ओरल हाइजीन की अनदेखी करने पर अकसर लोगों को दांतों में कीड़ा लगना, प्लाक, दांतों का पीलापन और कैविटी से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। बता दें, कई बार खाने-पीने की चीजों से दांतों पर प्लेक जमा हो जाता है, जिससे बैक्टीरिया बनता है। यह बैक्टीरिया दांतों की सतह और मसूड़ों के साथ चिपककर एसिड पैदा करते हैं, जो कैविटी का कारण बनकर दांतों में सड़न का कारण बन सकते हैं। अगर आप भी अपने दांतों को सड़न से बचाना चाहते हैं तो ये नेचुरल उपाय आजमा सकते हैं। बता दें, डॉक्टर निशांत गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम पर ये हर्बल उपाय शेयर करते हुए बताया है कि घर बैठे कैसे आप कुछ आसान उपाय फॉलो करके अपने दांतों को हेल्दी और खूबसूरत बनाए रख सकते हैं।
दांतों को हेल्दी और स्ट्रांग बनाएं रखेंगे ये टिप्स
लौंग
खाना खाने के बाद एक लौंग चबाने से बैक्टीरिया और दर्द से राहत मिल सकती है। लौंग में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं। लौंग चबाने से मुंह और गले में मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिससे मौखिक संक्रमण का खतरा कम होता है।
अमरूद के पत्ते
रोजाना एक से दो अमरूद के पत्ते चबाने से दांतों को संक्रमण से बचाने में मदद मिल सकती है। अमरूद के पत्तों में जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं, जो मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को रोकते हैं। इन पत्तों में मौजूद एंटी-इनफ्लेमेटरी गुण दांतों के इंफेक्शन को दूर करने में मदद करते हैं। बता दें, अमरूद के पत्तों को चबाने से कैविटी को रोकने और मसूड़ों की सूजन को शांत करने में भी मदद मिलती है।
नीम की दातुन
नीम का दातुन से ब्रश करने से बैक्टीरिया और प्लाक से छुटकारा मिल सकता है। नीम में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। जिससे दांतों का पीलापन, बदबू, प्लाक, टैटार,दांतों का दर्द और अल्सर में राहत मिलने के साथ सूजे हुए मसूड़ों को भी आराम मिलता है।
क्रंची सब्जियां
गाजर,सेब जैसी क्रंची सब्जियां चबाने से दांत नेचुरल तरीके से साफ होते हैं। बता दें, लार में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो दांतों की सफाई में मदद करते हैं। ऐसे में क्रंची सब्जियां जैसे गाजर, ब्रोकली, शिमला मिर्च जैसी क्रंची सब्जियां प्लाक को हटाने में मदद करती हैं।
तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्ते उबालकर गार्गल करने से नेचुरल माउथवॉश का काम होता है। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। रोजाना तुलसी का पानी पीने से सर्दी, खांसी और गले की सूजन में राहत मिलने के साथ सांसों की बदबू को कम करते हैं।
ओरल हाइजीन की अनदेखी करने पर अकसर लोगों को दांतों में कीड़ा लगना, प्लाक, दांतों का पीलापन और कैविटी से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। बता दें, कई बार खाने-पीने की चीजों से दांतों पर प्लेक जमा हो जाता है, जिससे बैक्टीरिया बनता है। यह बैक्टीरिया दांतों की सतह और मसूड़ों के साथ चिपककर एसिड पैदा करते हैं, जो कैविटी का कारण बनकर दांतों में सड़न का कारण बन सकते हैं। अगर आप भी अपने दांतों को सड़न से बचाना चाहते हैं तो ये नेचुरल उपाय आजमा सकते हैं। बता दें, डॉक्टर निशांत गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम पर ये हर्बल उपाय शेयर करते हुए बताया है कि घर बैठे कैसे आप कुछ आसान उपाय फॉलो करके अपने दांतों को हेल्दी और खूबसूरत बनाए रख सकते हैं।
दांतों को हेल्दी और स्ट्रांग बनाएं रखेंगे ये टिप्स
लौंग
खाना खाने के बाद एक लौंग चबाने से बैक्टीरिया और दर्द से राहत मिल सकती है। लौंग में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं। लौंग चबाने से मुंह और गले में मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिससे मौखिक संक्रमण का खतरा कम होता है।
अमरूद के पत्ते
रोजाना एक से दो अमरूद के पत्ते चबाने से दांतों को संक्रमण से बचाने में मदद मिल सकती है। अमरूद के पत्तों में जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं, जो मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को रोकते हैं। इन पत्तों में मौजूद एंटी-इनफ्लेमेटरी गुण दांतों के इंफेक्शन को दूर करने में मदद करते हैं। बता दें, अमरूद के पत्तों को चबाने से कैविटी को रोकने और मसूड़ों की सूजन को शांत करने में भी मदद मिलती है।
नीम की दातुन
नीम का दातुन से ब्रश करने से बैक्टीरिया और प्लाक से छुटकारा मिल सकता है। नीम में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। जिससे दांतों का पीलापन, बदबू, प्लाक, टैटार,दांतों का दर्द और अल्सर में राहत मिलने के साथ सूजे हुए मसूड़ों को भी आराम मिलता है।
क्रंची सब्जियां
गाजर,सेब जैसी क्रंची सब्जियां चबाने से दांत नेचुरल तरीके से साफ होते हैं। बता दें, लार में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो दांतों की सफाई में मदद करते हैं। ऐसे में क्रंची सब्जियां जैसे गाजर, ब्रोकली, शिमला मिर्च जैसी क्रंची सब्जियां प्लाक को हटाने में मदद करती हैं।
तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्ते उबालकर गार्गल करने से नेचुरल माउथवॉश का काम होता है। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। रोजाना तुलसी का पानी पीने से सर्दी, खांसी और गले की सूजन में राहत मिलने के साथ सांसों की बदबू को कम करते हैं।