रायपुर सांसद बृजमोहन ने देशवासियों को दी संविधान दिवस पर बधाई:

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रायपुर, 26 नवंबर 2024:  रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने संविधान दिवस के अवसर पर समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं प्रेषित कीं। इस अवसर पर उन्होंने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में भाग लिया और भारतीय संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला।  

श्री अग्रवाल ने कहा, आज भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूर्ण हो गए गए, वर्ष 2015 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान दिवस मनाने की परंपरा शुरू की गई।  हमारे संविधान निर्माताओं ने बहुत सोच-समझकर ऐसा संविधान तैयार किया, जिसमें देश की प्रगति, आमजन के सशक्तिकरण, महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों के उत्थान के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। यदि हम सभी संविधान की मूल भावना को आत्मसात कर लें, तो हमारा देश पुनः सोने की चिड़िया और विश्वगुरु बन सकता है।" 

उन्होंने संविधान पर मंडराते खतरों की ओर भी इशारा करते हुए 1975 में लगाए गए आपातकाल का जिक्र किया। श्री अग्रवाल ने कहा, "आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने संविधान की मूल भावना को तोड़ने का प्रयास किया, जो एक काला अध्याय है।"

श्री अग्रवाल ने संविधान के आदर्शों के प्रति देशवासियों की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि यह दिन हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। संविधान दिवस हमें भारतीय लोकतंत्र के प्रति समर्पण और राष्ट्र के विकास में भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।


रायपुर, 26 नवंबर 2024:  रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने संविधान दिवस के अवसर पर समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं प्रेषित कीं। इस अवसर पर उन्होंने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में भाग लिया और भारतीय संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला।  

श्री अग्रवाल ने कहा, आज भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूर्ण हो गए गए, वर्ष 2015 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान दिवस मनाने की परंपरा शुरू की गई।  हमारे संविधान निर्माताओं ने बहुत सोच-समझकर ऐसा संविधान तैयार किया, जिसमें देश की प्रगति, आमजन के सशक्तिकरण, महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों के उत्थान के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। यदि हम सभी संविधान की मूल भावना को आत्मसात कर लें, तो हमारा देश पुनः सोने की चिड़िया और विश्वगुरु बन सकता है।" 

उन्होंने संविधान पर मंडराते खतरों की ओर भी इशारा करते हुए 1975 में लगाए गए आपातकाल का जिक्र किया। श्री अग्रवाल ने कहा, "आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने संविधान की मूल भावना को तोड़ने का प्रयास किया, जो एक काला अध्याय है।"

श्री अग्रवाल ने संविधान के आदर्शों के प्रति देशवासियों की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि यह दिन हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। संविधान दिवस हमें भारतीय लोकतंत्र के प्रति समर्पण और राष्ट्र के विकास में भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।


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