भारतीय शेयर बाजार में FPI बिकवाली से मार्केट कैप में गिरावट, निवेशक सतर्क:

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बीएसई: कंपनियों का बाजार
पूंजीकरण शुक्रवार को लगातार बिकवाली के बीच कुछ समय के लिए 400 लाख करोड़
रुपये से नीचे पहुंच गया। हालांकि आखिर में यह थोड़ा सुधरकर 400.2 लाख
करोड़ रुपये पर रहा जो 6 जून के बाद का सबसे निचला स्तर है। भारत के एमकैप
ने 10 अप्रैल को पहली बार 400 लाख करोड़ रुपये का स्तर पार किया था और 29
सिंबर को यह 477.93 लाख करोड़ रुपये की ऊंचाई पर पहुंचा था। तब से, बाजार
पूंजीकरण में करीब 78 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है।



ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार डॉलर में
भारत का बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ डॉलर से नीचे आया है और अपने ऊंचे स्तर
से इसमें 1.2 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है। पिछले पांच महीनों में
भारत ने कई प्रमुख बाजारों के बीच अच्छ-खासी एमकैप गिरावट दर्ज की है।
बीएसई और एनएसई के आंकड़े के अनुसार डॉलर में बाजार का मार्केट कैप करीब
4.6 लाख करोड़ डॉलर है।



तेज गिरावट की मुख्य वजह विदेशी पोर्टफोलियो
निवेशकों (एफपीआई) द्वारा की गई बिकवाली और भारतीय उद्योग जगत की कमजोर आय
है। एफपीआई द्वारा इस वर्ष अब तक की बिकवाली 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो
गई है।एचएसबीसी में एशिया प्रशांत मामलों के लिए इक्विटी रणनीति प्रमुख
हेरल्ड वैन डर लिंडे ने कहा, वृद्धि धीमी पड़ रही है, जबकि ऊंचे अमेरिकी
बॉन्ड यील्ड और विदेशी मुद्रा दबाव विदेशी निवेशकों को चिंतित बनाए हुए है।
उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि भारत के प्रीमियम मल्टीपल मूल्यांकन पर
आय की स्थिति मजबूत होने तक दबाव बना रहेगा। तीसरी तिमाही के नतीजे अनुमान
से खराब रहे हैं। वृद्धि कम से कम दो और तिमाहियों तक कमजोर रह सकती है।
ताजा बिकवाली ने मजबूत वृद्धि या सुधार की राह पर बढ़ रही कंपनियों में
खरीदारी का अवसर पैदा किया है।’


बीएसई: कंपनियों का बाजार
पूंजीकरण शुक्रवार को लगातार बिकवाली के बीच कुछ समय के लिए 400 लाख करोड़
रुपये से नीचे पहुंच गया। हालांकि आखिर में यह थोड़ा सुधरकर 400.2 लाख
करोड़ रुपये पर रहा जो 6 जून के बाद का सबसे निचला स्तर है। भारत के एमकैप
ने 10 अप्रैल को पहली बार 400 लाख करोड़ रुपये का स्तर पार किया था और 29
सिंबर को यह 477.93 लाख करोड़ रुपये की ऊंचाई पर पहुंचा था। तब से, बाजार
पूंजीकरण में करीब 78 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है।



ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार डॉलर में
भारत का बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ डॉलर से नीचे आया है और अपने ऊंचे स्तर
से इसमें 1.2 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है। पिछले पांच महीनों में
भारत ने कई प्रमुख बाजारों के बीच अच्छ-खासी एमकैप गिरावट दर्ज की है।
बीएसई और एनएसई के आंकड़े के अनुसार डॉलर में बाजार का मार्केट कैप करीब
4.6 लाख करोड़ डॉलर है।



तेज गिरावट की मुख्य वजह विदेशी पोर्टफोलियो
निवेशकों (एफपीआई) द्वारा की गई बिकवाली और भारतीय उद्योग जगत की कमजोर आय
है। एफपीआई द्वारा इस वर्ष अब तक की बिकवाली 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो
गई है।एचएसबीसी में एशिया प्रशांत मामलों के लिए इक्विटी रणनीति प्रमुख
हेरल्ड वैन डर लिंडे ने कहा, वृद्धि धीमी पड़ रही है, जबकि ऊंचे अमेरिकी
बॉन्ड यील्ड और विदेशी मुद्रा दबाव विदेशी निवेशकों को चिंतित बनाए हुए है।
उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि भारत के प्रीमियम मल्टीपल मूल्यांकन पर
आय की स्थिति मजबूत होने तक दबाव बना रहेगा। तीसरी तिमाही के नतीजे अनुमान
से खराब रहे हैं। वृद्धि कम से कम दो और तिमाहियों तक कमजोर रह सकती है।
ताजा बिकवाली ने मजबूत वृद्धि या सुधार की राह पर बढ़ रही कंपनियों में
खरीदारी का अवसर पैदा किया है।’


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