- भारत हमेशा से ही अपनी विविध संस्कृति के लिए जाना जाता रहा है। भारतीय उपमहाद्वीपों में आक्रमणकारियों और पर्यटकों का एक व्यापक इतिहास रहा है। इस दौरान कई संरचनाएं इन लोगों द्वारा बनवाई गईं। इस समय की अधिकांश सरंचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया या नए शासकों के शासनकाल में इनका नवीनीकरण किया गया। लेकिन आज इनका संरक्षण न किया जाने और ध्यान न दिए जाने के कारण ये सभी संरचनाएं अपनी विशेषता खो रही हैं। तो आइए हम आपको भारत की कुछ ऐसी ऐतिहासिक इमारतों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में पर्यटक बहुत कम जानते हैं लेकिन हर किसी को अपने जीवन में कम से कम एक बार यहां जरूर जाना चाहिए।
बिदर किला -
डेक्कन प्लेटो में स्थित बिदर को सिटी ऑफ व्हिसपरिंग मॉन्यूमेंट्स के नाम से जाना जाता है। इस बहमनी स्मारक का निर्माण 15 वीं शताब्दी में हुआ था। जब सुल्तान अल्ला उद्दीन बहमन ने अपनी राजधानी को गुलबर्गा से बिदर में स्थानांतरित किया था।
अहमदाबाद के पास मकरबा गांव में स्थित सरखेज रोजा एक मस्जिद और मकबरा है। यह कभी सूफी संस्कृति का प्रसिद्ध केंद्र हुआ करता था। यहां पर सूफी संत शेख अहमद गंज बख्श रहते थे। सरखेज रोजा को अहमदाबाद का एक्रोपोलिस कहा जाता है।
सलीम सिंह की हवेली -
जैसलमेर में स्थित सलीम सिंह की हवेली को वर्ष 1815 में एक मौजूदा हवेली की नींव पर बनाया गया था। एक विशिष्ट शैली में निर्मित इमारत में कई दिलचस्प विशेषताएं हैं। इस इमारत की एक और विशेषता 38 बालकनी है, जिनमें से हर का अपना अलग डिजाइन है।
मार्बल पैलेस -
मार्बल पैलेस कोलकाता में राजा राजेंद्र मालिक द्वारा बनवाया गया था। यह एक ऐसी संरचना है, जो बंगाली वास्तुकला को दर्शाती है। महल को पूरी तरह से सफद पत्थरों से बनाया गया है और इसके सामने एक सुंदर बगीचा है। यहां आने वाले पर्यटकों को शाही परिवार के वारिस दौरे पर ले जाते हैं। बता दें कि वारिस अभी भी महल में रहते हैं।
मलूटी मंदिर -
झारखंड के छोटे से शहर मलूटी में 70 से ज्यादा टेराकोटा मंदिर हैं, जो इतिहास की छाप छोड़ते हैं। यह भारत के लुप्त हो चुके ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर को सख्त प्रबंधन की जरूरत है। ये मंदिर बाज बसंत राजवंश के तहत बनाए गए थे, जो हिंदू महाकाव्यों के दृश्यों को दर्शाते हैं।
कांच महल -
कांच महल अकबर के मकबरे के पास स्थित आगरा में चौकोर आकार का कांच महल है। इसके निर्माण में टाइल वर्क होने के कारण इसे कांच महल कहा जाता है। महल को मूल रूप से शाही महिलाओं के निवास के रूप में बनाया गया था। लेकिन बाद में इसे शिकारगाह के रूप में इस्तेमाल किया गया। यह इमारत एक शानदार बगीचे से घिरी हुई है। यहां आने वाले पर्यटक संरचना की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाते।
बोलगट्टी पैलेस
बोलगट्टी पैलेस केरल में एक ऐसा महल है, जिसे किसी भारतीय शासक ने नहीं बनवाया था। कहा जाता है कि इसका निर्माण डचों ने 1974 में किया था। माना जाता है कि इसमें एक अमीर जमीदार रहता था। आज इस गुमनाम महल के चारों तरफ बगीचा, स्वीमिंग पूल और आयुर्वेद केंद्र है।
बीते कल की कहानी अपने आप में ऐतिहासिक होती हैं। अगर आप इतिहास को पसंद करते हैं, तो यहां बताई गईं भारत की इन स्मारकों की यात्रा जरूर करें। यकीनन यहां की यात्रा आपके लिए दिलचस्प और यादगार बन जाएगी।
- भारत हमेशा से ही अपनी विविध संस्कृति के लिए जाना जाता रहा है। भारतीय उपमहाद्वीपों में आक्रमणकारियों और पर्यटकों का एक व्यापक इतिहास रहा है। इस दौरान कई संरचनाएं इन लोगों द्वारा बनवाई गईं। इस समय की अधिकांश सरंचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया या नए शासकों के शासनकाल में इनका नवीनीकरण किया गया। लेकिन आज इनका संरक्षण न किया जाने और ध्यान न दिए जाने के कारण ये सभी संरचनाएं अपनी विशेषता खो रही हैं। तो आइए हम आपको भारत की कुछ ऐसी ऐतिहासिक इमारतों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में पर्यटक बहुत कम जानते हैं लेकिन हर किसी को अपने जीवन में कम से कम एक बार यहां जरूर जाना चाहिए।
बिदर किला -
डेक्कन प्लेटो में स्थित बिदर को सिटी ऑफ व्हिसपरिंग मॉन्यूमेंट्स के नाम से जाना जाता है। इस बहमनी स्मारक का निर्माण 15 वीं शताब्दी में हुआ था। जब सुल्तान अल्ला उद्दीन बहमन ने अपनी राजधानी को गुलबर्गा से बिदर में स्थानांतरित किया था।
अहमदाबाद के पास मकरबा गांव में स्थित सरखेज रोजा एक मस्जिद और मकबरा है। यह कभी सूफी संस्कृति का प्रसिद्ध केंद्र हुआ करता था। यहां पर सूफी संत शेख अहमद गंज बख्श रहते थे। सरखेज रोजा को अहमदाबाद का एक्रोपोलिस कहा जाता है।
सलीम सिंह की हवेली -
जैसलमेर में स्थित सलीम सिंह की हवेली को वर्ष 1815 में एक मौजूदा हवेली की नींव पर बनाया गया था। एक विशिष्ट शैली में निर्मित इमारत में कई दिलचस्प विशेषताएं हैं। इस इमारत की एक और विशेषता 38 बालकनी है, जिनमें से हर का अपना अलग डिजाइन है।
मार्बल पैलेस -
मार्बल पैलेस कोलकाता में राजा राजेंद्र मालिक द्वारा बनवाया गया था। यह एक ऐसी संरचना है, जो बंगाली वास्तुकला को दर्शाती है। महल को पूरी तरह से सफद पत्थरों से बनाया गया है और इसके सामने एक सुंदर बगीचा है। यहां आने वाले पर्यटकों को शाही परिवार के वारिस दौरे पर ले जाते हैं। बता दें कि वारिस अभी भी महल में रहते हैं।
मलूटी मंदिर -
झारखंड के छोटे से शहर मलूटी में 70 से ज्यादा टेराकोटा मंदिर हैं, जो इतिहास की छाप छोड़ते हैं। यह भारत के लुप्त हो चुके ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर को सख्त प्रबंधन की जरूरत है। ये मंदिर बाज बसंत राजवंश के तहत बनाए गए थे, जो हिंदू महाकाव्यों के दृश्यों को दर्शाते हैं।
कांच महल -
कांच महल अकबर के मकबरे के पास स्थित आगरा में चौकोर आकार का कांच महल है। इसके निर्माण में टाइल वर्क होने के कारण इसे कांच महल कहा जाता है। महल को मूल रूप से शाही महिलाओं के निवास के रूप में बनाया गया था। लेकिन बाद में इसे शिकारगाह के रूप में इस्तेमाल किया गया। यह इमारत एक शानदार बगीचे से घिरी हुई है। यहां आने वाले पर्यटक संरचना की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाते।
बोलगट्टी पैलेस
बोलगट्टी पैलेस केरल में एक ऐसा महल है, जिसे किसी भारतीय शासक ने नहीं बनवाया था। कहा जाता है कि इसका निर्माण डचों ने 1974 में किया था। माना जाता है कि इसमें एक अमीर जमीदार रहता था। आज इस गुमनाम महल के चारों तरफ बगीचा, स्वीमिंग पूल और आयुर्वेद केंद्र है।
बीते कल की कहानी अपने आप में ऐतिहासिक होती हैं। अगर आप इतिहास को पसंद करते हैं, तो यहां बताई गईं भारत की इन स्मारकों की यात्रा जरूर करें। यकीनन यहां की यात्रा आपके लिए दिलचस्प और यादगार बन जाएगी।