स्कूलों में बांटी
जाने वाली किताबें भी शामिल थी. सभी किताबें इसी सत्र की थी. इस मामले का
उजागर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने किया था. इस मामले को लेकर उपाध्याय
ने फैक्ट्री के सामने धरना देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने किताबें खरीदीं और बिना बांटे ही बेच
दीं. मामले में सियासत तेज होने के बाद सरकार ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई
थी.


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