मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को किया नमन :

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रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रयागराज कहे जाने वाले
राजिम में आयोजित कुंभ कल्प के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि
राजिम  कुंभ कल्प आध्यात्मिक चेतना, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता का
प्रतीक है।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प का आयोजन केवल धार्मिक
अनुष्ठान नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता का
महापर्व है। यहाँ माघ पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक हजारों श्रद्धालु
संगम में पुण्य स्नान करते हैं और संत महात्माओं का आशीर्वाद प्राप्त करते
हैं। उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ कल्प को भव्यता प्रदान करने के लिए प्रदेश
सरकार ने हर संभव प्रयास किए हैं। इस आयोजन से राज्य की धार्मिक और
सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान मिल रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 
हमारी सरकार ने राजिम कुंभ कल्प की भव्यता को पुनः स्थापित किया है और इसे
और भी भव्य स्वरूप देने के लिए संकल्पबद्ध है।


मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2005 में राजिम कुंभ
कल्प की शुरुआत हुई थी, जिसे छत्तीसगढ़ की जनता का आशीर्वाद और संतों का
सान्निध्य निरंतर मिलता रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले कुछ वर्षों
में इस आयोजन में कुछ बाधाएँ आई थीं, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता ने 2023 में
पुनः आशीर्वाद देकर सरकार को सशक्त बनाया, जिससे यह महाकुंभ अपने परंपरागत
स्वरूप में लौटा। उन्होंने कहा कि अब 54 एकड़ भूमि में इस मेले का आयोजन
किया जा रहा है, जिससे इसकी भव्यता और व्यवस्थाओं में विस्तार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस आयोजन को और अधिक सुसंगठित और भव्य
बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।


श्रीरामलला दर्शन योजना – श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक पहल


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भगवान श्रीराम के ननिहाल में बसे रामभक्तों
की श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ‘अयोध्या धाम श्रीरामलला दर्शन
योजना’ शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 20,000 से अधिक श्रद्धालु
अयोध्या धाम और काशी विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पाँच
सौ वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा
हुई। यह हम सबके लिए गौरव का क्षण है।


छत्तीसगढ़ की कृषि समृद्धि – किसानों को सशक्त बना रही सरकार


मुख्यमंत्री साय ने कहा  कि छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र में निरंतर
प्रगति हो रही है। पिछले वर्ष 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई थी, जबकि
इस वर्ष 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा गया है। सरकार ने 3100
रुपये प्रति क्विंटल के भाव से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने का वादा
किया था, जिसे पूरा किया गया है। किसानों को उनकी फसल का अंतर भुगतान एक
सप्ताह के भीतर सीधे खातों में जमा कराया गया है।


मुख्यमंत्री साय ने बताया कि हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ में 144
वर्षों बाद 70 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जो भारत की सांस्कृतिक और
आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भी अपने
आध्यात्मिक आयोजन को इसी स्तर पर पहुँचाने के लिए निरंतर प्रयास करेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा  कि उत्तर प्रदेश सरकार से समन्वय कर छत्तीसगढ़ को
प्रयागराज में साढ़े चार एकड़ भूमि प्राप्त हुई, जहाँ छत्तीसगढ़ पवेलियन का
निर्माण किया गया। इस पहल के तहत 25,000 से अधिक श्रद्धालुओं को वहाँ
भोजन, आवास और आध्यात्मिक सेवाएँ निशुल्क प्रदान की गईं। उन्होंने कहा कि
यह प्रयास छत्तीसगढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर
सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


संस्कृति और लोककला को बढ़ावा देने के लिए प्रयास


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प में राष्ट्रीय और आंचलिक
कलाकारों की प्रस्तुतियों ने इस आयोजन को और भी भव्य बनाया। मुख्यमंत्री
साय ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प मेला-स्थल को और अधिक सुविधाजनक और
व्यवस्थित बनाया जा रहा है। सरकार आने वाले वर्षों में मेला क्षेत्र के
विस्तार और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि
राजिम कुंभ कल्प हमारी आस्था, संस्कृति और सामाजिक समरसता का पर्व है। यह
आयोजन हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और हमारी सनातन संस्कृति को जीवंत बनाए
रखता है।


इस अवसर पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजिम
कुंभ हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जिसका संरक्षण और विकास आवश्यक है। वन
मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि हम सभी को इस पावन अवसर पर संकल्प करना चाहिए
कि जलस्रोतों और पावन नदियों के प्रति श्रद्धाभाव रखते हुए जलस्रोतों को
प्रदूषण से बचाएं।


इस अवसर पर कुरूद विधायक अजय चंद्राकर, राजिम विधायक रोहित साहू, बसना
विधायक संपत अग्रवाल, अभनपुर विधायक इंद्र कुमार साहू, पूर्व सांसद चंदूलाल
साहू, रामप्रताप सिंह, धर्मस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू,
रायपुर आयुक्त महादेव कावरे, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के एमडी विवेक आचार्य,
गरियाबंद कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में साधु संत गण एवं
श्रद्धालुजन उपस्थित थे।


रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रयागराज कहे जाने वाले
राजिम में आयोजित कुंभ कल्प के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि
राजिम  कुंभ कल्प आध्यात्मिक चेतना, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता का
प्रतीक है।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प का आयोजन केवल धार्मिक
अनुष्ठान नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता का
महापर्व है। यहाँ माघ पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक हजारों श्रद्धालु
संगम में पुण्य स्नान करते हैं और संत महात्माओं का आशीर्वाद प्राप्त करते
हैं। उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ कल्प को भव्यता प्रदान करने के लिए प्रदेश
सरकार ने हर संभव प्रयास किए हैं। इस आयोजन से राज्य की धार्मिक और
सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान मिल रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 
हमारी सरकार ने राजिम कुंभ कल्प की भव्यता को पुनः स्थापित किया है और इसे
और भी भव्य स्वरूप देने के लिए संकल्पबद्ध है।


मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2005 में राजिम कुंभ
कल्प की शुरुआत हुई थी, जिसे छत्तीसगढ़ की जनता का आशीर्वाद और संतों का
सान्निध्य निरंतर मिलता रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले कुछ वर्षों
में इस आयोजन में कुछ बाधाएँ आई थीं, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता ने 2023 में
पुनः आशीर्वाद देकर सरकार को सशक्त बनाया, जिससे यह महाकुंभ अपने परंपरागत
स्वरूप में लौटा। उन्होंने कहा कि अब 54 एकड़ भूमि में इस मेले का आयोजन
किया जा रहा है, जिससे इसकी भव्यता और व्यवस्थाओं में विस्तार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस आयोजन को और अधिक सुसंगठित और भव्य
बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।


श्रीरामलला दर्शन योजना – श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक पहल


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भगवान श्रीराम के ननिहाल में बसे रामभक्तों
की श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ‘अयोध्या धाम श्रीरामलला दर्शन
योजना’ शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 20,000 से अधिक श्रद्धालु
अयोध्या धाम और काशी विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पाँच
सौ वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा
हुई। यह हम सबके लिए गौरव का क्षण है।


छत्तीसगढ़ की कृषि समृद्धि – किसानों को सशक्त बना रही सरकार


मुख्यमंत्री साय ने कहा  कि छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र में निरंतर
प्रगति हो रही है। पिछले वर्ष 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई थी, जबकि
इस वर्ष 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा गया है। सरकार ने 3100
रुपये प्रति क्विंटल के भाव से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने का वादा
किया था, जिसे पूरा किया गया है। किसानों को उनकी फसल का अंतर भुगतान एक
सप्ताह के भीतर सीधे खातों में जमा कराया गया है।


मुख्यमंत्री साय ने बताया कि हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ में 144
वर्षों बाद 70 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जो भारत की सांस्कृतिक और
आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भी अपने
आध्यात्मिक आयोजन को इसी स्तर पर पहुँचाने के लिए निरंतर प्रयास करेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा  कि उत्तर प्रदेश सरकार से समन्वय कर छत्तीसगढ़ को
प्रयागराज में साढ़े चार एकड़ भूमि प्राप्त हुई, जहाँ छत्तीसगढ़ पवेलियन का
निर्माण किया गया। इस पहल के तहत 25,000 से अधिक श्रद्धालुओं को वहाँ
भोजन, आवास और आध्यात्मिक सेवाएँ निशुल्क प्रदान की गईं। उन्होंने कहा कि
यह प्रयास छत्तीसगढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर
सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


संस्कृति और लोककला को बढ़ावा देने के लिए प्रयास


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प में राष्ट्रीय और आंचलिक
कलाकारों की प्रस्तुतियों ने इस आयोजन को और भी भव्य बनाया। मुख्यमंत्री
साय ने कहा कि राजिम कुंभ कल्प मेला-स्थल को और अधिक सुविधाजनक और
व्यवस्थित बनाया जा रहा है। सरकार आने वाले वर्षों में मेला क्षेत्र के
विस्तार और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि
राजिम कुंभ कल्प हमारी आस्था, संस्कृति और सामाजिक समरसता का पर्व है। यह
आयोजन हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और हमारी सनातन संस्कृति को जीवंत बनाए
रखता है।


इस अवसर पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजिम
कुंभ हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जिसका संरक्षण और विकास आवश्यक है। वन
मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि हम सभी को इस पावन अवसर पर संकल्प करना चाहिए
कि जलस्रोतों और पावन नदियों के प्रति श्रद्धाभाव रखते हुए जलस्रोतों को
प्रदूषण से बचाएं।


इस अवसर पर कुरूद विधायक अजय चंद्राकर, राजिम विधायक रोहित साहू, बसना
विधायक संपत अग्रवाल, अभनपुर विधायक इंद्र कुमार साहू, पूर्व सांसद चंदूलाल
साहू, रामप्रताप सिंह, धर्मस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू,
रायपुर आयुक्त महादेव कावरे, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के एमडी विवेक आचार्य,
गरियाबंद कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में साधु संत गण एवं
श्रद्धालुजन उपस्थित थे।


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