बहुत सी महिलाओं को अपनी त्वचा पर डार्क स्पॉट्स और पिगमेंटेशन की शिकायत रहती है। वहीं तमाम कोशिशों के बाद भी पिगमेंटेड त्वचा ठीक नहीं होती, क्युकी हो सकता है आप समस्या को जाने बगैर इसका उपचार ढूंढ रही हों। यह समस्या मेलास्मा हो सकता है। मेलास्मा आपको अन्य स्किन कंडीशंस की तरह नजर आ सकता है, इसलिए यदि त्वचा पर पिगमेंटेशन और डार्क स्पॉट्स नजर आ रहे हैं (melasma pigmentation), तो इसे नजरअंदाज न करें। डॉक्टर से मिलकर सलाह लेना जरूरी है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन ने मेलास्मा से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताई है। तो चलिए जानते हैं इस समस्या के बारे में विस्तार से।
पहले समझें मेलास्मा क्या है (what is melasma pigmentation)?
मेलास्मा हाइपरपिग्मेंटेशन (melasma pigmentation) का एक प्रकार है, एक ऐसी स्थिति जिसमें त्वचा के पिगमेंट मेलेनिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाएं इसका बहुत अधिक उत्पादन करना शुरू कर देती हैं। मेलास्मा में, इसके परिणामस्वरूप त्वचा पर काले धब्बे नजर आना शुरू हो जाते हैं। धब्बे आमतौर पर भूरे रंग के होते हैं, लेकिन गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में वे नीले-भूरे या रंग के हो सकते हैं।
वे आमतौर पर चेहरे पर दिखाई देते हैं, गाल, नाक, ऊपरी होंठ या ठोड़ी पर। ऊपरी होंठ पर धब्बे को कभी-कभी मेलास्मा मूंछ या सनस्टैच कहा जाता है। कभी-कभी, मेलास्मा शरीर के अन्य हिस्सों पर भी दिखाई देता है, जिसमें कंधे और गर्दन शामिल हैं। यह बहुत अधिक धूप में रहने वाले लोगों में कॉमन है।
जानें मेलास्मा के कारण (causes of melasma pigmentation)
कुछ मामलों में मेलास्मा जेनेटिक हो सकता है। वहीं सन एक्स्पोज़र, हार्मोनल बदलाव, स्ट्रेस हार्मोन, थायराइड को समस्या सहित कुछ प्रकार के मेडिसिंस और स्किन इरिटेंट मेलास्मा के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
जानें मेलास्मा को मेडिकली कैसे ट्रीट किया जाता है
अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी संगठन ने मेलास्मा के मेडिकल ट्रीटमेंट से जुड़ी जानकारी शेयर की है:
1. हाइड्रोक्विनोन: एक आम उपचार जो मेलेनिन उत्पादन को ब्लॉक कर देता है। इसका उपयोग केवल सीमित समय के लिए किया जाना चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक उपयोग से साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
2. ट्रेटिनॉइन: एक प्रिस्क्रिप्शन रेटिनोइड जो काले धब्बों को साफ़ करने में मदद कर सकते हैं। यह डर्मेटाइटिस का कारण बन सकता है और गर्भावस्था के दौरान इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है।
3. एज़ेलिक एसिड: यह क्रीम, और लोशन या जेल के रूप में मिल जाता है, पर इसके इस्तेमाल के पहले डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है।
4. कोजिक एसिड: एक सामयिक त्वचा को हल्का करने वाला एजेंट जो 1% कंसंट्रेशन में उपयोग करने के लिए सुरक्षित है।
इसके अलावा कांबिनेशन थेरेपी, ओरल मेडिकेशन, लेजर ट्रीटमेंट, स्किन माइक्रो नीडलिंग आदि से मिलस्मा को ट्रीट किया जाता है। इन सभी ट्रीटमेंट विकल्पों को बिना डॉक्टर की सलाह के आजमाना आपकी त्वचा के लिए बेहद नकारात्मक साबित हो सकता है, इसलिए सबसे पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें।
घरेलू नुस्खे जो मेलास्मा पिगमेंटेशन को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं
डॉक्टर निवेदिता दादू डर्मेटोलॉजी क्लिनिक की फाउंडर और चेयरमैन डॉक्टर निवेदिता दादू ने मेलास्मा पिगमेंटेशन को कम करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताएं हैं, तो चलिए जानते हैं इन घरेलू नुस्खे के बारे में।
1. हल्दी
हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और पावरफुल एंटी इन्फ्लेमेटरी एजेंट पाए जाते हैं। यह त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से प्रोटेक्ट करते हैं और मेलानिन प्रोडक्शन को बैलेंस रखते हैं। इसके अलावा इसमें करक्यूमिन नामक एक एक्टिव कंपाउंड पाया जाता है, जो हाइपर पिगमेंटेशन में बेहद कारगर होता है और त्वचा की रंगत को एक सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।
2. ब्लैक टी
ब्लैक टी को स्पॉट लाइटनिंग ट्रीटमेंट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें एस्ट्रिजेंट प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो इन्फ्लेमेटरी पिगमेंटेशन को शांत करती है और इसकी मॉइश्चराइजिंग प्रॉपर्टी त्वचा को पर्याप्त नमी प्रदान करती है। ब्लैक टी में कॉटन डुबोकर इसे मेलास्मा के धब्बों पर अप्लाई करें और कुछ देर लगा रहने दें। उसके त्वचा को साफ कर लें। इसे दिन में दो बार दोहराएं।
3. एलोवेरा जेल
एलो वेरा गेल त्वचा के इन्फ्लेमेटरी परेशानियों को ट्रीट करने में मदद करता है। यह त्वचा को अंदर से नमी प्रदान करता है, और उन्हें हाइड्रेटेड रखता है। विशेष रूप से प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एलोवेरा बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि प्रेगनेंसी में महिलाओं को केमिकल युक्त मेडिकल क्रीम अप्लाई करने की इजाजत नहीं होती।
4. नींबू का रस
सूरज की हानिकारक किरणों की वजह से हुए मेलास्मा को ट्रीट करने में टमाटर का जूस आपकी मदद कर सकता है। टमाटर में मौजूद लाइकोपिन आपकी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले साइड इफेक्ट्स से प्रोटेक्ट करती है। टमाटर के पेस्ट में ऑलिव ऑयल मिलाएं और इसे प्रभावित एरिया पर अप्लाई करें। नियमित रूप से एक हफ्ते तक इसे इस्तेमाल करने के बाद आपको फायदे नजर आना शुरू हो जाएंगे।
बहुत सी महिलाओं को अपनी त्वचा पर डार्क स्पॉट्स और पिगमेंटेशन की शिकायत रहती है। वहीं तमाम कोशिशों के बाद भी पिगमेंटेड त्वचा ठीक नहीं होती, क्युकी हो सकता है आप समस्या को जाने बगैर इसका उपचार ढूंढ रही हों। यह समस्या मेलास्मा हो सकता है। मेलास्मा आपको अन्य स्किन कंडीशंस की तरह नजर आ सकता है, इसलिए यदि त्वचा पर पिगमेंटेशन और डार्क स्पॉट्स नजर आ रहे हैं (melasma pigmentation), तो इसे नजरअंदाज न करें। डॉक्टर से मिलकर सलाह लेना जरूरी है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन ने मेलास्मा से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताई है। तो चलिए जानते हैं इस समस्या के बारे में विस्तार से।
पहले समझें मेलास्मा क्या है (what is melasma pigmentation)?
मेलास्मा हाइपरपिग्मेंटेशन (melasma pigmentation) का एक प्रकार है, एक ऐसी स्थिति जिसमें त्वचा के पिगमेंट मेलेनिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाएं इसका बहुत अधिक उत्पादन करना शुरू कर देती हैं। मेलास्मा में, इसके परिणामस्वरूप त्वचा पर काले धब्बे नजर आना शुरू हो जाते हैं। धब्बे आमतौर पर भूरे रंग के होते हैं, लेकिन गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में वे नीले-भूरे या रंग के हो सकते हैं।
वे आमतौर पर चेहरे पर दिखाई देते हैं, गाल, नाक, ऊपरी होंठ या ठोड़ी पर। ऊपरी होंठ पर धब्बे को कभी-कभी मेलास्मा मूंछ या सनस्टैच कहा जाता है। कभी-कभी, मेलास्मा शरीर के अन्य हिस्सों पर भी दिखाई देता है, जिसमें कंधे और गर्दन शामिल हैं। यह बहुत अधिक धूप में रहने वाले लोगों में कॉमन है।
जानें मेलास्मा के कारण (causes of melasma pigmentation)
कुछ मामलों में मेलास्मा जेनेटिक हो सकता है। वहीं सन एक्स्पोज़र, हार्मोनल बदलाव, स्ट्रेस हार्मोन, थायराइड को समस्या सहित कुछ प्रकार के मेडिसिंस और स्किन इरिटेंट मेलास्मा के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
जानें मेलास्मा को मेडिकली कैसे ट्रीट किया जाता है
अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी संगठन ने मेलास्मा के मेडिकल ट्रीटमेंट से जुड़ी जानकारी शेयर की है:
1. हाइड्रोक्विनोन: एक आम उपचार जो मेलेनिन उत्पादन को ब्लॉक कर देता है। इसका उपयोग केवल सीमित समय के लिए किया जाना चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक उपयोग से साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
2. ट्रेटिनॉइन: एक प्रिस्क्रिप्शन रेटिनोइड जो काले धब्बों को साफ़ करने में मदद कर सकते हैं। यह डर्मेटाइटिस का कारण बन सकता है और गर्भावस्था के दौरान इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है।
3. एज़ेलिक एसिड: यह क्रीम, और लोशन या जेल के रूप में मिल जाता है, पर इसके इस्तेमाल के पहले डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है।
4. कोजिक एसिड: एक सामयिक त्वचा को हल्का करने वाला एजेंट जो 1% कंसंट्रेशन में उपयोग करने के लिए सुरक्षित है।
इसके अलावा कांबिनेशन थेरेपी, ओरल मेडिकेशन, लेजर ट्रीटमेंट, स्किन माइक्रो नीडलिंग आदि से मिलस्मा को ट्रीट किया जाता है। इन सभी ट्रीटमेंट विकल्पों को बिना डॉक्टर की सलाह के आजमाना आपकी त्वचा के लिए बेहद नकारात्मक साबित हो सकता है, इसलिए सबसे पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें।
घरेलू नुस्खे जो मेलास्मा पिगमेंटेशन को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं
डॉक्टर निवेदिता दादू डर्मेटोलॉजी क्लिनिक की फाउंडर और चेयरमैन डॉक्टर निवेदिता दादू ने मेलास्मा पिगमेंटेशन को कम करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताएं हैं, तो चलिए जानते हैं इन घरेलू नुस्खे के बारे में।
1. हल्दी
हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और पावरफुल एंटी इन्फ्लेमेटरी एजेंट पाए जाते हैं। यह त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से प्रोटेक्ट करते हैं और मेलानिन प्रोडक्शन को बैलेंस रखते हैं। इसके अलावा इसमें करक्यूमिन नामक एक एक्टिव कंपाउंड पाया जाता है, जो हाइपर पिगमेंटेशन में बेहद कारगर होता है और त्वचा की रंगत को एक सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।
2. ब्लैक टी
ब्लैक टी को स्पॉट लाइटनिंग ट्रीटमेंट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें एस्ट्रिजेंट प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो इन्फ्लेमेटरी पिगमेंटेशन को शांत करती है और इसकी मॉइश्चराइजिंग प्रॉपर्टी त्वचा को पर्याप्त नमी प्रदान करती है। ब्लैक टी में कॉटन डुबोकर इसे मेलास्मा के धब्बों पर अप्लाई करें और कुछ देर लगा रहने दें। उसके त्वचा को साफ कर लें। इसे दिन में दो बार दोहराएं।
3. एलोवेरा जेल
एलो वेरा गेल त्वचा के इन्फ्लेमेटरी परेशानियों को ट्रीट करने में मदद करता है। यह त्वचा को अंदर से नमी प्रदान करता है, और उन्हें हाइड्रेटेड रखता है। विशेष रूप से प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एलोवेरा बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि प्रेगनेंसी में महिलाओं को केमिकल युक्त मेडिकल क्रीम अप्लाई करने की इजाजत नहीं होती।
4. नींबू का रस
सूरज की हानिकारक किरणों की वजह से हुए मेलास्मा को ट्रीट करने में टमाटर का जूस आपकी मदद कर सकता है। टमाटर में मौजूद लाइकोपिन आपकी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले साइड इफेक्ट्स से प्रोटेक्ट करती है। टमाटर के पेस्ट में ऑलिव ऑयल मिलाएं और इसे प्रभावित एरिया पर अप्लाई करें। नियमित रूप से एक हफ्ते तक इसे इस्तेमाल करने के बाद आपको फायदे नजर आना शुरू हो जाएंगे।