Crime News : जमीन बैठाने और कब्जा का आरोपी गिरफ्तार, न्यायालय की फटकार पर कांग्रेस नेता सिद्धांशु मिश्रा को जेल,पटवारी फरार :

post

बिलासपुर. पुलिस ने जमीन बैठाने,उठाने, उड़ाने और अन्य प्रकार के फर्जीवाड़ा मामले में कांग्रेस नेता सिद्धांशु मिश्रा को गिरफ्तार किया है।आरोपी पर खसरा नम्बर बदलकर दूसरी की जमीन बेचने का आरोप है। 2010-11 मे खसरा नम्बर 424 की भूमि का फर्जी 22 बिन्दु प्रतिवेदन बनवाकर आरोपी ने जोरापारा स्थित खसरा नम्बर 409 पर कब्जा किया । पुलिस ने आईपीसी की धारा – 167, 420, 465, 467,468, 471, 474, 120(ठ समेत 13(1)(क्)(ख), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया है। इसके अलावा अपराध मे शामिल तत्कालीन आरआई और पटवारी की पतासाजी कर रही है।

 पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने बताया कि विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) न्यायालय ने जमीन फर्जीवाड़ा मामले में कांग्रेस नेता सिद्धांशु मिश्रा को जेल दाखिल का आदेश दिया है। कप्तान ने जानकारी दिया कि सरकंडा जोरापारा पटवारी हल्का 32 मे सोनिया बाई और  अन्य तीन लोगों के नाम पर 56 डिसमिल भूमि दर्ज था। जमीन बिक्री करने को लेकर सिध्दांशु मिश्रा ने सोनिया बाई और अन्य से मुख्तियारनामा लिया। जबकि सोनिया बाई जमीन को पहले से ही बेच चुकी थी।

लेकिन रोड नाली आदि की भूमि सोनिया बाई के नाम पर राजस्व अभिलेखो मे दर्ज है। यह जानते हुए भी कि मद की जमीन का विक्रय नही किया जा सकता है। बावजूद इसके सिध्दांशु मिश्रा ने रोड नाली की जमीन बिक्री करने के लिए तत्कालीन हल्का पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक से सांठगांठ किया। रोड रास्ते की जमीन को गेंदराम की जमीन खसरा नम्बर 409 पर बैठाकर चन्द्रकुमारी फणनवीस, विलास शर्मा, अरूणा शर्मा, निलिनी शुक्ता और अर्चना जायसवाल को बेच दिया। जबकि जमीन का असली मालिक गेंदराम गुप्ता है।  जमीन को कब्जा करने से पहले सिद्धांशु ने फर्जी 22 बिन्दु प्रतिवेदन तैयार कराया।

दूसरे की जमीन पर बैठाया

सिद्धांशु ने जमीन खरीदने वाले चन्द्रकुमारी फणनवीस, विलास शर्मा, अरूणा शर्मा, निलिनी शुक्ता और अर्चना जायसवाल को गेंदराम गुप्ता की भूमि खसरा नम्बर 409 का कब्जा दिलाया। जानकारी के बाद परिवादी ने परिवाद दायर किया।  न्यायालय ने मामले में जांच का आदेश दिया। उप पुलिस अधीक्षक ने जांच पड़ताल कर अस्पष्ट रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने मामले को खारिज कर दिया।

  पुलिस कप्तान ने बताया कि अस्पष्ट जांच रिपोर्ट होने के कारण मामले में दुबारा जांच का आदेश दिया गया। नगर पुलिस अधीक्षक सिध्दार्थ बघेल को जांच का जिम्मा दिया गया। इस दौरान जानकारी मिली कि जोरापारा सरकंडा मे सोनिया बाई वगैरह के नाम पर दर्ज भूमि खसरा नम्बर 424/1, 424/4, 424/5 एवं 424/आरोपी सिंध्दाशु मिश्रा ने भूमि का मुख्तियारनामा लिया है।  गेंदराम गुप्ता की भूमि खसरा नम्बर 409  को दिखाकर जमीन का सौदा किया है। पटवारी चन्दराम बंजारे और  कमल किशोर कौशिक से मिलकर खसरा नम्बर 424/1, 424/4, 424/5 एवं 424/6 का फर्जी 22 बिन्दु प्रतिवेदन तैयार किया है। इसके बाद जमीन खरीदने वालों के पक्ष मे रजिस्ट्री कराते हुए खसरा नम्बर 409 पर कब्जा कराया है। जांच पड़ताल में पाया गया कि क्रेतागण जिस भूमि पर काबिज है दरअसल जमीन गेंदराम गुप्ता की है। जमीन को उन्होने अभी तक बेचा ही नहीं है।

 जांच पड़ताल के दौरान हासिल प्रमाण के आधार पर आरोपी तत्कालीन पटवारी चंदराम बंजारे, कमल किशोर कौशिक और प्रॉपर्टी डीलर सिध्दांशु मिश्रा को दोषी पाया गया।  पुलिस ने आरोपी सिंध्दांशु मिश्रा को गिरफ्तार कर न्यायालय के सामने पेश किया। न्यायालय ने आरोपी को केन्द्रीय जेल दाखिल कराया है। पुलिस कप्तान ने बताया कि आरोपी पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक की तलाश की जा रही है।

जानकारी देते चलें कि मामले में पीड़ित ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था। पुलिस की तरफ  से अस्पष्ट जांच रिपोर्ट पेश किया। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद प्रकरण को थाना में ही दबा दिया गया। इस बीच लम्बित प्रकरण को लेकर पुलिस प्रशासन को पटकार मिली। मामले में पुलिस कप्तान ने लम्ब्ति प्रकरणों को खंगाला। साथ ही खारिज खात्मा की रिपोर्ट पेश करने को कहा।  इसमें एक प्रकरण सुद्धांशु मिश्रा का भी पाया गया। नए सिरे से जांच पड़ताल के दौरान जानकारी मिली की थाना के कुछ लोगों ने ही जान बूझकर प्रकरण में अस्पष्ट जांच कार्रवाई को अंजाम दिया है। इसके चलते कोर्ट ने प्रकरण को ना केवल खारिज किया। बल्कि फटकारा भी।  मले में पुलिस कप्तान ने बताया कि जबकि सिद्धांशु के खिलाफ फर्जीवा़ड़ा का पर्याप्त सबूत था। कोर्ट के आदेश पर जांच रिपोर्ट दुबारा पेश किया गया। कार्रवाई कर आरोपी सिद्धांशु को के्द्रीय जेल दाखिल कराया गया।


बिलासपुर. पुलिस ने जमीन बैठाने,उठाने, उड़ाने और अन्य प्रकार के फर्जीवाड़ा मामले में कांग्रेस नेता सिद्धांशु मिश्रा को गिरफ्तार किया है।आरोपी पर खसरा नम्बर बदलकर दूसरी की जमीन बेचने का आरोप है। 2010-11 मे खसरा नम्बर 424 की भूमि का फर्जी 22 बिन्दु प्रतिवेदन बनवाकर आरोपी ने जोरापारा स्थित खसरा नम्बर 409 पर कब्जा किया । पुलिस ने आईपीसी की धारा – 167, 420, 465, 467,468, 471, 474, 120(ठ समेत 13(1)(क्)(ख), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया है। इसके अलावा अपराध मे शामिल तत्कालीन आरआई और पटवारी की पतासाजी कर रही है।

 पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने बताया कि विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) न्यायालय ने जमीन फर्जीवाड़ा मामले में कांग्रेस नेता सिद्धांशु मिश्रा को जेल दाखिल का आदेश दिया है। कप्तान ने जानकारी दिया कि सरकंडा जोरापारा पटवारी हल्का 32 मे सोनिया बाई और  अन्य तीन लोगों के नाम पर 56 डिसमिल भूमि दर्ज था। जमीन बिक्री करने को लेकर सिध्दांशु मिश्रा ने सोनिया बाई और अन्य से मुख्तियारनामा लिया। जबकि सोनिया बाई जमीन को पहले से ही बेच चुकी थी।

लेकिन रोड नाली आदि की भूमि सोनिया बाई के नाम पर राजस्व अभिलेखो मे दर्ज है। यह जानते हुए भी कि मद की जमीन का विक्रय नही किया जा सकता है। बावजूद इसके सिध्दांशु मिश्रा ने रोड नाली की जमीन बिक्री करने के लिए तत्कालीन हल्का पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक से सांठगांठ किया। रोड रास्ते की जमीन को गेंदराम की जमीन खसरा नम्बर 409 पर बैठाकर चन्द्रकुमारी फणनवीस, विलास शर्मा, अरूणा शर्मा, निलिनी शुक्ता और अर्चना जायसवाल को बेच दिया। जबकि जमीन का असली मालिक गेंदराम गुप्ता है।  जमीन को कब्जा करने से पहले सिद्धांशु ने फर्जी 22 बिन्दु प्रतिवेदन तैयार कराया।

दूसरे की जमीन पर बैठाया

सिद्धांशु ने जमीन खरीदने वाले चन्द्रकुमारी फणनवीस, विलास शर्मा, अरूणा शर्मा, निलिनी शुक्ता और अर्चना जायसवाल को गेंदराम गुप्ता की भूमि खसरा नम्बर 409 का कब्जा दिलाया। जानकारी के बाद परिवादी ने परिवाद दायर किया।  न्यायालय ने मामले में जांच का आदेश दिया। उप पुलिस अधीक्षक ने जांच पड़ताल कर अस्पष्ट रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने मामले को खारिज कर दिया।

  पुलिस कप्तान ने बताया कि अस्पष्ट जांच रिपोर्ट होने के कारण मामले में दुबारा जांच का आदेश दिया गया। नगर पुलिस अधीक्षक सिध्दार्थ बघेल को जांच का जिम्मा दिया गया। इस दौरान जानकारी मिली कि जोरापारा सरकंडा मे सोनिया बाई वगैरह के नाम पर दर्ज भूमि खसरा नम्बर 424/1, 424/4, 424/5 एवं 424/आरोपी सिंध्दाशु मिश्रा ने भूमि का मुख्तियारनामा लिया है।  गेंदराम गुप्ता की भूमि खसरा नम्बर 409  को दिखाकर जमीन का सौदा किया है। पटवारी चन्दराम बंजारे और  कमल किशोर कौशिक से मिलकर खसरा नम्बर 424/1, 424/4, 424/5 एवं 424/6 का फर्जी 22 बिन्दु प्रतिवेदन तैयार किया है। इसके बाद जमीन खरीदने वालों के पक्ष मे रजिस्ट्री कराते हुए खसरा नम्बर 409 पर कब्जा कराया है। जांच पड़ताल में पाया गया कि क्रेतागण जिस भूमि पर काबिज है दरअसल जमीन गेंदराम गुप्ता की है। जमीन को उन्होने अभी तक बेचा ही नहीं है।

 जांच पड़ताल के दौरान हासिल प्रमाण के आधार पर आरोपी तत्कालीन पटवारी चंदराम बंजारे, कमल किशोर कौशिक और प्रॉपर्टी डीलर सिध्दांशु मिश्रा को दोषी पाया गया।  पुलिस ने आरोपी सिंध्दांशु मिश्रा को गिरफ्तार कर न्यायालय के सामने पेश किया। न्यायालय ने आरोपी को केन्द्रीय जेल दाखिल कराया है। पुलिस कप्तान ने बताया कि आरोपी पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक की तलाश की जा रही है।

जानकारी देते चलें कि मामले में पीड़ित ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था। पुलिस की तरफ  से अस्पष्ट जांच रिपोर्ट पेश किया। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद प्रकरण को थाना में ही दबा दिया गया। इस बीच लम्बित प्रकरण को लेकर पुलिस प्रशासन को पटकार मिली। मामले में पुलिस कप्तान ने लम्ब्ति प्रकरणों को खंगाला। साथ ही खारिज खात्मा की रिपोर्ट पेश करने को कहा।  इसमें एक प्रकरण सुद्धांशु मिश्रा का भी पाया गया। नए सिरे से जांच पड़ताल के दौरान जानकारी मिली की थाना के कुछ लोगों ने ही जान बूझकर प्रकरण में अस्पष्ट जांच कार्रवाई को अंजाम दिया है। इसके चलते कोर्ट ने प्रकरण को ना केवल खारिज किया। बल्कि फटकारा भी।  मले में पुलिस कप्तान ने बताया कि जबकि सिद्धांशु के खिलाफ फर्जीवा़ड़ा का पर्याप्त सबूत था। कोर्ट के आदेश पर जांच रिपोर्ट दुबारा पेश किया गया। कार्रवाई कर आरोपी सिद्धांशु को के्द्रीय जेल दाखिल कराया गया।


...
...
...
...
...
...
...
...