चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की एक सिफारिश अब तक सरकार ने नहीं मानी:

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CJI यानी भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए सिफारिश करते हुए भेजे गए नामों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिृत्त होने वाले हैं।


कॉलेजियम ने जनवरी 2023 में अधिवक्ता सौरभ किरपाल को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, आर जॉन सत्यन को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा अमितेश बनर्जी और शाक्य सेन को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में प्रमोट करने के लिए पुन: सिफारिश की थी। उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने जनवरी 2023 में बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सोमशेखर सुंदरसन के नाम की भी सिफारिश की थी। पिछले वर्ष नवंबर में उन्हें बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।


उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया से अवगत लोगों ने बताया कि किरपाल, सत्यन, बनर्जी और सेन से संबंधित फाइलें अभी भी सरकार के पास लंबित हैं।


जनवरी 2023 में, कॉलेजियम ने दूसरी बार बनर्जी और सेन के नामों को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में ‘शीघ्र’ नियुक्ति के लिए पुन: सिफारिश करते हुए कहा था कि एक ही प्रस्ताव को बार-बार वापस भेजने का विकल्प सरकार के पास नहीं है।


अधिवक्ता बनर्जी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश यू सी बनर्जी के पुत्र हैं, जिन्होंने 2006 में उस आयोग का नेतृत्व किया था जिसने गोधरा में 2002 में हुई साबरमती एक्सप्रेस अग्निकांड में साजिश के पहलू को खारिज कर दिया थ। इस घटना में 58 कारसेवक मारे गए थे।


अधिवक्ता सेन, न्यायमूर्ति श्यामल सेन के पुत्र हैं, जिन्हें फरवरी 1986 में कलकत्ता उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और बाद में वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। न्यायमूर्ति सेन ने मई 1999 से दिसंबर 1999 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी सेवा दी थी।


बनर्जी और सेन के नामों को दोहराने के अलावा, तीन न्यायाधीशों के कॉलेजियम ने वरिष्ठ अधिवक्ता किरपाल को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में, अधिवक्ता सत्यन को मद्रास उच्च न्यायालय का न्यायाधीश और अधिवक्ता सोमशेखर सुंदरेशन को बंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए उनके नाम की पुन: सिफारिश की थी।


न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के प्रधान न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद 11 नवंबर को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे, और उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक होगा। वह 65 वर्ष की आयु के होने पर 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।


CJI यानी भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए सिफारिश करते हुए भेजे गए नामों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिृत्त होने वाले हैं।


कॉलेजियम ने जनवरी 2023 में अधिवक्ता सौरभ किरपाल को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, आर जॉन सत्यन को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा अमितेश बनर्जी और शाक्य सेन को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में प्रमोट करने के लिए पुन: सिफारिश की थी। उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने जनवरी 2023 में बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सोमशेखर सुंदरसन के नाम की भी सिफारिश की थी। पिछले वर्ष नवंबर में उन्हें बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।


उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया से अवगत लोगों ने बताया कि किरपाल, सत्यन, बनर्जी और सेन से संबंधित फाइलें अभी भी सरकार के पास लंबित हैं।


जनवरी 2023 में, कॉलेजियम ने दूसरी बार बनर्जी और सेन के नामों को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में ‘शीघ्र’ नियुक्ति के लिए पुन: सिफारिश करते हुए कहा था कि एक ही प्रस्ताव को बार-बार वापस भेजने का विकल्प सरकार के पास नहीं है।


अधिवक्ता बनर्जी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश यू सी बनर्जी के पुत्र हैं, जिन्होंने 2006 में उस आयोग का नेतृत्व किया था जिसने गोधरा में 2002 में हुई साबरमती एक्सप्रेस अग्निकांड में साजिश के पहलू को खारिज कर दिया थ। इस घटना में 58 कारसेवक मारे गए थे।


अधिवक्ता सेन, न्यायमूर्ति श्यामल सेन के पुत्र हैं, जिन्हें फरवरी 1986 में कलकत्ता उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और बाद में वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। न्यायमूर्ति सेन ने मई 1999 से दिसंबर 1999 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी सेवा दी थी।


बनर्जी और सेन के नामों को दोहराने के अलावा, तीन न्यायाधीशों के कॉलेजियम ने वरिष्ठ अधिवक्ता किरपाल को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में, अधिवक्ता सत्यन को मद्रास उच्च न्यायालय का न्यायाधीश और अधिवक्ता सोमशेखर सुंदरेशन को बंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए उनके नाम की पुन: सिफारिश की थी।


न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के प्रधान न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद 11 नवंबर को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे, और उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक होगा। वह 65 वर्ष की आयु के होने पर 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।


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