विपक्ष ने राज्य सरकार से 1862 सवाल किए, बजट सत्र में हंगामे की संभावना:

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 रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से 21 मार्च 2025 तक चलेगा। इस दौरान कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं। सत्र की शुरुआत राज्यपाल रमेन डेका के अभिभाषण से होगी। इस बार सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है, क्योंकि सत्तापक्ष और विपक्ष एक-दूसरे को घेरने की पूरी तैयारी में हैं। विपक्ष दल कांग्रेस के विधायकों ने राज्य सरकार के पहले बजट के क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठा सकता है। इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, बिजली संकट, कानून व्यवस्था और केंद्रीय योजनाओं के राज्य में क्रियान्वयन जैसे मुद्दे उठाए जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, अब तक 1,862 सवाल लगाए जा चुके हैं। इनमें 943 तारांकित और 871 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं। इनमें से अधिकांश सवाल ऑनलाइन माध्यम से दर्ज किए गए हैं। हालांकि, सत्र के दौरान भी सवाल दर्ज करने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
इस बार बजट सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है। विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की योजना बना रहा है, वहीं सत्तापक्ष अपनी योजनाओं और नीतियों को लेकर आक्रामक रहेगा। विशेष रूप से राज्य की वित्तीय स्थिति, केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और राज्य सरकार की नीतियों को लेकर सवाल उठाए जाने की संभावना है। जल्द ही कांग्रेस के विधायक दल की बैठक आयोजित की जाएगी।
राज्य सरकार इस बजट सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी योजनाओं से जुड़ी कई नई घोषणाएं कर सकती है। केंद्र सरकार द्वारा पहले घोषित योजनाओं को राज्य सरकार किस तरह से लागू करेगी, इस पर भी बजट सत्र के दौरान चर्चा होने की संभावना है।

यह बजट सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य सरकार का यह दूसरा बजट होगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार ने 9 फरवरी 2025 को पहला बजट पेश किया था, जो एक लाख 47 हजार 500 करोड़ रुपये का था। यह बजट पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के बजट से 22% अधिक था। वित्त मंत्री ओपी चौधरी इस बार भी बजट पेश करेंगे। पहला बजट ‘जीवायएएन’ (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी) पर केंद्रित था, जिसमें समाज के इन चार प्रमुख वर्गों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की गई थी। इस बार बजट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तीकरण और रोजगार पर विशेष फोकस रहने की संभावना है।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि नए कलेवर में बजट आएगा। छत्तीसगढ़ को दीर्घकालिक दिशा में आगे बढ़ाने वाला बजट होगा। विकसित भारत की कल्पना के साथ सरकार आगे बढ़ रही है। आने वाले साल में अच्छी तरह से जनता के जीवन में बदलाव होगा। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर तंज सकते हुए कहा कि कांग्रेस ने पिछले पांच साल तक भ्रष्टाचार किया। कांग्रेस भ्रष्टाचार के चलते विभागों में गड्ढा छोड़कर गई है। भाजपा सरकार ने एक साल में ही इसे ठीक करने का प्रयास किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सोमवार मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के मुख्य बजट एवं नवीन मद प्रस्ताव पर मंत्री स्तरीय चर्चा हुई। बैठक में वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी मौजूद रहे। इसमें धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी, मछली पालन, पशुपालन विभाग, ग्रामोद्योग, स्कूल शिक्षा, सामान्य प्रशासन, उच्च शिक्षा विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति, जनशिकायत निवारण, वाणिज्यिक कर (आबकारी), परिवहन, जनसंपर्क, खनिज साधन, विमानन, सुशासन एवं अभिसरण, ऊर्जा विभाग के बजट प्रस्तावों पर चर्चा हुई। बजट चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, वित्त विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल, खनिज साधन एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव पी.दयानंद, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत, कृषि विभाग की सचिव शहला निगार, ग्रामोद्योग सचिव यशवंत कुमार सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


 रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से 21 मार्च 2025 तक चलेगा। इस दौरान कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं। सत्र की शुरुआत राज्यपाल रमेन डेका के अभिभाषण से होगी। इस बार सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है, क्योंकि सत्तापक्ष और विपक्ष एक-दूसरे को घेरने की पूरी तैयारी में हैं। विपक्ष दल कांग्रेस के विधायकों ने राज्य सरकार के पहले बजट के क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठा सकता है। इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, बिजली संकट, कानून व्यवस्था और केंद्रीय योजनाओं के राज्य में क्रियान्वयन जैसे मुद्दे उठाए जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, अब तक 1,862 सवाल लगाए जा चुके हैं। इनमें 943 तारांकित और 871 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं। इनमें से अधिकांश सवाल ऑनलाइन माध्यम से दर्ज किए गए हैं। हालांकि, सत्र के दौरान भी सवाल दर्ज करने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
इस बार बजट सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है। विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की योजना बना रहा है, वहीं सत्तापक्ष अपनी योजनाओं और नीतियों को लेकर आक्रामक रहेगा। विशेष रूप से राज्य की वित्तीय स्थिति, केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और राज्य सरकार की नीतियों को लेकर सवाल उठाए जाने की संभावना है। जल्द ही कांग्रेस के विधायक दल की बैठक आयोजित की जाएगी।
राज्य सरकार इस बजट सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी योजनाओं से जुड़ी कई नई घोषणाएं कर सकती है। केंद्र सरकार द्वारा पहले घोषित योजनाओं को राज्य सरकार किस तरह से लागू करेगी, इस पर भी बजट सत्र के दौरान चर्चा होने की संभावना है।

यह बजट सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य सरकार का यह दूसरा बजट होगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार ने 9 फरवरी 2025 को पहला बजट पेश किया था, जो एक लाख 47 हजार 500 करोड़ रुपये का था। यह बजट पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के बजट से 22% अधिक था। वित्त मंत्री ओपी चौधरी इस बार भी बजट पेश करेंगे। पहला बजट ‘जीवायएएन’ (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी) पर केंद्रित था, जिसमें समाज के इन चार प्रमुख वर्गों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की गई थी। इस बार बजट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तीकरण और रोजगार पर विशेष फोकस रहने की संभावना है।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि नए कलेवर में बजट आएगा। छत्तीसगढ़ को दीर्घकालिक दिशा में आगे बढ़ाने वाला बजट होगा। विकसित भारत की कल्पना के साथ सरकार आगे बढ़ रही है। आने वाले साल में अच्छी तरह से जनता के जीवन में बदलाव होगा। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर तंज सकते हुए कहा कि कांग्रेस ने पिछले पांच साल तक भ्रष्टाचार किया। कांग्रेस भ्रष्टाचार के चलते विभागों में गड्ढा छोड़कर गई है। भाजपा सरकार ने एक साल में ही इसे ठीक करने का प्रयास किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सोमवार मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के मुख्य बजट एवं नवीन मद प्रस्ताव पर मंत्री स्तरीय चर्चा हुई। बैठक में वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी मौजूद रहे। इसमें धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी, मछली पालन, पशुपालन विभाग, ग्रामोद्योग, स्कूल शिक्षा, सामान्य प्रशासन, उच्च शिक्षा विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति, जनशिकायत निवारण, वाणिज्यिक कर (आबकारी), परिवहन, जनसंपर्क, खनिज साधन, विमानन, सुशासन एवं अभिसरण, ऊर्जा विभाग के बजट प्रस्तावों पर चर्चा हुई। बजट चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, वित्त विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल, खनिज साधन एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव पी.दयानंद, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत, कृषि विभाग की सचिव शहला निगार, ग्रामोद्योग सचिव यशवंत कुमार सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


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