शंभू बॉर्डर पर फिर तनाव, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले:

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दिल्ली कूच करने पर अड़े किसानों पर हरियाणा पुलिस ने एक बार फिर कार्रवाई शुरू कर दी है। शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती है। दिल्ली के लिए पैदल निकले 101 किसानों को पुलिस ने रोक दिया और उनपर आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछार की। इससे पहले 6 और 8 दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की थी लेकिन उन्हें हरियाणा पुलिस ने रोक दिया था। पुलिस ने उनपर आंसू गैस का इस्तेमाल किया था। इस टकराव में कई किसान घायल भी हो गए थे।

किसानों ने शनिवार को एक बार फिर दिल्ली कूच करने की कोशिश की लेकिन बॉर्डर के पास ही उन्हे बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया। इसके बाद किसानों और प्रशासन के बीच संवाद भी हुआ। किसान नेताओं ने कहा कि वे देश की बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं और अपनी मांगों को लेकर राजधानी जाना चाहते हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात प्रधानमंत्री के सामने रखना चाहते हैं। किसानों ने कहा कि उनकी तलाशी ली जा सकती है। उनके पास ना तो ट्रैक्टर है और ना ही ट्रॉली।

प्रशासन ने किसानों से कहा कि वे कानून व्यवस्था को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि वे मान्यीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो वे पहले राजधानी मे प्रदर्शन के लिए परमीशन ले लें और इसके बाद पुलिस ही उन्हें वहां तक छोड़कर आएगी। पानी की तेज धार और आंसू गैस से बचने के लिए किसान गीले कपड़ों और बोरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक इस टकराव में कुछ किसान घायल हुए हैं। उन्हें स्ट्रेचर पर अलग ले जाया गया है। बता दें कि एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर किसान लंबे समय से दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हैं। वहीं मोदी सरकार की तरफ से किसानों को बातचीत के लिए बुलाया नहीं जा रहा है। ऐसे में किसानों ने फरवरी से ही शंभू बॉर्डर पर डेरा डाल रखा है। वहीं खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं।


दिल्ली कूच करने पर अड़े किसानों पर हरियाणा पुलिस ने एक बार फिर कार्रवाई शुरू कर दी है। शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती है। दिल्ली के लिए पैदल निकले 101 किसानों को पुलिस ने रोक दिया और उनपर आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछार की। इससे पहले 6 और 8 दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की थी लेकिन उन्हें हरियाणा पुलिस ने रोक दिया था। पुलिस ने उनपर आंसू गैस का इस्तेमाल किया था। इस टकराव में कई किसान घायल भी हो गए थे।

किसानों ने शनिवार को एक बार फिर दिल्ली कूच करने की कोशिश की लेकिन बॉर्डर के पास ही उन्हे बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया। इसके बाद किसानों और प्रशासन के बीच संवाद भी हुआ। किसान नेताओं ने कहा कि वे देश की बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं और अपनी मांगों को लेकर राजधानी जाना चाहते हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात प्रधानमंत्री के सामने रखना चाहते हैं। किसानों ने कहा कि उनकी तलाशी ली जा सकती है। उनके पास ना तो ट्रैक्टर है और ना ही ट्रॉली।

प्रशासन ने किसानों से कहा कि वे कानून व्यवस्था को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि वे मान्यीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो वे पहले राजधानी मे प्रदर्शन के लिए परमीशन ले लें और इसके बाद पुलिस ही उन्हें वहां तक छोड़कर आएगी। पानी की तेज धार और आंसू गैस से बचने के लिए किसान गीले कपड़ों और बोरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक इस टकराव में कुछ किसान घायल हुए हैं। उन्हें स्ट्रेचर पर अलग ले जाया गया है। बता दें कि एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर किसान लंबे समय से दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हैं। वहीं मोदी सरकार की तरफ से किसानों को बातचीत के लिए बुलाया नहीं जा रहा है। ऐसे में किसानों ने फरवरी से ही शंभू बॉर्डर पर डेरा डाल रखा है। वहीं खनौरी बॉर्डर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं।


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