हनीट्रैप के मामलों ने कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया है। कर्नाटक के कई नेता कथित तौर पर हनीट्रैप में फसे हैं। यहां तक कि राज्य के कुछ मंत्रियों के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। कर्नाटक विधानसभा के भीतर जब मुद्दा उठा तो राज्य के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने भी स्वीकार कर लिया कि उन पर हनी ट्रैप की कोशिश की गई। उन्होंने राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर से मामले की जांच करने को कहा।
बता दें कि बजट सत्र में चर्चा के दौरान विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने विधानसभा में हनीट्रैप का मुद्दा उठाया तथा कहा कि राज्य में सहकारिता मंत्री को फंसाने की कोशिश की गई। उन्होंने आगे कहा कि यह एक खराब संस्कृति है। जनप्रतिनिधियों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। चूंकि उनका नाम लिया गया था, इसलिए केएन राजन्ना ने आरोपों को कबूल करते हुए जवाब दिया। मंत्री ने इन आरोपों को विधानसभा में ही स्वीकार किया। उन्होंने अपने बयान में कहा- ‘विधानसभा में बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने इस मामले को उठाया था। जब मेरा नाम लिया गया तो मैंने तथ्यों को स्पष्ट किया।’
हनीट्रैप मामलों पर कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना अपने बयान में कहा कि ‘कई लोग कहते हैं कि कर्नाटक सीडी और पेन ड्राइव की फैक्ट्री बन गया है। ये एक गंभीर आरोप है। कहा जा रहा है कि तुमकुरु के एक प्रभावशाली मंत्री हनीट्रैप में फंस गए हैं। तुमकुरु के मंत्री जी परमेश्वर हैं और मैं हूं।’ केएन राजन्ना ने आगे बता या कि ‘मैं इस बारे में शिकायत दर्ज कराऊंगा। गृह मंत्री को इस मामले की जांच करनी चाहिए।’
सबसे अहम यह है कि खुद कर्नाटक के मंत्री दावा करते हैं कि 48 लोगों को हनीट्रैप में फंसाया गया, जो अलग-अलग राजनीतिक दलों के हैं और इन लोगों के सीडी तथा पेन ड्राइव भी बनाए गए। मंत्री केएन राजन्ना कहते हैं कि ‘पेन ड्राइव के जरिए लोगों का चरित्र हनन किया गया है। रमेश जारकीहोली मामले से लेकर प्रज्वल रेवन्ना मामले तक, सभी दलों के करीब 48 लोग हैं।’मंत्री केएन राजन्ना ने दावा किया कि ‘वो दो अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े हैं। यह मामला सिर्फ हमारे राज्य तक सीमित नहीं है। ये राष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है, जिसमें देश भर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं।’
हनीट्रैप के मामलों ने कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया है। कर्नाटक के कई नेता कथित तौर पर हनीट्रैप में फसे हैं। यहां तक कि राज्य के कुछ मंत्रियों के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। कर्नाटक विधानसभा के भीतर जब मुद्दा उठा तो राज्य के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने भी स्वीकार कर लिया कि उन पर हनी ट्रैप की कोशिश की गई। उन्होंने राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर से मामले की जांच करने को कहा।
बता दें कि बजट सत्र में चर्चा के दौरान विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने विधानसभा में हनीट्रैप का मुद्दा उठाया तथा कहा कि राज्य में सहकारिता मंत्री को फंसाने की कोशिश की गई। उन्होंने आगे कहा कि यह एक खराब संस्कृति है। जनप्रतिनिधियों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। चूंकि उनका नाम लिया गया था, इसलिए केएन राजन्ना ने आरोपों को कबूल करते हुए जवाब दिया। मंत्री ने इन आरोपों को विधानसभा में ही स्वीकार किया। उन्होंने अपने बयान में कहा- ‘विधानसभा में बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने इस मामले को उठाया था। जब मेरा नाम लिया गया तो मैंने तथ्यों को स्पष्ट किया।’
हनीट्रैप मामलों पर कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना अपने बयान में कहा कि ‘कई लोग कहते हैं कि कर्नाटक सीडी और पेन ड्राइव की फैक्ट्री बन गया है। ये एक गंभीर आरोप है। कहा जा रहा है कि तुमकुरु के एक प्रभावशाली मंत्री हनीट्रैप में फंस गए हैं। तुमकुरु के मंत्री जी परमेश्वर हैं और मैं हूं।’ केएन राजन्ना ने आगे बता या कि ‘मैं इस बारे में शिकायत दर्ज कराऊंगा। गृह मंत्री को इस मामले की जांच करनी चाहिए।’
सबसे अहम यह है कि खुद कर्नाटक के मंत्री दावा करते हैं कि 48 लोगों को हनीट्रैप में फंसाया गया, जो अलग-अलग राजनीतिक दलों के हैं और इन लोगों के सीडी तथा पेन ड्राइव भी बनाए गए। मंत्री केएन राजन्ना कहते हैं कि ‘पेन ड्राइव के जरिए लोगों का चरित्र हनन किया गया है। रमेश जारकीहोली मामले से लेकर प्रज्वल रेवन्ना मामले तक, सभी दलों के करीब 48 लोग हैं।’मंत्री केएन राजन्ना ने दावा किया कि ‘वो दो अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े हैं। यह मामला सिर्फ हमारे राज्य तक सीमित नहीं है। ये राष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है, जिसमें देश भर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं।’