नई दिल्ली: भारत के कैब सर्विस कारोबार से बड़ी खबर सामने आ रही है। भारत सरकार कैब सर्विस मार्केट में ओला-उबर का को-ऑपरेटिव द्वारा संचालित विकल्प लॉन्च करने की तैयारी में है। गृह मंत्री अमित शाह ने यह घोषणा की है। संसद में बोलते हुए शाह ने पीएम मोदी के सहकार से समृद्धि विजन की सराहना की और कहा कि यह सिर्फ एक स्लोगन ही नहीं, बल्कि एक विजन है। शाह ने कहा कि सरकार एक को-ऑपरेटिव मॉडल बेस्ड नई टैक्सी सर्विस लॉन्च करने की योजना बना रही है। इस सरकारी कैब सर्विस का उद्देश्य ड्राइवर्स को अधिक फायदे पहुंचाना और ग्राहकों को सस्ती सर्विस प्रदान करना है।
इस समय मौजूदा कैब एग्रीगेटर्स ड्राइवर्स से मोटा कमीशन वसूलते हैं। इससे ड्राइवर्स की इनकम कम हो जाती है। सरकार की यह प्रस्तावित को-ऑपरेटिव बेस्ड टैक्सी सर्विस ड्राइवर्स को फायदा पहुंचाने के लिए है। इस सर्विस से ड्राइवर्स को सीधा मुनाफा मिलेगा और उन्हें कैब कंपनी को बड़ा कमीशन नहीं देना होगा।
साथ ही ग्राहकों को भी सस्ती कैब सर्विस मिल पाएगी। इस सरकारी टैक्सी सर्विस से ओला, उबर और रैपिडो जैसी टैक्सी सर्विसेज को कड़ी टक्कर मिलने वाली है। इस समय कैब एग्रीगेटर्स ड्राइवरों से 20 से 30 फीसदी कमीशन वसूलते हैं। सरकारी को-ऑपरेटिव बेस्ड मॉडल में यह कमीशन काफी कम होगा। साथ ही सरकारी मॉडल में ड्राइवर्स को हेल्थ इंश्योरेंस, एक्सीडेंटल इंश्योरेंस और पेंशन जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।
प्रस्तावित कैब सर्विस को-ऑपरेटिव मॉडल में चलाई जाएगी। ड्राइवर खुद कार के मालिक हो सकते हैं। इस सर्विस को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से चलाने की योजना है। जैसे अभी ग्राहक ओला और उबर की कैब बुक करते हैं, उसी तरह यह कैब भी बुक कर पाएंगे। इससे ग्राहकों को ट्रांसपेरेंट प्राइसिंग मिलेगी।
नई दिल्ली: भारत के कैब सर्विस कारोबार से बड़ी खबर सामने आ रही है। भारत सरकार कैब सर्विस मार्केट में ओला-उबर का को-ऑपरेटिव द्वारा संचालित विकल्प लॉन्च करने की तैयारी में है। गृह मंत्री अमित शाह ने यह घोषणा की है। संसद में बोलते हुए शाह ने पीएम मोदी के सहकार से समृद्धि विजन की सराहना की और कहा कि यह सिर्फ एक स्लोगन ही नहीं, बल्कि एक विजन है। शाह ने कहा कि सरकार एक को-ऑपरेटिव मॉडल बेस्ड नई टैक्सी सर्विस लॉन्च करने की योजना बना रही है। इस सरकारी कैब सर्विस का उद्देश्य ड्राइवर्स को अधिक फायदे पहुंचाना और ग्राहकों को सस्ती सर्विस प्रदान करना है।
इस समय मौजूदा कैब एग्रीगेटर्स ड्राइवर्स से मोटा कमीशन वसूलते हैं। इससे ड्राइवर्स की इनकम कम हो जाती है। सरकार की यह प्रस्तावित को-ऑपरेटिव बेस्ड टैक्सी सर्विस ड्राइवर्स को फायदा पहुंचाने के लिए है। इस सर्विस से ड्राइवर्स को सीधा मुनाफा मिलेगा और उन्हें कैब कंपनी को बड़ा कमीशन नहीं देना होगा।
साथ ही ग्राहकों को भी सस्ती कैब सर्विस मिल पाएगी। इस सरकारी टैक्सी सर्विस से ओला, उबर और रैपिडो जैसी टैक्सी सर्विसेज को कड़ी टक्कर मिलने वाली है। इस समय कैब एग्रीगेटर्स ड्राइवरों से 20 से 30 फीसदी कमीशन वसूलते हैं। सरकारी को-ऑपरेटिव बेस्ड मॉडल में यह कमीशन काफी कम होगा। साथ ही सरकारी मॉडल में ड्राइवर्स को हेल्थ इंश्योरेंस, एक्सीडेंटल इंश्योरेंस और पेंशन जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।
प्रस्तावित कैब सर्विस को-ऑपरेटिव मॉडल में चलाई जाएगी। ड्राइवर खुद कार के मालिक हो सकते हैं। इस सर्विस को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से चलाने की योजना है। जैसे अभी ग्राहक ओला और उबर की कैब बुक करते हैं, उसी तरह यह कैब भी बुक कर पाएंगे। इससे ग्राहकों को ट्रांसपेरेंट प्राइसिंग मिलेगी।