Raipur :: मैट्स यूनिवर्सिटी में सफल बांस कार्यशाला का आयोजन, पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन पर विशेष जोर:

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“मैट्स स्कूल ऑफ फैशन डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी” में दो दिवसीय बांस प्रोडक्ट पर कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन तकनीकों से परिचित कराना था। कोरबा के प्रसिद्ध बांस शिल्पकार श्री चूड़ामणि सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में छात्रों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यशाला में छात्रों ने बांस से विभिन्न कलात्मक और उपयोगी उत्पाद बनाने की तकनीकें सीखीं। उन्होंने बांस  से पार्टीशन बनाने के साथ-साथ गार्डन वॉल हैंगिंग और समुद्री जहाज के प्रोटोटाइप तैयार किए। इन गतिविधियों से उनकी रचनात्मकता और तकनीकी दक्षता को निखारने में मदद मिली।

मैट्स स्कूल ऑफ फैशन डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी की विभागाध्यक्ष श्रीमती परविंदर  कौर ने इस आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा,"बांस एक पर्यावरण-अनुकूल सामग्री है जिससे सुंदर और टिकाऊ उत्पाद बनाए जा सकते हैं। इस कार्यशाला से छात्रों को प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग की प्रेरणा मिली और उन्होंने नई डिज़ाइन तकनीकों को सीखा, जो उनके भविष्य के लिए बहुत उपयोगी होगा।"

मैट्स यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री गजराज पगारिया, प्रो वाइस चांसलर डॉ. दीपिका ढांड,वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ. के.पी. यादव , डी.जी. श्री प्रीयेश पगारिया, और रजिस्ट्रार श्री गोकुलानंद पांडा ने छात्रों के कार्यों की सराहना की और उन्हें पारंपरिक शिल्प को आधुनिक डिज़ाइन में शामिल करने के लिए प्रेरित किया।

यह कार्यशाला इंटीरियर और फैशन डिज़ाइन के क्षेत्र में सम्पूर्ण विकास और नई क्रिएटिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। इससे न केवल छात्रों का कौशल निखरा, बल्कि बांस जैसे पारंपरिक और पर्यावरण-अनुकूल संसाधनों  एवं हेंडीक्राफ्ट के महत्व के प्रति भी जागरूकता बढ़ी।


“मैट्स स्कूल ऑफ फैशन डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी” में दो दिवसीय बांस प्रोडक्ट पर कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन तकनीकों से परिचित कराना था। कोरबा के प्रसिद्ध बांस शिल्पकार श्री चूड़ामणि सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में छात्रों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यशाला में छात्रों ने बांस से विभिन्न कलात्मक और उपयोगी उत्पाद बनाने की तकनीकें सीखीं। उन्होंने बांस  से पार्टीशन बनाने के साथ-साथ गार्डन वॉल हैंगिंग और समुद्री जहाज के प्रोटोटाइप तैयार किए। इन गतिविधियों से उनकी रचनात्मकता और तकनीकी दक्षता को निखारने में मदद मिली।

मैट्स स्कूल ऑफ फैशन डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी की विभागाध्यक्ष श्रीमती परविंदर  कौर ने इस आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा,"बांस एक पर्यावरण-अनुकूल सामग्री है जिससे सुंदर और टिकाऊ उत्पाद बनाए जा सकते हैं। इस कार्यशाला से छात्रों को प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग की प्रेरणा मिली और उन्होंने नई डिज़ाइन तकनीकों को सीखा, जो उनके भविष्य के लिए बहुत उपयोगी होगा।"

मैट्स यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री गजराज पगारिया, प्रो वाइस चांसलर डॉ. दीपिका ढांड,वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ. के.पी. यादव , डी.जी. श्री प्रीयेश पगारिया, और रजिस्ट्रार श्री गोकुलानंद पांडा ने छात्रों के कार्यों की सराहना की और उन्हें पारंपरिक शिल्प को आधुनिक डिज़ाइन में शामिल करने के लिए प्रेरित किया।

यह कार्यशाला इंटीरियर और फैशन डिज़ाइन के क्षेत्र में सम्पूर्ण विकास और नई क्रिएटिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। इससे न केवल छात्रों का कौशल निखरा, बल्कि बांस जैसे पारंपरिक और पर्यावरण-अनुकूल संसाधनों  एवं हेंडीक्राफ्ट के महत्व के प्रति भी जागरूकता बढ़ी।


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