म्यांमार में भूकंप का कहर जारी, फिर कांपी धरती, दहशत में घरों से भागे लोग:

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म्यांमार में शुक्रवार को भीषण भूकंप के बाद देर रात एक और झटका महसूस किया गया। हालांकि, यह झटका दिन में आए भूकंप की तुलना में कम तीव्र था। नेशनल सीस्मोलॉजी सेंटर के अनुसार, रात 11:56 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई। इससे पहले दिन में दो बार आए शक्तिशाली भूकंपों में 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इसका असर पड़ोसी देश थाईलैंड तक महसूस किया गया, जबकि भारत के कई राज्यों में भी कंपन दर्ज किया गया।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, म्यांमार में शुक्रवार, 28 मार्च की रात 11:56 बजे भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई। इसका केंद्र धरती की सतह से 10 किलोमीटर गहराई में था। इससे पहले, दिन में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी, जिसके चलते सेना ने देश के कई राज्यों में आपातकाल घोषित कर दिया।
बैंकॉक में आपातकाल की घोषणा

भूकंप की विनाशकारी तबाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30 मंजिला इमारत धराशायी हो गई, जिसमें 43 मजदूर फंसे हुए हैं। इस आपदा के चलते बैंकॉक में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। भारत ने म्यांमार को सहायता पहुंचाने के लिए सी-130जे विमान के जरिए करीब 15 टन राहत सामग्री भेजी है। म्यांमार में सैन्य शासन होने के बावजूद ट्रंप ने आश्वस्त किया है कि अमेरिका मदद करेगा।

म्यांमार में आए भूकंप के बाद, वहां की सैन्य सरकार के प्रमुख ने शुक्रवार शाम टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि इस आपदा में कम से कम 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 730 से अधिक लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि वैश्विक संगठन म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील पर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। भूकंप के प्रभाव से कई पुल और मठ गिर गए, और एक बांध भी टूट गया। रिपोर्टों के अनुसार, मांडले शहर में कई इमारतें धराशायी हो गईं, जिनमें प्रसिद्ध मा सोए याने मठ और पूर्व शाही महल को भी नुकसान पहुंचा है।


म्यांमार में शुक्रवार को भीषण भूकंप के बाद देर रात एक और झटका महसूस किया गया। हालांकि, यह झटका दिन में आए भूकंप की तुलना में कम तीव्र था। नेशनल सीस्मोलॉजी सेंटर के अनुसार, रात 11:56 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई। इससे पहले दिन में दो बार आए शक्तिशाली भूकंपों में 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इसका असर पड़ोसी देश थाईलैंड तक महसूस किया गया, जबकि भारत के कई राज्यों में भी कंपन दर्ज किया गया।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, म्यांमार में शुक्रवार, 28 मार्च की रात 11:56 बजे भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई। इसका केंद्र धरती की सतह से 10 किलोमीटर गहराई में था। इससे पहले, दिन में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी, जिसके चलते सेना ने देश के कई राज्यों में आपातकाल घोषित कर दिया।
बैंकॉक में आपातकाल की घोषणा

भूकंप की विनाशकारी तबाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30 मंजिला इमारत धराशायी हो गई, जिसमें 43 मजदूर फंसे हुए हैं। इस आपदा के चलते बैंकॉक में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। भारत ने म्यांमार को सहायता पहुंचाने के लिए सी-130जे विमान के जरिए करीब 15 टन राहत सामग्री भेजी है। म्यांमार में सैन्य शासन होने के बावजूद ट्रंप ने आश्वस्त किया है कि अमेरिका मदद करेगा।

म्यांमार में आए भूकंप के बाद, वहां की सैन्य सरकार के प्रमुख ने शुक्रवार शाम टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि इस आपदा में कम से कम 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 730 से अधिक लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि वैश्विक संगठन म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील पर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। भूकंप के प्रभाव से कई पुल और मठ गिर गए, और एक बांध भी टूट गया। रिपोर्टों के अनुसार, मांडले शहर में कई इमारतें धराशायी हो गईं, जिनमें प्रसिद्ध मा सोए याने मठ और पूर्व शाही महल को भी नुकसान पहुंचा है।


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