नई दिल्ली. आजकल अधिकतर लोग हार्मोन इम्बैलेंस या फिर मोटापे की
समस्या से परेशान हैं। अगर आपको भी इस तरह की कोई समस्या है तो सूरजमुखी के
बीज आपकी समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। सूरजमुखी के बीज
में मौजूद कई औषधीय गुण शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं।
सूरजमुखी के बीज में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और कई अन्य पौष्टिक
तत्व शरीर को कई तरह के रोगों से दूर रखने का काम करते हैं।
सूरजमुखी के बीज खाने के फायदे-
मोटापा-
बढ़ते मोटापे की समस्या को दूर करने में सूरजमुखी के बीज आपकी मदद कर सकते
हैं। सूरजमुखी के बीजों में मैग्नीशियम प्रचूर मात्रा में मौजूद होता हैं।
जिसकी वजह से न सिर्फ आपकी दिल की सेहत का ध्यान रखता है बल्कि शरीर से
विषाक्त पदार्थ बाहर निकलकर आपकी बॉडी को डिटॉक्स भी करता है। इसके अलावा
इसके बीज शरीर से अतिरिक्त वसा को कम करके शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी
बढ़ाने में मदद करते हैं।
पाचन के लिए फायदेमंद-
सूरजमुखी के बीज का सेवन करने से पाचन तंत्र अच्छा बना रहता है। सूरजमुखी
के बीजों में मौजूद एंजाइम पाचन रस के स्राव को नियंत्रित करके शरीर से
अनावश्यक विषाक्त पदार्थों को खत्म करते हैं। जिससे कब्ज की समस्या भी दूर
होती है।
हड्डियों के लिए सूरजमुखी के बीज-
सूरजमुखी के बीज में आयरन, जिंक, कैल्शियम मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
दिमागी सेहत के लिए सूरजमुखी के बीज-
बढ़ती उम्र का असर दिमाग पर भी पड़ता है लेकिन सूरजमुखी के बीज इस असर को
टालने में आपकी मदद कर सकते हैं। सूरजमुखी के बीज में कैल्शियम व जिंक जैसे
पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो मस्तिष्क विकास में लाभकारी हो सकते हैं।
मधुमेह में सूरजमुखी के बीज-
मधुमेह रोगी सूरजमुखी के बीज को स्नैक्स के तौर पर खा सकते हैं। इसमें
कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के साथ पोलीसैचुरेटेड फैट भी मौजूद होता
है। जो बल्ड शुगर को मेंटेन करने के साथ शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर
सकता है। अगर आप सूरजमुखी के तेल का उपयोग कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आप
एक दिन में तीन चम्मच से ज्यादा तेल का उपयोग न करें।
एस्ट्रोजेन असंतुलन को नियंत्रित-
एस्ट्रोजेन एक प्रकार का हॉर्मोन होता है, जिसके असंतुलन से शरीर में कई
तरह की समस्याएं जैसे -थायराइड, डायबिटीज व ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
वहीं, सूरजमुखी में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो एस्ट्रोजन को संतुलित
करने का काम कर सकते हैं।
नई दिल्ली. आजकल अधिकतर लोग हार्मोन इम्बैलेंस या फिर मोटापे की
समस्या से परेशान हैं। अगर आपको भी इस तरह की कोई समस्या है तो सूरजमुखी के
बीज आपकी समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। सूरजमुखी के बीज
में मौजूद कई औषधीय गुण शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं।
सूरजमुखी के बीज में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और कई अन्य पौष्टिक
तत्व शरीर को कई तरह के रोगों से दूर रखने का काम करते हैं।
सूरजमुखी के बीज खाने के फायदे-
मोटापा-
बढ़ते मोटापे की समस्या को दूर करने में सूरजमुखी के बीज आपकी मदद कर सकते
हैं। सूरजमुखी के बीजों में मैग्नीशियम प्रचूर मात्रा में मौजूद होता हैं।
जिसकी वजह से न सिर्फ आपकी दिल की सेहत का ध्यान रखता है बल्कि शरीर से
विषाक्त पदार्थ बाहर निकलकर आपकी बॉडी को डिटॉक्स भी करता है। इसके अलावा
इसके बीज शरीर से अतिरिक्त वसा को कम करके शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी
बढ़ाने में मदद करते हैं।
पाचन के लिए फायदेमंद-
सूरजमुखी के बीज का सेवन करने से पाचन तंत्र अच्छा बना रहता है। सूरजमुखी
के बीजों में मौजूद एंजाइम पाचन रस के स्राव को नियंत्रित करके शरीर से
अनावश्यक विषाक्त पदार्थों को खत्म करते हैं। जिससे कब्ज की समस्या भी दूर
होती है।
हड्डियों के लिए सूरजमुखी के बीज-
सूरजमुखी के बीज में आयरन, जिंक, कैल्शियम मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
दिमागी सेहत के लिए सूरजमुखी के बीज-
बढ़ती उम्र का असर दिमाग पर भी पड़ता है लेकिन सूरजमुखी के बीज इस असर को
टालने में आपकी मदद कर सकते हैं। सूरजमुखी के बीज में कैल्शियम व जिंक जैसे
पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो मस्तिष्क विकास में लाभकारी हो सकते हैं।
मधुमेह में सूरजमुखी के बीज-
मधुमेह रोगी सूरजमुखी के बीज को स्नैक्स के तौर पर खा सकते हैं। इसमें
कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के साथ पोलीसैचुरेटेड फैट भी मौजूद होता
है। जो बल्ड शुगर को मेंटेन करने के साथ शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर
सकता है। अगर आप सूरजमुखी के तेल का उपयोग कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आप
एक दिन में तीन चम्मच से ज्यादा तेल का उपयोग न करें।
एस्ट्रोजेन असंतुलन को नियंत्रित-
एस्ट्रोजेन एक प्रकार का हॉर्मोन होता है, जिसके असंतुलन से शरीर में कई
तरह की समस्याएं जैसे -थायराइड, डायबिटीज व ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
वहीं, सूरजमुखी में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो एस्ट्रोजन को संतुलित
करने का काम कर सकते हैं।