महाशिवरात्रि पर महाकाल की भव्य बारात के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु:

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कवर्धा । महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर कवर्धा में भगवान
महाकाल की भव्य बारात निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने
उत्साहपूर्वक भाग लिया। आकर्षक झांकियों और पारंपरिक नृत्य दलों के साथ
पूरा शहर शिवमय हो उठा।

भव्य झांकियों और श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
महाकाल
भक्त मंडल द्वारा आयोजित इस बारात में भगवान महाकाल को दूल्हा स्वरूप में
सुसज्जित रथ पर विराजमान किया गया। देवी-देवताओं, भूत-प्रेत, बाघ की
झांकियों और डीजे धुमाल पर नाचते हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने पूरे
वातावरण को शिवमय बना दिया। आयोजन समिति के विकाश केशरी ने बताया कि इस
भव्य कार्यक्रम में 10,000 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।

महाभिषेक से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम
की शुरुआत श्री बूढ़ामहादेव मंदिर में भगवान शिव के महाभिषेक से हुई।
पूर्ण विधि-विधान से आराधना के पश्चात श्री महाकाल की बारात निकाली गई। इस
वर्ष पंचमुखी महाकाल की प्रतिमा विशेष रूप से तैयार की गई थी, जिसमें चार
मुख पिछले चार वर्षों की प्रतिमाओं के समरूप हैं, जबकि पांचवां मुख दूल्हे
रूप में विराजमान था।

सिरसा हरियाणा की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र
महाकाल
की बारात में विशेष रूप से सिरसा, हरियाणा से बुलाई गई झांकी ने अपने
प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अघोरियों की भस्म क्रीड़ा और
अघोरी क्रियाओं ने भक्तों को शिवमय बना दिया।

10 फीट के नंदी पर सवार पंचमुखी महाकाल
महाकाल
की बारात में 10 फीट ऊंचे नंदी पर पंचमुखी महाकाल की सवारी ने श्रद्धालुओं
का मन मोह लिया। पूरा कवर्धा हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा।

बाहुबली हनुमान और भूत-प्रेत बने बाराती
बारात
में बाहुबली हनुमान, भूत-प्रेतों की टोली और अघोरियों के प्रदर्शन ने
माहौल को अलौकिक बना दिया। जैसे ही बारात महामाया मंदिर के समक्ष स्थित
भारत माता प्रतिमा प्रांगण में पहुंची, वहां माता गौरी के परिजनों के रूप
में पदाधिकारियों ने बारात का स्वागत किया।

शिव भजनों पर झूमे श्रद्धालु
विवाह
से पूर्व और पश्चात पंडित सुमित भारद्वाज द्वारा प्रस्तुत शिव भजनों पर
श्रद्धालु झूमते नजर आए। दिव्य विवाह के उपरांत भगवान महाकाल की भस्म आरती
संपन्न हुई, जिसे श्रद्धालुओं ने अत्यंत श्रद्धा और भक्ति से देखा। इसके
बाद महाआरती में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।

महाप्रसाद वितरण
भक्तों
के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया, जिसमें वृंदावन रेस्टोरेंट ने सेवा
दी। जोधपुरी स्वीट्स द्वारा निर्मित 51 किलो के लड्डू से भगवान महाकाल और
माता गौरी का भोग लगाया गया, जिसके बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया
गया।

आयोजन समिति के सुधीर केशरवानी, आकाश यदु, नीरज चंद्रवंशी,
निमेश चंद्रवंशी, अंकित देवांगन, युवराज चंदेल, अनुराग साहू सहित अन्य
सदस्यों ने सभी श्रद्धालुओं, जनप्रतिनिधियों, पुलिस प्रशासन, पत्रकारों और
सहयोगियों का आभार प्रकट किया। इस ऐतिहासिक आयोजन ने कवर्धा में
महाशिवरात्रि के उत्सव को अविस्मरणीय बना दिया।


कवर्धा । महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर कवर्धा में भगवान
महाकाल की भव्य बारात निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने
उत्साहपूर्वक भाग लिया। आकर्षक झांकियों और पारंपरिक नृत्य दलों के साथ
पूरा शहर शिवमय हो उठा।

भव्य झांकियों और श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
महाकाल
भक्त मंडल द्वारा आयोजित इस बारात में भगवान महाकाल को दूल्हा स्वरूप में
सुसज्जित रथ पर विराजमान किया गया। देवी-देवताओं, भूत-प्रेत, बाघ की
झांकियों और डीजे धुमाल पर नाचते हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने पूरे
वातावरण को शिवमय बना दिया। आयोजन समिति के विकाश केशरी ने बताया कि इस
भव्य कार्यक्रम में 10,000 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।

महाभिषेक से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम
की शुरुआत श्री बूढ़ामहादेव मंदिर में भगवान शिव के महाभिषेक से हुई।
पूर्ण विधि-विधान से आराधना के पश्चात श्री महाकाल की बारात निकाली गई। इस
वर्ष पंचमुखी महाकाल की प्रतिमा विशेष रूप से तैयार की गई थी, जिसमें चार
मुख पिछले चार वर्षों की प्रतिमाओं के समरूप हैं, जबकि पांचवां मुख दूल्हे
रूप में विराजमान था।

सिरसा हरियाणा की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र
महाकाल
की बारात में विशेष रूप से सिरसा, हरियाणा से बुलाई गई झांकी ने अपने
प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अघोरियों की भस्म क्रीड़ा और
अघोरी क्रियाओं ने भक्तों को शिवमय बना दिया।

10 फीट के नंदी पर सवार पंचमुखी महाकाल
महाकाल
की बारात में 10 फीट ऊंचे नंदी पर पंचमुखी महाकाल की सवारी ने श्रद्धालुओं
का मन मोह लिया। पूरा कवर्धा हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा।

बाहुबली हनुमान और भूत-प्रेत बने बाराती
बारात
में बाहुबली हनुमान, भूत-प्रेतों की टोली और अघोरियों के प्रदर्शन ने
माहौल को अलौकिक बना दिया। जैसे ही बारात महामाया मंदिर के समक्ष स्थित
भारत माता प्रतिमा प्रांगण में पहुंची, वहां माता गौरी के परिजनों के रूप
में पदाधिकारियों ने बारात का स्वागत किया।

शिव भजनों पर झूमे श्रद्धालु
विवाह
से पूर्व और पश्चात पंडित सुमित भारद्वाज द्वारा प्रस्तुत शिव भजनों पर
श्रद्धालु झूमते नजर आए। दिव्य विवाह के उपरांत भगवान महाकाल की भस्म आरती
संपन्न हुई, जिसे श्रद्धालुओं ने अत्यंत श्रद्धा और भक्ति से देखा। इसके
बाद महाआरती में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।

महाप्रसाद वितरण
भक्तों
के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया, जिसमें वृंदावन रेस्टोरेंट ने सेवा
दी। जोधपुरी स्वीट्स द्वारा निर्मित 51 किलो के लड्डू से भगवान महाकाल और
माता गौरी का भोग लगाया गया, जिसके बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया
गया।

आयोजन समिति के सुधीर केशरवानी, आकाश यदु, नीरज चंद्रवंशी,
निमेश चंद्रवंशी, अंकित देवांगन, युवराज चंदेल, अनुराग साहू सहित अन्य
सदस्यों ने सभी श्रद्धालुओं, जनप्रतिनिधियों, पुलिस प्रशासन, पत्रकारों और
सहयोगियों का आभार प्रकट किया। इस ऐतिहासिक आयोजन ने कवर्धा में
महाशिवरात्रि के उत्सव को अविस्मरणीय बना दिया।


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